गुजरात के गधों पर दिए गए अखिलेश यादव के बयान पर घमासान मच गया है। राज्य में प्रजापति और धोबी समाज के लोगों में भारी नाराजगी है। समाज का कहना है कि जिस तरह यादव समाज के लोग गाय का दूध बेचकर जीवन यापन करते हैं, उसी तरह हम गधों पर मिट्टी के बर्तन, कपड़े और सामान ढोने का काम करते हैं।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अखिलेश की बात का व्यापक विरोध हो रहा है। प्रजापति समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजन सिंह का कहना है कि उनके बयान से हमें गहरा दुख पहुंचा है। जैसे यादवों के लिए गाय खास है, वैसे ही हमारे गुजर-बसर के लिए गधे जरूरी हैं। राजन ने कहा कि इस बारे में हमने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अपना बयान वापस लेने की मांग की है।
अलीगढ़ में नागला माली इलाके के धोबी रुपेंद्र सिंह का कहना है कि गधों पर हम बर्तन और कपड़े ढोने का काम रहते हैं। इससे हमारा जीवन चलता है। इसी तरह जयगंज इलाके के मेघ सिंह (प्रजापति) का कहना है कि गधों पर हम ईंट और मिट्टी ढोकर अपना जीवनयापन करते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रायबरेली की एक रैली में अमिताभ बच्चन के गुजरात पर्यटन के एक विज्ञापन का हवाला देते हुए कहा था कि हम सदी के महानायक से गुजारिश करते हैं कि वे गुजरात के गधों का प्रचार ना करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गधों का भी कहीं विज्ञापन होता है। अखिलेश ने इस पूरे विज्ञापन को पढ़कर भी सुनाया। दरअसल गुजरात टूरिज्म के विज्ञापन में अमिताभ बच्चन गुजरात के खास गधों की विशेषताएं बता रहे हैं।
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