Home गुजरात विशेष जिसे कांग्रेस ने भुला दिया, उसे पीएम मोदी ने याद किया

जिसे कांग्रेस ने भुला दिया, उसे पीएम मोदी ने याद किया

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अखंड भारत के प्रणेता जिस सरदार वल्लभभाई पटेल को कांग्रेस ने नजरअंदाज करने का काम किया था, मां भारती के उसी सपूत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया ऐतिहासिक और अभूतपूर्व सम्मान। सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पीएम मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में उनकी 182 मीटर ऊंची गगनचुंबी प्रतिमा का अनावरण कर उसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया। विश्व की इस सबसे ऊंची प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है।

सरदार साहब के प्रति पीएम के मन में गहरा सम्मान

सरदार साहब के प्रति पीएम के मन में कितना गहरा सम्मान है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अनावरण से पहले उन्होंने गंगा, यमुना, नर्मदा समेत 30 छोटी-बड़ी नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया की ये सबसे ऊंची प्रतिमा उस व्यक्ति के साहस, संकल्प की याद दिलाती रहेगी जिसने मां भारती को खंड-खंड टुकड़ों में करने की साजिश को नाकाम किया। ऐसे महापुरुष को मैं शत-शत नमन करता हूं।‘’ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को चार धातुओं के मिश्रण से तैयार किया गया है। इससे इसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। इसमें 85% तांबे का इस्तेमाल हुआ है।

दरअसल आजादी के बाद लगभग 65 सालों तक कांग्रेस ने एक ही परिवार को महिमामंडित करने के चक्कर में देश की विभूतियों का नाम इतिहास के पन्ने से मिटाने का काम किया। नरेन्द्र मोदी जब से पीएम बने हैं, वैसी विभूतियों को लगातार सम्मानित करने और उनकी विरासत को संजोने में लगे हैं।

देश की विभूतियों के लिए पीएम मोदी ने क्या-क्या किया ?

सुभाष चंद्र बोस

  • पीएम बनने के बाद नेताजी से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए
  • आजाद हिन्द सरकार की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले के प्राचीर से झंडारोहण कर इतिहास रचा

डॉ. भीमराव अम्बेडकर

  • बाबासाहेब से जुड़े तीर्थ स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया
  • जन्मस्थली महू में बाबासाहेब के स्मारक को बीजेपी ने भव्य रूप दिया

सर छोटू राम

  • हरियाणा के रोहतक में महान क्रांतिकारी और समाज सुधारक सर छोटू राम की प्रतिमा का अनावरण किया
  • दीनबंधु छोटू राम के नाम पर स्मारक भी बनवाया

पाइक विद्रोह

  • पीएम ने पाइक विद्रोह के शहीदों के वंशजों की मौजूदा पीढ़ी से ओडिशा जाकर मुलाकात की
  • पाइक विद्रोहियों ने ओडिशा में 1817 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था

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