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तीसरे चरण की वोटिंग के बाद विपक्षी पार्टियां हताश, बीजेपी प्रचंड जीत की ओर

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लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण की वोटिंग के बाद देश की 302 सीटों के लिए मतदान हो चुके है। अब तक के जो ट्रेंड हैं, उसके हिसाब से विपक्षी पार्टियों को 2014 से भी बड़ी हार का सामना कर पड़ सकता है। वहीं, बीजेपी और एनडीए को मोदी लहर का जबरदस्त फायदा मिलता दिख रहा है। चुनावी एजेंसियों के इंटरनल सर्वे के अनुसार बीजेपी तीन चरणों की वोटिंग में ही बहुमत के करीब पहुंच चुकी है। यदि यही ट्रेंड बने रहे तो बीजेपी अपने दम पर 325 के करीब सीटें जीत सकती है जबकि एनडीए के कुल सीटों का आंकड़ा 400 के पार जा सकता है। तीसरे चरण में जिन 117 सीटों पर वोटिंग हुई है, 2014 में इनमें से 63 सीटें बीजेपी के पास थीं। कांग्रेस के पास 16, बीजेडी के पास 6, सीपीएम के पास 8, एनसीपी 4, सपा 3 और अन्य के पास 15 सीटें थीं। इस बार बीजेपी की सीटों की संख्या 90 के करीब पहुंचने का अनुमान है। वहीं, दूसरी पार्टियों को भारी नुकसान तय है।

बता दें कि देश की कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए सात चरण में चुनाव हो रहे हैं। इनमें से तीन चरण का चुनाव पूरा हो चुका है। इसी के साथ 302 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण की 91, दूसरे चरण की 95 और तीसरे चरण की 117 सीटों पर वोटिंग हुई है। इनमें जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट भी शामिल हैं, जहां तीन चरण में चुनाव होने हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल को पहले चरण की 20 राज्यों की 91 सीटों पर करीब 60 फीसदी लोगों ने वोट डाला।  2014 में इन्हीं 91 सीटों पर 70.79 फीसदी मतदान हुए थे। ये पिछली बार की तुलना में करीब 10 फीसदी कम है। पहले चरण की जिन 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 32 सीटें जीतने में सफल रही थी जबकि कांग्रेस के पास महज 7 सीटें थीं। इसके अलावा 16 सीटें टीडीपी के पास, 11 टीआरएस, 9 सीटें वाईएसआर कांग्रेस, 4 सीटें बीजेडी और 12 सीटें अन्य दलों ने जीती थी।

लोकसभा चुनाव के लिए 18 अप्रैल को दूसरे चरण के 12 राज्यों की 95 सीटों पर करीब 68 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। इन 95 सीटों पर 2014 में 65 फीसदी वोटिंग पड़ी थी। पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 3 फीसदी अधिक वोट पड़े जबकि 2009 के चुनाव में 62.49 फीसदी वोट पड़े थे।

दूसरे चरण की जिन 95 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है, इन्हीं सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 27 सीटें जीतने में सफल रही थी जबकि एनडीए के पास 64 सीटें थी। वही, कांग्रेस ने महज 12 सीटें जीती थी। इसके अलावा 4 सीटें बीजेडी, 2 सीटें जेडीएस, 2 सीटें आरजेडी, 1 सीटें टीएमसी, एक जेडीयू और 6 सीटें अन्य को मिली थी। बीजेपी की सहयोगी  एआईएडीएमके के पास 36 सीटें और शिवसेना के पास 4 सीटें थी।

वोटिंग में लगातार इजाफा
लोकसभा चुनाव 2019 में अब चार चरणों में 241 सीटों पर वोटिंग होनी है। इसका मतलब साफ है कि आधे से ज्यादा सीटों पर चुनाव का सफर पूरा हो चुका है। पहले चरण की वोटिंग कम होने के बाद बाकी तीन चरणों में वोटिंग फीसदी में इजाफा हुआ है।

ऐसे समझिए वोटिंग के पैटर्न को

  • तीसरे चरण में 66.4 फीसदी वोटिंग हुई है जो 2014 से करीब 4 फीसदी कम है। इसका स्पष्ट मतलब है कि केंद्र सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी का माहौल नहीं है।
  • सबसे ज्यादा वोटिंग असम में 80.75 फीसदी हुई है, जहां एनआरसी को लेकर बीजेपी के पक्ष में जबरदस्त समर्थन है। इसका असर पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में है।
  • केरल में 73.69 फीसदी वोट पड़े हैं जहां सबरीमाला विवाद तथा पीएम मोदी द्वारा विश्वास के मुद्दों को संवैधानिक संरक्षण देने के वादे से लोग उत्साहित हैं।
  • यूपी की 10 सीटों पर हुई वोटिंग में 2014 की तुलना में कमी आई है। इसे महागठबंधन के समर्थकों में उत्साह की कमी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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