मोदी सरकार ने देश में पावर सेक्टर की हालत सुधारने के लिए एक स्मार्ट प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत मोदी सरकार देश के हर घर और कारोबारी संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगवाने की योजना पर काम कर रही है। जिसके तहत अगले तीन साल में करीब 30 करोड़ स्मार्ट मीटर की जरूरत पड़ेगी।
रुकेगी बिजली चोरी
सरकार के इस कदम में बिजली की चोरी पर लगाम लगेगी और पावर कंपनियों की सेहत बेहतर होगी। यह स्मार्ट मीटर बिजली उपयोग को मॉनिटर करेगा जिससे पावर सेक्टर की क्षमता बढ़ेगी।
स्मार्ट मीटर लगने से होगी 24 घंटे सप्लाई
बिजली उत्पादन और बिजली वितरण करने वाली कंपनियों की हालत खराब है। एक तरफ जहां बिजली चोरी से कंपनियां घाटे में हैं, वहीं उन पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। बिजली चोरी की समस्या की वजह से ही सरकार की 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रही है। स्मार्ट मीटर इस बिजली चोरी पर लगाम लगाएगा।
ऊर्जा मंत्रालय ने स्मार्ट मीटर की सप्लाई के लिए मैनुफैक्चरर्स से बातचीत शुरू कर दी है। स्मार्ट मीटर से बिजली उपयोग को मॉनिटर किया जा सकेगा, जिससे पावर सेक्टर की क्षमता बढ़ेगी।
स्मार्ट मीटर पर मोदी सरकार देगी सब्सिडी
केंद्र सरकार स्मार्ट मीटर के इस इंस्टालेशन पर सब्सिडी भी देने की योजना बना रही है। अनुमान के मुताबिक एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2,000 रुपये का खर्च आयेगा।
इन 30 करोड़ स्मार्ट मीटर्स पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। यह अनुमान 2017 में 50 लाख स्मार्ट मीटर के लिए निकाले गये एक टेंडर पर आधारित है. इस टेंडर में एक स्मार्ट मीटर पर करीब 2,503 रुपये का खर्च आया था।