इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर पहुंच गए है। दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक यात्रा पर उनका स्वागत किया। रविवार को जब बेंजामिन नेतन्याहू दिल्ली में पालम एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे, तो पीएम मोदी प्रोटकॉल तोड़कर खुद उन्हें रिसीव करने पहुंचे, वहीं पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने एक-दूसरे को गला लिया। पीएम मोदी और नेतन्याहू दो बार गले मिले। इस दौरान बेंजामिन की पत्नी सारा भी साथ में मौजूद रहीं। पीएम मोदी ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ उनसे हाथ मिलाकर, भारत की धरती पर उनका वेलकम किया। इससे पहले पिछले साल चार जुलाई को जब पीएम मोदी इजरायल गए थे, तब प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी इसी अंदाज में उनका स्वागत किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नेतन्याहू का स्वागत करते हुए लिखा, ‘मेरे दोस्त पीएम नेतन्याहू भारत में आपका स्वागत है। आपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है. ये दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी।’ पीएम ने अपने ट्वीट के साथ हैशटैग भी अलग अंदाज में लिखा। पीएम ने ट्वीट के साथ #ShalomNamaste यूज किया।
Welcome to India, my friend PM @netanyahu! Your visit to India is historic and special. It will further cement the close friendship between our nations. @IsraeliPM #ShalomNamaste pic.twitter.com/sidgMmA1fu
— Narendra Modi (@narendramodi) 14 January 2018
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, ‘हार्दिक स्वागत के लिए बहुत शुक्रिया मेरे अच्छे दोस्त।’
We have landed in India. Thank you to my good friend Narendra Modi for the warm welcome! https://t.co/mLsGxZT1E7
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) 14 January 2018
I am so happy to meet you again, my friend @PMOIndia @NarendraModi! ???? #ShalomNamaste pic.twitter.com/UX1AItuPWy
— PM of Israel (@IsraeliPM) 14 January 2018
तीन मूर्ति चौक पर दी श्रद्धांजलि
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिवसीय यात्रा के पहले दिन सबसे पहले दिल्ली के तीन मूर्ति चौक गए। तीन मूर्ति स्मारक पर बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ पीएम मोदी और सारा नेतन्याहू भी मौजूद रहे। दरअसल, तीन मूर्ति स्मारक का इजरायल से गहरा संबंध है। यही वजह है कि इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया है।
क्यों बदला गया तीन मूर्ति चौक का नाम
हाइफा की लड़ाई 23 सितंबर 1918 को लड़ी गई थी. इस वक्त देश में अंग्रेजों का राज था और अंग्रजों ने जोधपुर, हैदराबाद, मैसूर रियासत की सेना को हाइफा पर कब्जा करने के आदेश दिए और उसके बाद भारतीय सैनिकों ने हाइफा में तुर्की की सेना का सामना किया। यह लड़ाई उस वक्त हुई, जब जर्मनी के साथ संबद्ध शक्तियों और तुर्क साम्राज्य के बीच एक के बाद एक लड़ाई हो रही थी, जिसे सिनाई और फिलिस्तीन अभियान कहा जाता था।