प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद पिछले तीन साल में देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की सूरत बदल कर रख दी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं, जिसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। केंद्र सरकार समाज के गरीब, वंचित और उपेक्षित लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रही है। सबका साथ सबका विकास के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले तीन साल में जो काम किए गए हैं, उसमें से कुछ हैं-
स्टेंट के दाम में कमी- सरकार की सख्ती के कारण धातु के बने डीईएस और बायोडिग्रेडेबल स्टेंटों सहित कोरोनरी स्टेंटों के लिए बेअर मेटल स्टेंट की कीमत 7,260 रुपए और ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट (डीईएस) की कीमत 29,600 रुपए तय कर दी गई है। इससे स्टेंट के दाम में 85 प्रतिशत की कमी आई है।
मिशन इंद्रधनुष- मोदी सरकार बनने के बाद 2014 में देशभर में शुरू मिशन इंद्रधनुष अभियान के जरिए हर बच्चे को वैक्सीन से प्रतिरक्षित किया जा रहा है। अबतक 2.6 करोड़ बच्चों का टीकाकरण हो चुका है।
अमृत- कैंसर और हर्ट के मरीजों को किफायती दाम पर दवाई और प्रत्यारोपण यंत्र इस योजना के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे उपचार लागत में 90% तक कमी आई है। करीब 10.14 लाख मरीजों को फायदा मिला है
पीएम मोदी ने किसके बारे में कहा- शिव की तरह है तीसरी आंख
प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम- किडनी के मरीजों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, इसमें गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस पहल के तहत 1,069 डायलिसिस इकाइयां, 2,319 डायलिसिस मशीनें संचालित की गई हैं। 8.5 लाख से अधिक डायलिसिस सत्रों में 80,000 से अधिक मरीजों को डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
विशेषज्ञों की उपलब्धता- मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में शैक्षणिक सत्र 2017-।8 के लिए 4,000 से अधिक स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें अनुमोदित की गई हैं जिससे स्नातकोत्तर सीटों की कुल संख्या बढ़कर 35,117 हो गई है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान- सुरक्षित मातृत्व, प्रसवपूर्ण देखभाल, मातृत्व नवजात शिशु एवं किशोर स्वास्थ्य के लिए देशभर में 11,000 से अधिक सुविधा केन्द्र सेवाएं प्रदान कर रहे हैं तथा 33 लाख से अधिक प्रसव-पूर्व जांच भी की गई है।
जच्चा-बच्चा मृत्यु अनुपात में कमी-5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर और मातृ मृत्यु अनुपात में कमी आई है।
मातृ और नवजात टिटनेस उन्मूलन- दिसंबर, 2015 की वैश्विक रूप से निर्धारित तिथि से काफी पहले मई, 2015 में मातृ और नवजात टिटनेस उन्मूलन (एमएनटीई) की पुष्टि कर दी गई। पोलियो उन्मूलन के बाद प्रसव में सुधार सहित स्वास्थ्य प्रणालियों के मजबूती से इस पुष्टि के रूप में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत पोलियो मुक्त है लेकिन इस स्थिति को बनाए रखने के लिए 30 अक्तूबर, 2015 को इनएक्टिवेटेड पोलियो टीके की शुरूआत की गई।
जो अंधेरे को रोशन कर दे – वो हैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी
वयस्क जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) टीकाकरण- 15-65 वर्ष की आयु वर्ग में जेई टीकाकरण के लिए असम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में रोगियों की अधिक संख्या वाले 21 जिलों की पहचान की गई। इन जिलों में 3 करोड़ से भी अधिक वयस्कों को इसकी डोज दी गई है।
रोटा वायरस टीका – हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा और आन्ध्र प्रदेश राज्यों में इसकी शुरूआत की गई और चरणबद्ध तरीके से इसका पूरे देश में विस्तार किया जाएगा।
खसरा-रूबेला – खसरा-रूबेला टीका अभियान फरवरी, 2017 में शुरू किया गया। इससे देश के 41 करोड़ बच्चों को खसरा तथा रूबेला जैसे रोगों से बचाया जाएगा।
अनिवार्य दवाइयों की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में शामिल 489 दवाइयों के अधिकतम मूल्य अधिसूचित किए गए हैं।
सरकार ने पूर्व में स्थापित किए जा चुके 6 एम्स के अतिरिक्त, 11 नए एम्स स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अतिरिक्त, 70 मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशियल्टी ब्लॉक स्थापित किए जा रहे हैं। 2 राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, 20 राज्य कैंसर संस्थान तथा 50 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं।
जन स्वास्थ्य क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी पहल:
- किलकारी और मोबाईल अकादमी- गर्भवती महिलाओं, बच्चों के माताओं और उनके माताओं के मोबाइल फोन पर गर्भावस्था और शिशु स्वास्थ्य के बारे में ऑडियो संदेश
- लोगों को तंबाकू छोड़ने में मदद करने और परामर्श देने के लिए 011-22901701 पर मिस्ड कॉल देने वाला एम-सीजेशन।
- क्षयरोगियों के लिए परामर्शन और उपचार सेवा उपलब्ध कराने हेतु टीबी हेतु मिस्ड कॉल (टोल फ्री नं; 1800-11-6666) ।
- स्वस्थ भारत नामक मोबाइल एप को स्वस्थ जीवन शैली, रोग स्थिति, लक्षण,उपचार विकल्प, प्राथमिक उपचार और जन स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों से जुड़ी सूचना उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (www.nhp.gov.in) की शुरूआत
- ई-हास्पिटल (ओपीडी में समय लेने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली) नामक सुविधा की शुरूआत 63 अस्पतालों में की गई है। दिनांक 3 मार्च, 2017 तक 6 लाख से अधिक ई-हास्पिटल समय लिए गए तथा 49 लाख ऑनलाइन पंजीकरण आधारित समय लिए और दिए गए।