अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कुछ बड़े एलान किए। वित्त मंत्री के इस ऐलान पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया और इसे ऐतिहासिक कदम बताया। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने इसे 130 करोड़ भारतीयों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।
The step to cut corporate tax is historic. It will give a great stimulus to #MakeInIndia, attract private investment from across the globe, improve competitiveness of our private sector, create more jobs and result in a win-win for 130 crore Indians. https://t.co/4yNwqyzImE
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2019
वित्त मंत्री द्वारा कार्पोरेट टैक्स में कटौती के ऐलान के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि मेक इन इंडिया को एक शानदार प्रोत्साहन देगा जो दुनिया भर से निजी निवेश को आकर्षित करेगा, हमारे निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा में सुधार करेगा और अधिक नौकरियां पैदा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और ट्वीट कर कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में हुई घोषणाएं स्पष्ट रूप से बताती हैं कि हमारी सरकार भारत को व्यापार के लिए बेहतर बनाने, समाज के सभी वर्गों के लिए अवसरों को बेहतर बनाने और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
The announcements in the last few weeks clearly demonstrate that our government is leaving no stone unturned to make India a better place to do business, improve opportunities for all sections of society and increase prosperity to make India a $5 Trillion economy.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2019
बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पीसी कर कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा की। अब घरेलू कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि नयी दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि दर कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है।
इससे पहले सीतारमण ने कहा कि निवेश और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये ये कदम उठाये गये हैं। यदि कोई घरेलू कंपनी किसी भी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लें तो उनके लिये कॉरपोरेट कर की दर 22 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम तथा वित्त अधिनियम में किये गये बदलाव अध्यादेश के जरिये अमल में लाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर देने की जरूरत नहीं होगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद बनने वाली घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकेंगी। इनके लिये अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि छूट का लाभ उठा रही कंपनियां इनकी अवधि समाप्त होने के बाद कम दर पर कर का भुगतान करने का विकल्प चुन सकती हैं।
मोदी सरकार ने प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित उपकर को भी वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य-उपकर समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। वित्तमंत्री ने एक अन्य राहत देते हुए कहा कि जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है, उन्हें भी धनाढ्य-उपकर नहीं देना होगा।
कंपनियों को अब दो प्रतिशत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इनक्यूबेशन, आईआईटी, एनआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं पर खर्च करने की भी छूट दी गयी है। सीतारमण ने कर में छूट से मेक इन इंडिया में निवेश आने तथा रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का भरोसा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि इससे अधिक राजस्व प्राप्त होगा।