Home विपक्ष विशेष एक सर्वे ने खोली सीएम सिद्धारमैया के विकास की पोल

एक सर्वे ने खोली सीएम सिद्धारमैया के विकास की पोल

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कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू अर्बन गवर्नेंस के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। गैर सरकारी संगठन जनाग्रह सेंटर फोर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी का सर्वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के विकास के दावों की पोल खोलने वाला है। 2017 के लिए भारत में शहरी प्रणाली के वार्षिक सर्वेक्षण में देश के 20 राज्यों के जिन प्रमुख 23 शहरों को शामिल किया गया था, उनमें बैंगलुरू सबसे निचले स्थान पर है।

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सर्वेक्षण के मुताबिक शहरी प्रशासन के मामले में पुणे सबसे बेहतर और देश की आईटी कैपिटल के रुप में विख्यात बैंगलुरु सबसे खराब शहर है। इस सर्वेक्षण में सभी शहरों को 10 में 3 और 5.1 के बीच अंक आए हैं। हैरानी की बात यह है कि बैंगलुरू को 3 अंक मिले हैं जो सबसे कम हैं। जबकि टॉप रहने वाले पुणे को 5.1 अंक मिले हैं।

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सर्वेक्षण के मुताबिक बैंगलुरू में में बृहत बैंगलुरू महानगर पालिका यानी बीबीएमपी द्वारा नागरिक सुविधाओं पर कुछ भी खर्च नहीं किया जा रहा है। बीबीएमपी में भारी वित्तीय अनियमितिताएं हैं और इन गड़बड़ियों से निपटने के लिए सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। सर्वे के अनुसार बैंगलुरू में प्रति नागरिक के हिसाब से स्वच्छता पर सबसे कम पैसा खर्च किया जाता है। यही वजह है कि 2017 में बैंगलुरू सबसे निचले स्थान पर आ गया है।

आपको बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हमेशा यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने बैंगलुरू में बहुत विकास किया है। ताजा सर्वे इन दावों को खोखला साबित कर रहा है। बैंगलुरू की लोग भी सिद्धारमैया के दावों को झूठा बताते हैं।

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