प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने हवाई सेक्टर को आम लोगों की पहुंच में ला दिया है। पहले जहां हवाई किराया महंगा होने की वजह से आम लोग हवाई जहाज की सवारी नहीं कर पाते थे, अब मोदी सरकार की नीतियों की वजह से हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर कर रहा है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 2017-18 में हवाई यात्रा का किराया औसतन 18% सस्ता हुआ है। इतना ही नहीं किराया सस्ता होने से घरेलू हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में सालाना आधार पर 19% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
Average airfare fell by 18% in 2017 over average air fare in 2015, making air travel more affordable for everyone #SaafNiyatSahiVikas
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) 3 June 2018
Indian scheduled airlines carried more than 12 cr domestic passengers during FY18 as against 6.1 cr in FY14, recording growth of 19% CAGR. Strategic policies resulting in enabling more Indians to fly than ever before #SaafNiyatSahiVikas
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) 3 June 2018
मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका मंत्रालय ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विमानों के घरेलू उत्पादन का खाका तैयार करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा , ‘‘2015 की तुलना में 2017 में हवाई यात्रा किराये में औसतन 18% की कमी आई है। इसने हवाई यात्रा को सर्वसुलभ बनाया है।’’ सुरेश प्रभु के मुताबिक 2017-18 में घरेलू विमानन कंपनियों से 12 करोड़ से ज्यादा लोगों ने यात्रा की जबकि 2013-14 में यह संख्या 6.1 करोड़ थी। यह यात्रियों की संख्या में सालाना आधार पर 19% वृद्धि को दिखाता है।
#UDAN envisions enhancing regional connectivity through a market based mechanism. Passenger fares capped at Rs. 2,500 for an hour long flight to enhance affordability and connectivity. #UDAN enabling “Aam Nagrik” to fly #SaafNiyatSahiVikas
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) 3 June 2018
मोदी सरकार ने हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण, नए एयरपोर्ट के निर्माण और देश के छोटे शहरों को नए हवाई मार्गों से जोड़ने के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया है। मोदी सरकारी की एविएशन पॉलिसी की वजह से ही यात्रियों की संख्या बढ़ी है। डालते हैं एक नजर-
ट्रेन के एसी डिब्बों से अधिक यात्री कर रहे हवाई सफर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में देश चौतरफा विकास की ओर अग्रसर है। मोदी सरकार की नीतियों की वजह से अन्य क्षेत्रों की तरह ही देश का एविएशन सेक्टर भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। मोदी सरकार ने पिछले चार वर्षों में हवाई यात्रा को आम आदमी की जद में ला दिया है। यही वजह है कि देश में हवाई यात्रा करने वालों लोगों की संख्या ट्रेन के एसी बोगी में यात्रा करने वालों से ज्यादा हो गई है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई मौकों पर इसका जिक्र कर चुके हैं। केंद्र सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर सरकार की तरफ से जारी आंकडों के अनुसार भारत विश्व के तीसरे सबसे बड़े एविएशन मार्केट के तौर पर उभरा है। भारत में पिछले तीन साल से पैसेंजर टैरिफ ग्रोथ की रेंज 18-20 प्रतिशत तक है।
एविएशन मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार 2017 में घरेलू यात्रियों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। जाहिर है कि मोदी सरकार हवाई सेक्टर में बदलाव के लिए 2016 में नेशनल सिविल एविएशन पॉलिसी लाई थी। इसी पॉलिसी के तहत देश के छोटे शहरों में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उड़ान योजना लॉन्च की गई थी। इसी स्कीम के तहत हुए बदलावों की बदौलत आज देश के हवाई सेक्टर की दिशा बदल गई है। एविएशन मिनिस्ट्री अगले 15-20 सालों में हवाई यात्रियों की संख्या में सालाना पांच गुना बढ़ोतरी का लक्ष्य लेकर चल रही है। सिविल एविएशन सेक्टर में अगले एक दशक में 1000 एयरक्रॉफ्ट के शामिल होने की उम्मीद है।
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 1.15 करोड़ के पार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का एविएशन सेक्टर लगातार तरक्की कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं उपलब्ध हों और आम लोगों को भी सस्ते टिकट मिलें, जिससे वो हवाई यात्रा कर सकें। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का नतीजा भी अब दिखने लगा है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल मार्च में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 28.03 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड एक करोड़ 15 लाख 80 हजार के पार पहुंच गई है। पिछले साल मार्च में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या 90 लाख 45 हजार थी। जारी आंकड़ों के अनुसार साल के पहले 3 महीने में जनवरी से मार्च के बीच हवाई यात्रियों की संख्या 23.87 फीसदी बढ़कर 3 करोड़ 37 लाख 90 हजार पर पहुंच गई। पिछले साल जनवरी-मार्च में यह संख्या दो करोड़ 72 लाख 79 हजार रही थी। आंकड़ों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश का एविएशन सेक्टर भी उड़ान भर रहा है। सबसे अहम बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सके, और उनका यह सपना भी अब पूरा हो रहा है।
मोदी राज में भारत बना दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का एविएशन सेक्टर लगातार तरक्की कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत बीते साल लगातार तीसरी बार दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार बना रहा। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने कहा है कि 2017 में भारत यात्रियों की संख्या (आरपीके) में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह दस साल के 5.5 प्रतिशत औसत से अधिक है। आईएटीए की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू विमानन बाजार ने 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। लगातार तीसरे साल इसमें वृद्धि दर्ज हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से इसके पक्षधर रहे हैं कि विमानों के यात्री किराए में कमी हो और यह आम लोगों की पहुंच में हों। इसी मकसद से उन्होंने पिछले वर्ष उड़ान योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं उपलब्ध हों और आम लोगों को भी सस्ते टिकट मिलें, जिससे वो हवाई यात्रा कर सकें। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का नतीजा भी अब दिखने लगा है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में 15.84 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की है। यह संख्या 2015-16 में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या 13.49 करोड़ से 2.35 करोड़ अधिक है। गौरतलब है कि इससे पहले 2014-15 में 11.58 करोड़ लोगों ने हवाई जहाज में यात्रा की थी। आंकड़ों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश का एविएशन सेक्टर भी उड़ान भर रहा है। सबसे अहम बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सके, और उनका यह सपना भी अब पूरा हो रहा है।
वर्ष | हवाई यात्रियों की संख्या |
2014-15 | 11.58 करोड़ |
2015-16 | 13.49 करोड़ |
2016-17 | 15.84 करोड़ |
क्या है उड़ान योजना ?
उड़ान योजना 15 जून 2016 को जारी राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति यानी एनसीएपी की एक प्रमुख घटक है। इसके तहत करीब 500 किलोमीटर के लिए एक ‘फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट’ विमान से एक घंटे की यात्रा या किसी हेलीकॉप्टर से आधे घंटे की यात्रा का हवाई किराया 2500 रुपए होगा। इसके साथ ही इस योजना के तहत देश के छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के तहत देशभर में 141 नए हवाई रूट चिन्हित किए गए हैं। नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय अब इन नए मार्गों पर हवाई जहाज चलाने की योजना पर काम कर रहा है। कई रूट ऐसे हैं, जिन पर विमानों का परिचालन शुरू भी कर दिया गया है। कम किराये के कारण विमान सेवा कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए वॉयेबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के रूप में सरकार क्षतिपूर्ति देती है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भी इसके लिए हवाई अड्डा शुल्क माफ कर दिया है। वहीं सुरक्षा, बिजली तथा अग्निशमन सुविधाएं भी राज्य सरकारें नि:शुल्क दे रही है।
प्रधानमंत्री ने शुरू की थी सस्ती हवाई सेवा ‘उड़ान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष 27 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से सस्ती हवाई सेवा ‘उड़ान’ की शुरुआत की थी। इसके तहत शिमला से दिल्ली के लिए पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी थी। इस अवसर पर प्नधानमंत्री ने कहा ”मैं चाहता हूं कि हवाई जहाज में हवाई चप्पल वाले लोग दिखाई दें।” उन्होंने कहा कि दुनिया में हवाई सफर का सबसे ज्यादा स्कोप भारत में है और इस क्षेत्र में हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है।
कॉमन मैन के लिए है ‘उड़ान’ योजना
ढाई हजार रुपये में 500 किलोमीटर की एयर ट्रैवल वाली ये क्षेत्रीय संपर्क योजना अपने मूल उद्देश्य ‘उड़े देश का आम आदमी’ के लक्ष्य के साथ पहली उड़ान भरी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले धारणा थी कि हवाई यात्रा राजा-महाराजा का ही विषय है। इसलिए एयर इंडिया का लोगो भी ‘महाराजा’ ही था। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार के समय मैंने राजीव प्रताप जी से कहा कि ये लोगो बदलकर महाराजा के लोगो की जगह कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का कॉमनमैन क्यों नहीं लग सकता। उनका ये सपना पूरा हुआ इसके लिए उन्हें बेहद खुशी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार एविएशन पॉलिसी बनाने का सौभाग्य उनकी सरकार को मिला है और अब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकते हैं।
समय और धन की होगी बचत
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम टैक्सी से सफर करें तो 8-10 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आता है और शिमला आने में समय करीब 10 घंटे लगते हैं। लेकिन इस पॉलिसी से खर्च सिर्फ 6 या 7 रुपये ही होगा। प्रधानमंत्री ने टूरिज्म को सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला इंडस्ट्री बताते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट जो जाता है वह बार-बार जाना चाहता है। लेकिन कनेक्टिविटी के अभाव में वह ऐसा नहीं कर पाता। इस योजना से सिर्फ यात्रा की सुविधा ही नहीं बल्कि दो संस्कृतियां भी जुड़ती हैं। देश के एक कोने को दूसरे से जोड़ने का काम इससे हो रहा है।
49 नए हवाई अड्डे से परिचालन शुरू करने के लिए आया प्रस्ताव
प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘उड़ान’ योजना का दूसरा चरण शुरू हो गया है। छोटे शहरों को विमान नेटवर्क से जोड़ने वाली इस योजना में 60 नए शहरों से विमान सेवा शुरू होने वाला है। इन शहरों से विमान सेवा शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग पहले ही मंजूरी दे चुका है। उड़ान योजना के लिए कुल 15 विमान सेवा व हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाताओं को 325 मार्गों का आवंटन किया गया। इसके तहत कुल 109 हवाई अड्डों और हेलिपोर्ट को जोड़ा जाएगा। इनमें 60 से अभी नियमित उड़ानों का संचालन नहीं होता है, जबकि 13 ऐसे हवाई अड्डे और हेलिपोर्ट हैं जहां से अभी एक सप्ताह में 14 से कम उड़ानों का संचालन होता है।
उड़ान के दूसरे चरण में 31 हेलिपोर्टों से भी सेवाएं शुरू करने के प्रस्ताव आए। जिन शहरों से उड़ान के तहत सेवाएं शुरू होंगी, उनमें अरुणाचल प्रदेश में पस्सीघाट, ईटानगर, तेजू, जीरो, असम का जोरहट, तेजपुर, मणिपुर का जिरिबम, पाबुंग, गुजरात का कांडला, पोरबंदर, हरियाणा का हिसार, हिमाचल प्रदेश का कसौली मंडी, शिमला, जम्मू-कश्मीर का करगिल, कनार्टक का हुबली, केरल का कन्नूर, पंजाब का भटिंडा, राजस्थान का बिकानेर, जैसलमेर, पश्चिम बंगाल से कूच बिहार और बर्णपुर शामिल हैं। इसके अलावा बिहार के दरभंगा और झारखंड का बोकारो, दुमका, उत्तराखंड के पिथोरागढ़, अल्मोड़ा, हल्दवानी, हरिद्वार, मसूरी, नैनीताल, रामनगर, श्रीनगर तो महाराष्ट्र के कोल्हापुर, शोलापुर, जलगांव से नियमित उड़ानें शुरू होंगी।
बीते वर्ष के आरंभ में जहां देश में नियमित विमान सेवा वाले हवाई अड्डों की संख्या करीब 75 थी, उड़ान के पहले दो चरणों में ही इसके बढ़कर 150 से अधिक हो जाने की उम्मीद है।
‘छह करोड़ क्लब’ में शामिल हुआ दिल्ली का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डा सालाना 6 करोड़ या इससे ज्यादा यात्रियों की आवाजाही वाले दुनिया के 20 हवाई अड्डों में शामिल हो गया है। वर्ष 2017 में पहली बार आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 6 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। यह मुकाम हासिल करने वाला यह भारत ही नहीं, दक्षिण एशिया का भी इकलौता एयरपोर्ट है। पिछले सप्ताह विमानन क्षेत्र की सलाह एवं अनुसंधान संस्था सेंटर फॉर एविएशन की जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। अगले कुछ सालों में मुंबई भी इस क्लब में शामिल होने की उम्मीद है।
सीट उपलब्धता के हिसाब से दिल्ली विश्व का 14वां सबसे बड़ा हवाईअड्डा
सीट क्षमता के हिसाब से दिल्ली हवाई अड्डा दुनिया में 14वें नंबर पर है। यह आंकड़ा प्रति सप्ताह हवाई अड्डे से जाने वाली उड़ानों में उपलब्ध कुल सीटों की संख्या के अनुसार होता है। नए साल के पहले सप्ताह 1 से 7 जनवरी के दौरान आईजीआई की सीट क्षमता 15,30,021 थी। इस मामले में 23,30,043 सीटों के साथ दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले स्थान पर है। इसके बाद शीर्ष 5 में क्रमश: बीजिंग कैपिटल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अटलांटा हार्ट्सफील्ड-जैक्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और टोक्यिो हनेदा हवाई अड्डा शामिल है।
स्वदेशी ‘डॉर्नियर 228’ से बदलेगी एविएशन सेक्टर की सूरत
इसी साल छोटे-छोटे शहरों के बीच हवाई सेवा ‘UDAN’की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, कि वे हवाई चप्पल वाले व्यक्ति को हवाई जहाज में यात्रा करते देखना चाहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक डीजीसीए ने देश में निर्मित ‘डोर्नियर-228’ विमान के घरेलू रूट पर व्यवसायिक उड़ान को हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने में इससे बहुत मदद मिल सकती है। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित ‘डोर्नियर-228’ 19 सीटों वाला एक छोटा विमान है, जिसका उपयोग अबतक रक्षा के क्षेत्र में ही होता था।