काठमांडू में 03 सितंबर को चिकन कुरकुरे और जंगली सुअर का मांस खाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने बताया कि राहुल गांधी कैलास मानसरोवर जा रहे हैं। इसके बाद 05 और 06 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकाउंट्स से मानसरोवर की तस्वीरें पोस्ट कीं। हालांकि ये तस्वीरें गूगल सर्च में पहले से मौजूद थीं और उनमें राहुल गांधी खुद कहीं नजर नहीं आए। सवाल उठने लगे कि राहुल गांधी आखिर हैं कहां ?
जब इस मुद्दे ने जोर पकड़ा तो 07 सितंबर की सुबह राहुल गांधी की कुछ तस्वीरें पोस्ट की गईं और बताया गया कि राहुल मानसरोवर पहुंच गए हैं। तस्वीर के साथ उनकी यात्रा का ब्योरा भी शेयर किया गया। कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि राहुल गांधी ने करीब 35 किलोमीटर पैदल यात्रा की। यह यात्रा उन्होंने 463 मिनट (करीब 7 घंटे) में पूरी की। हालांकि कांग्रेस की सफाई पेश करने के बाद कई और सवालों ने जन्म ले लिया है।
सवाल नंबर-01
राहुल गांधी की जो तस्वीर जारी की गई उसमें जिस हाथ में छड़ी है, उसकी तो परछाई है, लेकिन छड़ी की परछाई क्यों नहीं ?
सवाल नंबर-02
जब कांग्रेस अध्यक्ष 07 सितंबर को कैलास मानसरोवर पहुंचे तो 05 सितंबर को कैसे कहा गया कि राहुल वहां पहुंच चुके हैं ?
सवाल नंबर-03
जिन पहाड़ियों का वीडियो शेयर किया गया है उसमें कैलास पर्वत के साथ राहुल की एक भी झलक क्यों नहीं दिखाई दे रही ?
Shiva is the Universe. #KailashYatra pic.twitter.com/1do7SW9eb4
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 7, 2018
सवाल नंबर-04
अगर छड़ी वाली तस्वीर को फोटो शॉप किया गया तो कैलास पर्वत के साथ वाली तस्वीर भी फोटो शॉप का कमाल तो नहीं ?
सवाल नंबर-05
कैलास पर्वत के साथ राहुल की तस्वीर पोस्ट की जा सकती है तो कैलास पर्वत के साथ उनका कोई वीडियो क्यों नहीं आया ?
Here’s the Video of @RahulGandhi at #KailashMansarovarYatra camp!
Har Har Mahadev!
Bhole Baba Is with you RG! pic.twitter.com/NV8dqzROmj
— Sadhavi Khosla (@sadhavi) September 7, 2018
बहरहाल यह एक धार्मिक यात्रा है, न तो इस पर सबूत मांगे जाने चाहिए और नही सफाई देनी चाहिए, लेकिन जब एक धार्मिक यात्रा को कांग्रेस ने पब्लिसिटी यात्रा बना दिया है तो लोग सवाल तो पूछेंगे ही!