बीजेपी और उसकी सरकारों के विरोध के लिये झूठी खबरों को प्रचारित करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर एक रैली आयोजित की गई। लेकिन मोदी सरकार विरोधियों ने इसके लिये जो तस्वीरें इस्तेमाल की हैं वो फर्जी हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से रैली में फर्जी भीड़ दिखाकर उसे सफल दिखाने की भी कोशिश हुई है।
पहले आपको दिखाते हैं कि इस रैली को कामयाब दिखाने के लिए कैसे 2015 में गुजरात में हुए पटेल आंदोलन की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है-
#Maratha rally Mumbai. how to understand this mobilization of million people?pro or anti govt?deep seated angst or political muscle flexing? pic.twitter.com/YOx4XXfiij
— Ajit Ranade (@ajit_ranade) August 9, 2017
उसने मराठाक्रांति मोर्चा की जिस साइट से तस्वीर ली है, वहां भी गलत तस्वीर है। उसमें इस तस्वीर को सितंबर 2016 का बताया गया है, जबकि ये 2015 के पटेल आंदोलन की तस्वीर है। देखिये मराठा क्रांति मोर्चा ने भी कैसे पटेल आंदोलन की तस्वीर का इस्तेमाल किया है-
सबसे बड़ी बात है कि इसी फर्जी तस्वीर के आधार पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे पत्रकार पंकज पचौरी ने भी ट्विट कर दिया है। उन्होंने झूठी तस्वीर के हवाले से सरकार पर तंज कसा है कि अगर लोगों के पास नौकरियां होतीं तो वो कहीं काम कर रहे होते। यानि उन्हें रैली की भीड़ (फर्जी) का हिस्सा नहीं बनना पड़ता।
Jobs. Jobs. Jobs.
If they had jobs they would be working somewhere. https://t.co/f28O0dbtZr— Pankaj Pachauri (@PankajPachauri) August 9, 2017
जाहिर है कि कुछ लोग मराठा आंदोलन के बहाने एक बार फिर से बीजेपी और उसके बहाने मोदी सरकार को घेरने का षड़यंत्र रचने में जुटे हुए हैं। लेकिन क्या उनके पास इन फर्जीवाड़ों के अलावा विरोध का कोई रास्ता नहीं बचा है।