Home विशेष प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए सुधार के कदम काफी महत्वपूर्ण- विश्व बैंक

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए सुधार के कदम काफी महत्वपूर्ण- विश्व बैंक

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विश्व बैंक के प्रमुख जिम योंग किम ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए सुधार के कदम काफी महत्वपूर्ण हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की बैठक के मौके पर किम ने कहा कि सुधार प्रक्रिया प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि मध्यम एवं दीर्घ अवधि की आर्थिक वृद्धि में प्रधानमंत्री मोदी सरकार के सुधार के प्रयासों की गंभीरता निश्चित तौर पर देखने को मिलेंगी।

इसके पहले किम ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुस्ती अस्थायी है। उन्होंने कहा : ‘’पहली तिमाही में गिरावट हुई है लेकिन हमें लगता है कि ऐसा GST की तैयारियों में कुछ तात्कालिक बाधाओं की वजह से हुआ। आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर GST का बड़ा ही सकारात्मक प्रभाव होने जा रहा है।‘’

‘पीएम मोदी के प्रयासों से आएंगे बड़े परिणाम’
जल्द ही भारतीय अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद जताते हुए जिम योंग किम ने कहा: ‘’आने वाले महीनों में स्थिति सुधर जाएगी और GDP growth वर्ष के दौरान स्थिर होगा। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारोबारी माहौल सुधारने के लिए वास्तव में अच्छा काम किया है। हमें उम्मीद है कि उनके प्रयासों के अच्छे परिणाम आएंगे।‘’

‘8 प्रतिशत की विकास दर हो सकती है हासिल’
इसके पहले न्यूयॉर्क में ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम की बैठक में भी किम ने कहा था कि जापान, यूरोप और अमेरिका के साथ भारत तेज वृद्धि दर्ज कर रहा है। GST को एक संरचनात्मक बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा था कि ऐसे टैक्स सुधार के जरिये भारत 8 प्रतिशत की विकास दर हासिल कर सकता है। विश्व बैंक ही नहीं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग संस्था मूडीज और IMF ने भी अर्थव्यवस्था के रफ्तार भरने का भरोसा जता रखा है।

7.5 की विकास दर हासिल करेगा भारत: मूडीज
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग संस्था मूडीज के इंवेस्टर सर्विस सर्वे में पता चला है कि भारत की विकास दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। सर्वेक्षण में 200 से ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया। सर्वे में शामिल सभी लोगों का मानना था कि जीएसटी के लागू होने से 12 से 18 माह में आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी।

मूडीज को विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएगी। मूडीज के सहायक प्रबंध निदेशक मैरी डिरोन का कहना है कि भारत में चल रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों और आने वाले समय में होने वाले बदलावों को देखते हुए नोटबंदी से पैदा हुई अल्पकालिक अड़चन के बावजूद अगले 12 से 18 माह के दौरान भारत उसके जैसे दूसरे देशों के मुकाबले अधिक तेजी से वृद्धि करेगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2019 में विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी। आईएमएफ में आर्थिक सलाहकार एवं शोध विभाग के निदेशक मॉरिस ऑब्स्टफेल्ड ने भी अपने आंकलन के अनुसार कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ढांचागत सुधार के कारण नयी ऊर्जा प्राप्त कर रहा है और विकास की दिशा भी ठीक है। 

2019 में सबसे तेज होगा होगा भारत का विकास
मॉरिस ऑब्स्टफेल्ड के अनुसार अर्थव्यवस्था में इस साल आया यह धीमापन वास्तव में उसकी लॉन्ग टर्म में पॉजिटिव इकॉनमिक ग्रोथ की तस्वीर पर एक छोटे से अस्थायी दाग की तरह है। दरअसल ऑब्स्टफेल्ड भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं और उनका कहना है कि भारत की इकोनॉमी 2019 में सबसे तेज गति से विकास करने वाली होगी।

maurice obstfeld and modi के लिए चित्र परिणाम

अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक पहल
मॉरिस ऑब्स्टफे के अनुसार सरकार द्वारा किए गए ढांचागत सुधार के कारण लंबे समय में यह लाभदायक है। भारत को व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण और नियम कायदों में आवश्यकतानुसार बदलाव के कारण भारत विकास करता रहेगा। मानसून के सामान्य होने के कारण खेती-किसानी भी लाभदायक रही है जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। जीएसटी और नोटबंदी की वजह से थोड़ा व्यवधान तो हुआ है लेकिन इस स्थिति से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाएगी।

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निवेश के लिहाज से भारत आकर्षक जगह: पॉल पोलमैन
उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी यूनीलीवर के सीईओ पॉल पोलमौन ने कहा कि निवेश के लिहाज से भारत आकर्षक जगह है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपने कारोबार के सबसे बड़े क्षेत्र अमेरिका के मुकाबले भारत में हो रहे विकास को लेकर वह ज्यादा उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ग्रुप अपने कारोबार को बढ़ाकर और नए ब्रांड लाकर हिंदुस्तान यूनीलीवर में निवेश करने में लगा हुआ हैं और ये आगे भी जारी रहेगा। नोटबंदी और जीएसटी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि श्री मोदी स्मार्ट इंडिया, मेड इन इंडिया और स्वच्छ भारत जैसे बिग आइडियाज के साथ आगे बढ़ रहे हैं तथा अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए उनके कई कदमों के हम समर्थक हैं।

भारत तेजी से उभरती अर्थ व्यवस्था- हार्वर्ड
भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (CID) ने 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। CID के अनुमान के अनुसार भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। भारत में अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की गति औसत 7.7 प्रतिशत की वार्षिक रहेगी। CID के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।

अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहा भारत
एक अमेरिकी टॉप थिंक-टैंक काउंसिल में भारत, पाकिस्तान और साउथ एशिया मामलों की वरिष्ठ सदस्य अलीसा एयर्स ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उसे व्यापक वैश्विक महत्व और देश की सैन्य क्षमताओं के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये ऊर्जा दे रही है। अलीसा के अनुसार, ‘भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर वैश्विक उछाल दिया है। इसकी मदद से भारत अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है।’ फोर्ब्स में छपे आर्टिकल में अलीसा कहती हैं, ‘पिछले वर्षों में भारत दुनिया भर में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों के संदर्भ में एक बड़ा कारक बनकर उभरा है और अब वैश्विक मंच पर अब भारत ज्यादा मुखर दिखाई दे रहा है। दरअसल भारत खुद को एक ‘प्रमुख शक्ति’ के रूप में देख रहा है।’

‘सपनों’ के साथ आगे बढ़ रहा भारत
मध्य पूर्व और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विश्लेषक फ्रिट्ज लॉज ने ‘द सिफर ब्रीफ’ में एक लेख में भी भारत की प्रशंसा की है और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। फ्रिट्ज लॉज ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी भारत को आर्थिक, सैन्य, भू-राजनीतिक शक्ति से योग्य बनाने के अपने सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’

भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह- चीन
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है। अखबार ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है। यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। इस नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है। लेख में कहा गया है कि आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी से फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनी भारत में निवेश करने के अपने वादे के साथ आगे बढ़ेंगी।

बेहतर वातावरण से बढ़ा निवेश
व्यापार के माहौल में सुधार से देश में घरेलू और विदेशी दोनों प्रकार के निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलती है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान देश में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर रहा, किसी एक वित्त वर्ष में यह सर्वाधिक है। वहीं पिछले तीन वित्त वर्ष (2014-17) के दौरान एफडीआई इक्विटी का प्रवाह करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 114.41 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो इससे पिछले तीन वित्त वर्ष (2011-14) में 81.84 अरब डॉलर था।

टॉप फिफ्टी में शामिल होना लक्ष्य
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में वित्त वर्ष 2015-16 में भारत 30 विकासशील देशों के बीच 13 पायदान बढ़कर दूसरे स्थान पर आ गया था। ग्लोबल रिटेल डेवलपमेंट इंडेक्स (जीआरडीआई) में भारत की रैंकिंग बताती है कि देश में कारोबार बेहतर हुआ है। लेकिन एक अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष विश्व बैंक ने जो रैंकिंग कि है उसमें 190 देशों में भारत की रैंकिंग 130 है। हालांकि बीते साल भारत की रैंकिंग 131 से 130 पर आया था। सरकार इस रैंकिंग को सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और भारत को दुनिया के टॉप-50 देशों में शामिल होने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रणालियों में सुधार
अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले 3 वर्षों में कई बड़े सुधार किये हैं। इन सुधारों में जीएसटी, नोटबंदी, एफडीआई की सीमा को बढ़ाना, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना शामिल है। जिनका लक्ष्य भविष्य पर नजर रखते हुए देश की वर्तमान प्रणालियों में सुधार करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था पर इसके नतीजे निकट भविष्य में दिखाई देंगे। सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण से जन कल्याणकारी नीतियों और साहसिक निर्णयों से अर्थव्यवस्था विकास के पथ पर अग्रसर है।

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