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RSS कार्यकर्ता की हत्या पर चुप क्यों हैं ‘Lynchistan’ का शोर मचाने वाले तथाकथित सेक्युलर?

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कर्नाटक में एक और आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या… लेकिन चारों तरफ चुप्पी। न Lynching का हल्ला और न ही Lynchistan का शोर। किसी सेक्युलर पत्रकार, संपादक और सामाजिक कार्यकर्ता की जुबान नहीं खुल रही। दूसरी तरफ अपराधियों को पकड़ने के बजाय कर्नाटक की कांग्रेस सरकार गुनहगारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार करने लगी है। आखिर क्यों?


ऐसे हुई शरत की हत्या
आरएसएस कार्यकर्ता शरत माडिवाला कंदुर के रहने वाले थे। वे बीसी रोड पर एक लॉन्ड्री सर्विस की दुकान चलाते थे। उन पर हमला उस समय हुआ था, जब वह शाम को अपनी दुकान बंद कर के घर वापस जा रहे थे। हमले के तुरंत बाद उन्हें काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज 08 जुलाई को मंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई है। उनकी हत्या का आरोप एक मुस्लिम संगठन पर है।

सांप्रदायिक हिंसा फैली
आरएसएस के कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले के बाद कुछ इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा भी हो गई। इसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले के चार तालुकाओं बंतवाल, पुत्तर, बेल्थांगडी और सुल्लिया में धारा 144 लगाई गई है। सांप्रदायिक तनाव आज भी है और 11 जुलाई तक इन इलाकों में धारा 144 लागू की गई है। हालात तो यह है कि आरएसएस कार्यकर्ता की मौत के बाद दक्षिण कन्नड़ में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा सांसद शोभा Shobha Karandlaje और Nalin Kumar के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी गई है।

नवंबर में हुई थी RSS के रवि की हत्या
नवंबर, 2016 में मैसूर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता मगाली रवि की हत्या कर दी गई थी। 2016 के अक्टूबर में ही कर्नाटक के कन्नूर में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की गई थी।

क्यों चुप है तथाकथित सेक्युलर जमात?
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार और और एक के बाद एक आरएसएस कार्यकर्ताओं का कत्ल किया जा रहा है। हर आरोप किसी न किसी मुस्लिम संगठन पर लग रहा है। लेकिन सरकार चुप है और तथाकथित सेक्युलर जमात के लबों पर भी ताले हैं। लेकिन क्या ऐसा ही रहता अगर किसी मुस्लिम की हत्या की गई होती? ट्विटर पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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