विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी इस बार अपनों के निशाने पर हैं। गोपालकृष्ण गांधी के भांजे श्रीकृष्ण कुलकर्णी उर्फ कृष ने उनके नामांकन के विरोध में एक पत्र लिखा है। कृष ने लिखा कि महात्मा गांधी के घोर आलोचक भी इस बात से मना नहीं करेंगे कि गांधीजी ने जन्म के कारण मिलने वाले अधिकारों का विरोध किया था।
पत्र में उन्होंने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस पर हमला करते हुए कृष ने लिखा है, ”नेहरू-गांधी परिवार ने वंशवाद को फिर से स्थापित कर दिया। कांग्रेस की अध्यक्ष पिछले 18 सालों से इस पद पर है और अब उनके उत्तराधिकारी के तौर पर बेटा इस पद की कमान संभालने के लिए तैयार है। इतने सब के बावजूद आप उनके उम्मीदवार बनने को तैयार हैं? वंशवाद से घिरे होकर आपके नामांकन पत्र भरने की तस्वीरों को देख मुझे बेचैनी हो गई थी।”
So many scandals & not single comment from you. Do you really believe these are political vendetta?: Krish in letter to Gopalkrishna Gandhi pic.twitter.com/rSYhej1dir
— ANI (@ANI_news) July 30, 2017
कृष ने अपने पत्र में आगे लिखा,”अतीत में इतने सारे घोटाले और आपकी एक भी टिप्पणी नहीं। क्या आपको लगता है कि यह सब कुछ एक राजनीतिक साजिश है?” पत्र के अंत में कृष लिखते हैं, ”मुझे माफ करिएगा गोपू मामा, लेकिन आपका यह निर्णय मेरे अंदर विश्वास नहीं जगाता, बल्कि यह विश्वासघात है। आपके प्रति मेरा स्नेह कभी कम नहीं होगा। उपराष्ट्रपति की दौड़ में मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।”
पढ़िये श्रीकृष्ण कुलकर्णी की पूरी चिट्ठी
”डियर गोपू मामा (गोपाल कृष्ण गांधी), पहले तो मैं आपको उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर बधाई देता हूं। जैसे कि राजनीति में आगे बढ़ने की आपकी इच्छा थी। दूसरी ओर, एक आदमी के नाते मुझे कैंडिडेट के तौर पर आपके चुनाव से निराशा हो रही है। आपके दादा और मेरे पर दादा एक ही हैं, मोहनदास करमचंद गांधी। इसीलिए हम एक ही विरासत से ताल्लुक रखते हैं। पिछले कई दिन से सोच रहा था कि आपको एक लेटर लिखूं और अपने विचार लोगों से शेयर करूं।”
– ”जिन 18 पार्टियों ने आपको उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस उसमें अहम है। मैं जानता हूं कि एक आम आदमी के तौर पर इलेक्टोरल कॉलेज पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर चलते हुए कांग्रेस आज बापू के सिद्धांत और जीवनशैली का मजाक उड़ा रही है। वे कोई भी संवैधानिक पद लेने के खिलाफ थे। 1998 से 18 साल तक कांग्रेस में एक ही शख्स (सोनिया गांधी) पार्टी प्रेसिडेंट है। अब उनका बेटा (नेहरू परिवार की 5वीं पीढ़ी) इसे परंपरा को आगे बढ़ाएगा। तब शायद देश के लोगों के साथ आप भी उनके चुनाव पर सवाल खड़े करेंगे। आप खुद को महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलने वाला बताते हैं, लेकिन सही मायनों में खुद को इनसे दूर कर लिया। दोनों ताउम्र निडर रहे, उनके मन में कभी कोई स्वार्थ नहीं रहा।”
– ”मैंने बोफोर्स घोटाले पर टीवी रिपोर्ट में राहुल गांधी का बयान देखा। गांधी और उनकी सोच में कितना फर्क है। ये परिवार बापू और उनके सिद्धांतों से किसी मायने में नहीं जुड़ा है। ऐसे में मुझे आश्चर्य है कि आप कैसे राजनीति और जनता के बीच की खाई को मिटा पाएंगे।”
– ”पिछले कुछ सालों में कई घोटाले सामने आए, लेकिन इन पर आपका एक भी कमेंट नहीं आया। क्या आप मानते हैं कि ये सभी राजनीतिक साजिश के तहत हुए थे? क्या आपको लगता है कि जनता मूर्ख है? फिर भी आपने उनके लिए उपराष्ट्रपति के चुनाव में शामिल हो रहे हैं। गांधीजी की के परिवार का मेंबर होने के नाते मुझे विरोध दर्ज कराना जरूरी लगा। आखिर में कहता हूं कि- ‘गांधीजी के नाम पर नहीं। सॉरी मामा, आपका फैसला मेरा मनोबल बढ़ाने में मदद नहीं करेगा।”
कौन हैं श्रीकृष्ण कुलकर्णी?
श्रीकृष्ण (कृष) बेंगलुरु में रोबोटिक्स इंजीनियर हैं। कृष महात्मा गांधी के बेटे रामदास गांधी की बेटी सुमित्रा के बेटे हैं। सुमित्रा और गोपाल कृष्ण कजिन हैं। कुलकर्णी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट कुमार विश्वास के लिए प्रचार किया था। तब उन्होंने राहुल के मुकाबले कुमार को सेल्फ मेड मैन बताया था। इसी दौरान राहुल गांधी को खुला खत लिखकर कहा था कि चुनावी फायदे के लिए गांधीजी के नाम का इस्तेमाल करना बंद करें।