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जब 2004-14 के दौरान यूपीए सरकार ने डीडी न्यूज को मोदी के खिलाफ प्रपंच का अड्डा बना दिया

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पूरी दुनिया जानती है कि 2004 से लेकर 2014 तक किस प्रकार यूपीए सरकार ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी यानी सीबीआई को उनके पीछे लगाई थी। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार ने पूरे जन संचार माध्यम पर मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ एक प्रकार से बैन लगा दिया था। इतना ही नहीं मोदी को बदनाम करने के लिए नकारात्मक अभियान चला रखा था। दूरदर्शन तथा डीडी न्यूज में मोदी के खिलाफ संगठित अभियान चलाने के लिए अलग से एक सेल स्थापित किया गया था जिसे सीधे कांग्रेस और उनके सिपहसालारों से संपादकीय तय होते थे। यह खुलासा दूरदर्शन के एंकर और वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने अपनी किताब ‘नरेन्द्र मोदी सेंसर्ड’ में किया है।

‘नरेन्द्र मोदी सेंसर्ड’ से खुला राज
श्रीवास्तव में अपनी इस किताब में लिखी है किस प्रकार यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान गुजरात में न केवल मोदी और उनकी सरकार की सकारात्मक खबरों पर एक प्रकार से बैन लगा दिया गया था बल्कि संगठित रूप से एक अभियान चलाया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी किताब में यह भी खुलासा किया है कि डीडी न्यूज के रूम नंबर 123 में स्थापित एक विशेष सेल में किस प्रकार यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के जन्मदिन पर मिठाई बांटी जाती थी। सबसे शर्मनाक हरकत तो उस दिन सामने आई जब साल 2005 में अमेरिका ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था उस दिन भी डीडी न्यूज के उस सेल में मिठाई बांटी गई थी। लेकिन सारे पत्रकार निर्लज्ज बनकर देखते रहे किसी की हिम्मत नहीं हुई उसके खिलाफ एक शब्द बोलने की।

मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का साक्षात्कार सेंसर किया  
यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक दूरदर्शन न्यूज तथा डीडी न्यूज को पूरा दुरुपयोग किया। अशोक श्रीवास्तव ने अपनी किताब की शुरुआत में ही बताया है कि किस प्रकार 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के एक साक्षात्कार को जबरन रोका गया, किस प्रकार उनके साक्षात्कार के साथ छेड़छाड़ की गई। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी का वह साक्षात्कार अशोक श्रीवास्तव ने ही आयोजित किया था। मोदी के उस साक्षात्कार में से कई चीजों को हटाकर काफी देर बाद उसे प्रसारित किया गया। उन्होंने खुलासा किया है कि किस प्रकार कांग्रेस पार्टी ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने के लिए सार्वजनिक संस्थानों का दुरुपयोग किया था।

तीस्ता सीतलवाड़ देती थी संपादयकीय आदेश
इस किताब में यह भी खुलासा किया गया है कि 2004 में जब यूपीए सरकार सत्ता में आई तो सबसे पहले उन्होंने डीडी न्यूज पर खबर से लेकर स्टोरी तथा डॉक्यूमेंट्री के माध्यम नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए एक विशेष सेल का गठन किया। इस सेल को पहले से बता दिया गया था कि नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए गोधरा कांड के बाद साल 2002 में घटित घटना को उठाना है। यह सेल इतना विशेष था कि वहां तक सबकी पहुंच भी वर्जित थी। जबकि विवादित एक्टिविस्ट रही तीस्ता सितलवाड़ वहां उस समय धड़ल्ले से आया-जाया करती थी। जिस तीस्ता सीतलवाड़ पर दंगा पीड़ितों का करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है वही तीस्ता उस समय वहां बैठकर मोदी के खिलाफ जोक मारा करती थी कि इस 1-2-3 सेल की वजह से मोदी बहुत जल्द ही नौ दो ग्यारह होने वाले हैं। इस किताब ने तो यहां तक दावा किया है कि जब 2007 में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाला था तब दूरदर्शन के रिपोर्टर की टीम को वहां के लिए कंसल्टेंट नियुक्त की गई तीस्ता सीतलवाड़ से संपादकीय आदेश लेना पड़ता था। कांग्रेस की आंतरिक राजनीति के कारण 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद तो इस टीम को और भी सशक्त किया गया। हालांकि इस सेल की टीम मोदी पर हमला करना जारी रखा।

मोदी के वीजा नहीं मिलने पर बांटी गई थी मिठाई
अशोक श्रीवास्तव तथा अन्य कुछ पत्रकारों के लिए वह दिन सबसे ज्यादा शर्मनाक था जब साल 2005 में अमेरिका ने मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था। उस दिन मोदी को वीजा नहीं मिलने की खुशी में उस सेल में मिठाई बांटी गई थी। लेकिन इस घटना के बारे में किसी ने कुछ नहीं बोला। इतना ही नहीं कांग्रेस के सत्ता में आते ही दीपक चौरसिया के साथ डीडी न्यूज ज्वाइन करने वाले अधिकांश पत्रकारों को वहां से निकाल दिया गया था। श्रीवास्तव ने अपनी किताब में लिखा है कि वह सेल उस समय दूरदर्शन में इतना ताकतवर था कि यूपीए सरकार के कार्यक्रम तथा नीति के आधार पर कंटेंट क्रियेट करता था। एक प्रकार से वह दूरदर्शन के सत्ता का केंद्र बन गया था। जिस सेल का निर्माण पत्रकारिता से जुड़े कार्य के लिए बनाया गया था वह सेल 9 दिसंबर को सोनिया गांधी का जन्मदिन मनाता था और मिठाई बांटता था।

प्रीयंका के बनारस से चुनाव लड़ने का शिगूफा

अनाधिकारिक रूप से दूरदर्शन ने तो नरेंद्र मोदी से जुड़ी अच्छी खबर या फिर उनकी सरकार द्वारा किए गए अच्छे काम पर लगातार बंदिश लगाए रखा। तभी तो जब दूरदर्शन ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार को हरी झंडी दिखा दी तो सबसे ज्यादा अशोक श्रीवास्तव को ही आश्चर्य हुआ। इस बारे में उन्होंने अपनी किताब ‘नरेन्द्र मोदी सेंसर्ड’ में लिखा है। 

हिंदी में लिखी किताब ‘नरेंद्र मोदी सेंसर्ड’ एक ऐसी किताब है जो आज मीडिया पर हमले की आवाज उठाने वालों को यह याद दिलाती है कि ये लोग उस समय कहां थे जब कांग्रेस ने दूरदर्शन और डीडी न्यूज जैसे सार्वजनिक संस्थान को मोदी के खिलाफ प्रपंच गढ़ने का अड्डा बना दिया था। यह किताब यह भी याद दिलाती है कि किस प्रकार 2014 में वाराणसी से मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने का शिगूफा छेड़ा गया था। खास बात है कि इस बार भी इसी प्रकार का प्रोपगेंडा चला रही है कि 2019 में वाराणसी से प्रियंका गांधी मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।

 

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