Home विचार प्रधानमंत्री मोदी के कहने का मतलब है-‘मंदिर वहीं बनेगा, किसी भी...

प्रधानमंत्री मोदी के कहने का मतलब है-‘मंदिर वहीं बनेगा, किसी भी कीमत पर’

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए साल के पहले ही दिन अपने इंटरव्यू में सभी सवालों का पूरी स्पष्टता के साथ जवाब दिया। प्रधानमंत्री से देश के हर ज्वलंत मुद्दे पर जनता के मन में उठ रहे सवालों को पूछा गया। आज, हिन्दू समाज अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण होना देखना चाहता है। कांग्रेस के वकीलों के कारण सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमे को लटकाने से हो रही देरी से सभी गुस्से में हैं। गुस्से का प्रकटीकरण पिछले महीने दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में भी दिखा। प्रधानमंत्री मोदी से रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण को तेज करने और जल्द से जल्द पूरा करने की सभी की अपेक्षा बढ़ती जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण की योजना-

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी संवैधानिक मर्यादाओं और हिन्दू समाज की अपेक्षाओं के बीच संतुलन बनाते हुए अपने इंटरव्यू में कहा कि न्यायपालिका में प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने पर सबको बल लगाना चाहिए और कांग्रेस के वकील मित्रों से विनती की कि इसमें देरी करने के अड़ंगे न डालें। क्योंकि पिछले सत्तर सालों से सरकारों ने इस मामले को न्यायालयों में उलझा कर रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे महत्वपूर्ण बात कही कि न्यायपालिका में एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, जो कुछ भी होगा वह हमारी सरकार करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य का मतलब-

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंटरव्यू में राम मंदिर के निर्माण करने की अपनी और अपनी सरकार की मंशा को कुछ ही शब्दों में स्पष्ट करने के साथ ही मंदिर निर्माण कैसे होगा यह भी बता दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का प्रधानमंत्री और उसकी सरकार न्यायालय से मंदिर पर फैसला आने के बाद ही कोई कदम उठा सकती है। यदि न्यायालय का फैसला रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण के पक्ष में नहीं आता है, तब सरकार मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश या अन्य कोई कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर मंदिर का निर्माण करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों से साफ कर दिया कि रामजन्म भूमि मंदिर का निर्माण तो होगा ही, इसे किसी भी हाल में कोई रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए चल रही न्यायिक प्रक्रिया को बीच में रोकना संवैधानिक संस्थाओं से छेड़-छाड़ करना होगा जो भारत जैसे प्रजातांत्रिक देश के लिए उचित नहीं है।

आरएसएस ने भी प्रधानमंत्री मोदी की बात का समर्थन किया- 

प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू में जिस तरह से रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण को लेकर न्यायिक और कानूनी प्रक्रिया का खाका खींचा, उससे रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण के लिए कटिबद्ध आरएसएस भी सहमत है। आरएसएस ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ही केवल रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण करवा सकते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंटरव्यू में यह स्पष्ट कर दिया कि आज से पहले कांग्रेस की सरकारों ने पिछले सत्तर सालों से इस मामले को लटकाने का काम किया है और आज भी कांग्रेस के वकील इसे न्यायालय में लटकाए रखने के लिए अंड़गा लगा रहे हैं। यह केवल वर्तमान में भाजपा की ही सरकार है, जिसने न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने और निर्णय को जल्द से जल्द करवाने के लिए प्रयास किए हैं। आज न्यायिक प्रक्रिया अपने अंतिम पड़ाव पर है और इसके पूरा होते ही रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि सर्वोच्च न्यायालय मंदिर निर्माण के विरुद्ध निर्णय देता है तो प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अध्यादेश या कानूनी प्रक्रिया के द्वारा मंदिर का निर्माण करवाएगी, जो कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों की सरकारें नहीं कर सकती हैं, क्योंकि फिर वे मुस्लिम वोट बैंक के चक्कर में इस कानूनी प्रक्रिया को पूरा नहीं करेंगी। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला यदि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की तरह ही मंदिर निर्माण के हक में आता है, तब भी भाजपा की सरकार ही मंदिर निर्माण की अन्य सभी अड़चनों को दूर करके जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण करेगी।

रामजन्म भूमि मंदिर के निर्माण को अयोध्या में होने से रोका नहीं जा सकता है यह बात कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी जानते हैं। इसलिए इस मुद्दे को उलझा करके लटकाये रखना उनकी राजनीतिक मजबूरी हैं, जैसा पिछले सत्तर सालों से वे करते आ रहे हैं। केन्द्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ही इन अड़गों को जल्द से जल्द दूर कर, मंदिर निर्माण करवा सकती है। यह बात विपक्षी दल और कांग्रेस अच्छी तरह से समझते हैं, इसलिए वे प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने के लिए 2019 के चुनाव में सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए महागठबंधन बना रहे हैं।

Leave a Reply