Home नरेंद्र मोदी विशेष मोदी सरकार के 4 साल में क्या बदला – देखिये 30 फैक्ट्स

मोदी सरकार के 4 साल में क्या बदला – देखिये 30 फैक्ट्स

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मोदी सरकार ने इस साल अपने कार्यकाल के चार साल पूरे किए हैं। विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर है तो जनता को भी जानना जरूरी है कि काम-काज के आधार पर आखिर मोदी सरकार और यूपीए सरकार में फर्क क्या रहा ? इसी जिज्ञासा को समझते हुए परफॉर्म इंडिया की टीम ने तथ्यों के आईने में पड़ताल की है। तो आइये हम इन 30 तथ्यों के आधार पर मोदी सरकार के परफॉर्मेंस पर नजर डालते हैं। 

आर्थिक स्थिति

मनमोहन राज में भारत का स्थान 5 सबसे खराब स्थिति वाली अर्थव्यवस्था की थी जबकि मोदी सरकार में विश्व की छठी बड़ी और दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकोनॉमी है।

जीडीपी में योगदान

दुनिया के जीडीपी में भारत का योगदान 2014 में 2.6 प्रतिशत था जबकि 2017 में यह बढ़कर  3.1 प्रतिशत हो गया।

महंगाई दर

2010 से लेकर 2014 तक औसतन महंगाई दर 9.8 थी जबकि वर्तमान में यह 3.69 पर आ गई है।

अप्रत्यक्ष कर

यूपीए सरकार के दौरान 17 अप्रत्यक्ष कर थे जबकि मोदी सरकार के दौरान सिर्फ जीएसटी है।

फूड इन्फ्लेशन

नवंबर, 2013 में खाद्य मुद्रास्फीति 16.65 थी जबकि जून, 2018 में घट कर 1.73 प्रतिशत हो गई।

सेनिटेशन कवरेज

वर्ष 2013 में  38.3 प्रतिशत सेनिटेशन कवरेज था जबकि वर्तमान में यह 92 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

शौचालय निर्माण

1947 से 2014 की अवधि में 6.37 करोड़ घरेलू शौचालय थे, जबकि चार साल में 01 अक्तूबर, 2018 तक 9 करोड़ 17 लाख 11 हजार 152 शौचालय बनाए गए।

सौर ऊर्जा

2014 में 2.63 जीडब्ल्यू से सौर ऊर्जा क्षमता 8 गुना बढ़कर 2018 में 22 जीडब्ल्यू हो गई है।

स्टेंट की कीमत

हृदय रोग में लगने वाली Drug-eluting Stents की औसत कीमत 1.98 लाख रुपये थी जो घटकर 28, 849 रुपये हो गई है।

बेयर मेटल स्टेंट

मनमोहन सरकार के कार्यकाल में Bare Metal Cardiac Stents की कीमत 75 हजार थी, जबकि अब यह 7, 923 रुपये हो गई है।

घुटना प्रत्यारोपण

यूपीए सरकार के दौरान  Cobalt Chromium Knee Implant के लिए औसतन 1.58 लाख रुपये लगते थे जो अब 54, 720 लगते हैं।

ऑपरेशनल एयरपोर्ट

यूपीए सरकार के दौरान 2013 में 75 एयरपोर्ट ही ऑपरेशनल थे जो कि अब बढ़कर 100 हो गए हैं।

ग्रामीण सड़कों का निर्माण

2013-14 में ग्रामीण सड़कों का निर्माण 69 किलोमीटर प्रतिदिन होता था जो 2017-18 में 134 किलो मीटर प्रतिदिन हो रहा है।

ग्रामीण सड़कों का विस्तार

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मार्च 2014 में 55 प्रतिशत ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी से बढ़कर 85 प्रतिशत हो गई है।

हाई-वे निर्माण

राष्ट्रीय उच्च पथों का निर्माण 2013-14 में प्रतिदिन 12 किलोमीटर होते थे जबकि 2017-18 में 27 किलोमीटर प्रतिदिन बन रहे हैं।

हाई-वे का विस्तार

वर्ष 2014 में पूरे देश में हाई-वे की लंबाई 92, 851 किलोमीटर थी, जबकि जून, 2018 में 1, 20, 543 किलोमीटर हो गई है।

पासपोर्ट सेवा केंद्र

2014 में पूरे देश में महज 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र कार्यरत थे जबकि 2018 में इनकी संख्या 305 हो गई है।

ऑप्टिकल फाइबर

वर्ष 2014 में 59 हजार गांव ही ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े थे जबकि अब 1 लाख 19 हजार गांवों में पहुंच चुका है।

एलईडी बल्व

एक एलईडी बल्व की कीमत 2013 में 310 रुपये थी जबकि अब यह 40 से 70 रुपये के बीच मिलती है।  

ग्रामीण विद्युतिकरण

2014 में 18,452 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी जबकि वर्ष 2018 में अब सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।

कॉमन सर्विस सेंटर

वर्ष 2013-14 में कॉमन सर्विस सेंटर की संख्या 83 हजार थी, जबकि 2018 में यह बढ़ कर 2 लाख 70 हजार हो गई है।

वित्तीय समावेशन

बैंक खातों तक पहुंच रखने वाले वयस्कों का प्रतिशत 2014 में 53 प्रतिशत था जो 2017 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया।

गैस कनेक्शन

उज्ज्वला योजना के तहत 01 अक्तूबर, 2018 तक बीपीएल परिवारों के 5 करोड़ 58 लाख 32 हजार 496 महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मिल चुका है।

कार लोन

कार लोन का ब्याज दर मई 2014 में 10.95 थी जबकि मई 2018 में 8.90 हो गयी।

पर्सनल लोन

मई 2014 में पर्सनल लोन 14.25 ब्याज दर पर था जबकि अब यह घट कर 9.95 हो गया है।

डेटा टैरिफ

मई 2014 में डेटा टैरिफ रेट 269 रुपया एक जीबी के लिए था जबकि अब यह 19 रुपये प्रति जीबी हो गया है।

मोबाइल कॉल

प्रति मिनट 51 पैसा मोबाइल कॉल रेट था अब यह घटकर 17 पैसा प्रति मिनट हो गया है।

मोबाइल निर्माण

2014 में केवल दो मोबाइल फोन निर्माण इकाईयां थीं, जो 2018 में बढ़कर 120 मोबाइल फोन विनिर्माण इकाईयां हो गईं।

वेतन सहित मातृत्व अवकाश

मनमोहन सरकार के दौरान वेतन सहित मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह थी जबकि अब यह 26 सप्ताह की हो गई है।

दिव्यांगों के शिविर

दिव्यांगों के लिए 2014 से पूर्व केवल 55 शिविर आयोजित किए गए थे, जबकि चार वर्षों में 6000 से अधिक आयोजित हुए।

1 COMMENT

  1. Lot of acheivments as comparison with UPA government but present government should look after Three major things..
    1. All Income tax payers should be covered by government with health Insurance..
    2. General category should be treated with equality.
    3.GST should be more simplified and easier.

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