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पश्चिम बंगाल बना पोंजी और फर्जी कंपनियों का गढ़

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ममता बनर्जी के मुख्यमंत्रित्व काल में पश्चिम बंगाल पोंजी और शेल (फर्जी) कंपनियों का गढ़ बन गया है। देश के किसी भी राज्य में सबसे अधिक पोंजी और शेल कंपनियों का बोलबाला पश्चिम बंगाल में है। राज्य के औघोगिक विकास को रफ्तार देने वाली कंपनियों की संख्या में तो गिरवाट हो रही है लेकिन जनता को लूटने वाली पोंजी और शेल कंपनियों की संख्या में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। सबसे कमाल की बात है कि मिट्टी से जुड़े होने का दावा करने वाली राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के ही लोग अपनों को लूटने का काम कर रहे हैं।

आइए देखते हैं यहां किस तरह से लूटने का खेल हो रहा है-

पोंजी कंपनियां
•शारदा और रोज वैली कंपनियों की तरह राज्य में लगभग 60 पोंजी कंपनियां जनता की गाढ़ी कमाई पर धीरे-धीरे हाथ साफ कर रही हैं। इन कंपनियों के पास जनता का लगभग 10 लाख करोड़ रुपये पड़ा हुआ है।
•इन कंपनियों में से कुछ के खिलाफ सरकार के पास जनता की शिकायतें आ चुकी हैं और इनके खिलाफ जांच चल रही है, ये कंपनियां है–
विबग्योर एलाईड इंफ्रास्ट्रक्चर,
रोज़वैली रियल इस्टेट कंस्ट्रक्सन
रोज़वैली इंडस्ट्रीज
सिल्वर वैली कम्यूनिकेशन
मार्डन इन्वेस्टमेंट ट्रेडर्स
रुपसी बंगला प्रोजेक्ट्स
आरटीसी प्रोपर्टीज़ इंडिया
गोल्डमाइन एग्रो
टावर इंफोटेक
चक्रा इंफ्रा एण्ड साई.
गोल्ड फाल्ड एग्रो
आईकोर ई सर्विस
एमपीएस एक्वा मैराईन प्रोडक्डस
एमपीएस ग्रिनरी डेवलपरर्स
प्रयाग इंफोटेक हाइराईजड
प्रयाग इंफ्रारिलेटरस
राहुल हाईराइस
रामेल इंडस्ट्रीज़
यूरो एग्रो इंडिया

शेल कंपनियां
•देश में कुल 15 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 6 लाख कंपनियां ही नियमित रिटर्न फाइल करती हैं। इनमें से लाखों कंपनियां केवल कागजों पर ही हैं, जिन्हें शेल कंपनी कहा जाता है।
•पोंजी कंपनियों की तरह ही देश भर में सबसे अधिक शेल कंपनियां पश्चिम बंगाल में ही है, इनका उपयोग काली कमाई को सफेद औऱ सफेद को काला करने के लिए किया जाता है।
•2011-2015 के बीच पश्चिम बंगाल में 17,000 शेल कंपनियां बनी। बंगाल में पनप रही इन शेल कंपनियों के बारे में काले धन पर बनी अजीत परसायत की एसआईटी ने भी खुलासा किया।
कोलकत्ता में शेल कंपनियां क्यों पनपती हैं
•कोलकत्ता में इस तरह के काम करने वाले प्रोफेशनल सस्ते मे उपलब्ध हैं, पश्चिम बंगाल में औघोगिक और व्यापारिक प्रगति पहले की तुलना बहुत गिर चुकी है जिसकी वजह से एकाउंट और सीए के प्रोफेशनल बहुत सस्ते में यहां मिल जाते हैं
•एक करोड़ रुपये पर 24 प्रतिशत टैक्स देने के हिसाब से 24 लाख लगते हैं लेकिन कोलकाता में किसी भी शेल कंपनी के ऑपरेटर को 50 से 70 हजार रुपये दिजिए, आपके टैक्स के 24 लाख रुपये बचा देता है।
•एक अनुमान के अनुसार कोलकत्ता में 150000 शेल कंपनियां है जिनके लिए 6,000 चार्टेड एकाउंटेंट गैरकानूनी तरीके से काम करते हैं।
•हाल ही विमुद्रीकरण के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक टास्क फोर्स को इन शेल कंपनियों के बनने पर रोक लगाने का काम शुरु किया है। टास्क फोर्स का कहना है कि ऐसी कंपनियों में नवंबर-दिसम्बर के दौरान 1,238 करोड़ रुपये बैंकों में जमा हुए। 559 उपभोक्ताओं ने 54 प्रोफेशनल की मदद से 3 हजार 900 करोड़ रुपयों को ठिकाने लगाया।

बंगाल की पोंजी कंपनियों के मालिक ममता के साथी
शारदा घोटाला—25,00 करोड़ रुपये
•कुणाल घोष— टीएमसी के सांसद भी गिरफ्तार हो चुके हैं
•मदन मित्रा—पूर्व परिवहन मंत्री और मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के करीबी भी गिरफ्तार हो चुके हैं
•श्रीनजंय बोस– तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शृंजॉय बोस भी गिरफ्तार हो चुके हैं
•रजत मजुमदार—टीएमसी के नेता, भी गिरफ्तार हो चुके हैं
•शंकुभदेव पांडा—टीएमसी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष

रोज वैली घोटाला— 15000 करोड़ रुपये
•ममता बनर्जी–रोज वैली चैयरमैन गौतम कुन्डू ने ईडी की पूछताछ के दैरान कबूल किया कि मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से एक मार्च 2012 को कोलिपांग के देओलो में मुलाकात की थी। लगभग इसी समय, शारदा घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता सुदीप्तो सेन ने भी देओलो में मुख्यमंत्री से मुलाकात की, इस बात का खुलासा टीएमसी के नेता कुणाल घोष और मुकुल राय ने पूछताछ में किया है।
•मदन मित्रा—शारदा चिट फंड में जमानत पर जेल से बाहर आये टीएमसी के नेता और मंत्री को गिरफ्तार किया जा चुका है।
•तपस पाल—टीएमसी के सांसद गिरफ्तार हो चुके हैं।
•सुदीप्तो बंदोप्धाय—लोकसभा में टीएमसी संसदीय दल के नेता भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

नारदा स्टिंग आपरेशन
ममता के साथी इतने भ्रष्ट है कि धन कमाने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, इसी लालच में नारदा स्टिंग आपरेशन में 13 मंत्री फंस गये। इन सभी ममता के साथियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा 7 व 13 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मुकद्दमा चल रहा है-
•सुब्रता मुखर्जी
•फरहद हाकिम
•सुल्तानअहमद
•ककोली घोषदस्तीदार
•सुवेन्दु अधिकारी
•मदन मित्रा
•मुकुल राय
•सोवेन मुखर्जी

शेल कंपनियों में ममता के साथी
•ईडी कोलकाता की 90 शेल कंपनियों की जांच-पड़ताल कर रही है जिनमें तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हैं। जल्द ही सीबीआई इन पर पूर्ण जांच करके मुकदमा करने वाली है।
•छगन भुजबल की कुछ कंपनियों की छानबीन करते समय ईडी को कोलकाता स्थित एक शेल कंपनी के बारे में जानकारी मिली, जिसका उपयोग तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता भुजबल के काले धन को सफेद करने में करते थे। भुजबल का काला धन मुबंई के अपर वुड स्ट्रीट में निवेश किया गया, जो एक दूसरी कंपनी बैग्यूयाटी में लगाया गया। बैग्यूयाटी का एक निदेशक कोलकत्ता की एक बड़ी रियल स्टेट फर्म का सह निदेशक था। इसी रियल स्टेट फर्म का उपयोग तृणमूल नेता काले को सफेद करने में करते थे। भुजबल की परवेश कन्सटर्कशन प्राइवेट लिमिटेड को कोलकाता के इसी रियल स्टेट फर्म के शेयर दिए गये थे।

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