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अगस्ता वेस्टलैंड मामलाः दो आरोपियों के प्रत्यर्पण से मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर सख्त संदेश दिया

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यह एक बार फिर साबित हो गया कि मोदी राज में भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं है। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में पिछले दिसंबर माह में ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद दो और आरोपियों को भारत लाया गया है। 3600 करोड़ रुपये के इस मामले में आरोपी राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को यूएई के दुबई से भारत लाया गया है। मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद इस मामले में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।

दोनों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने ईडी हिरासत में भेजा

आज दोनों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने राजीव को 4 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। वहीं, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार को 7 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया है। राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को गुरुवार सुबह ही भारत लाया गया है। 

राजीव सक्सेना की पत्नी भी है आरोपी

आरोपी कारोबारी राजीव सक्सेना को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में पकड़ा गया। बार-बार समन दिए जाने के बावजूद पूछताछ में शामिल नहीं होने पर पिछले साल 6 अक्टूबर को कोर्ट ने राजीव सक्सेना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। सक्सेना का नाम उसकी पत्नी शिवानी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में आया है। उसकी पत्नी को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जमानत पर है। जाहिर है, भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की जंग बदस्तूर जारी है। यूपीए के कार्यकाल में जिन आरोपियों को कांग्रेस का संरक्षण मिलता रहा, उन्हें अब कानून के दायरे में लाया जा रहा है।

आरोपियों को प्राइवेट जेट से लाया गया 

ईडी की टीम दोनों आरोपियों को लेने दुबई गई थी। उन्हें दुबई से दिल्ली प्राइवेट जेट से लाया गया। इससे पहले दिसंबर 2018 में इसी मामले में आरोपी ब्रिटिश नागरिक मिशेल को यूएई से प्रत्यर्पित किया गया था। राजीव सक्सेना को यूएई की सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार सुबह उसके घर से गिरफ्तार किया। सक्सेना पर अगस्ता डील में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में जिक्र किया है कि अगस्ता वेस्टलैंड में प्रभाव रखने वाले वकील गौतम खेतान ने फर्जी इंजीनियरिंग कॉन्ट्रैक्ट बनाकर रिश्वत के पैसे हासिल किए। खेतान अभी ईडी की हिरासत में है। इस मामले में सक्सेना, खेतान के साथ आरोपी है।

जांच शुरू होने के बाद ही दुबई फरार हो गया था तलवार

दीपक तलवार पर भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। उस पर एनजीओ के जरिए 90 करोड़ रुपए से ज्यादा के फंड का दुरुपयोग करने के आरोप है। जांच शुरू होने के बाद ही तलवार दुबई फरार हो गया था। उसके खिलाफ भारत में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को छुपाने के मामले की भी जांच चल रही है।

सक्सेना के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ था 

ईडी ने दिसंबर में यूएचवाई कंपनी के निदेशक राजीव सक्सेना की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा था कि उन्हें बार-बार सूचित करने के बाद भी वे जांच में शामिल नहीं हुए। कोर्ट ने 6 अक्टूबर को सक्सेना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का सख्त संदेश 

क्रिश्चियन मिशेल के बाद राजीव सक्सेना और दीपक तलवार के प्रत्यर्पण से सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। इससे एक बार फिर जाहिर हो गया है कि मोदी सरकार देश छोड़कर विदेशों में जा छुपे भ्रष्टाचारियों को भारत वापस लाए जाने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है और इसमें उसे सफलता भी मिल रहा है। ऐसे में, विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े भी जल्द ही भारत में दिखें, तो अचरज नहीं होना चाहिए।       

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