Home समाचार विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार, भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का कसता शिकंजा

विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार, भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का कसता शिकंजा

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कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी ने विजय माल्या को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। माल्या को इसके पहले भी एक बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन लंदन की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। पिछले साल मार्च में देश छोड़कर ब्रिटेन भागने वाले विजय माल्या का पासपोर्ट भारत सरकार ने रद्द कर दिया था।

शराब कारोबारी माल्या पर कई भारतीय बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने का आरोप है किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रेवरीज कंपनी के मालिक रहे विजय माल्या कई बैंकों के डिफॉल्टर हैं। 2014 में सीबीआई ने लोन में गड़बड़ी की जांच शुरू की और चार्जशीट दाखिल की। फरार होने के बाद ब्रिटेन को प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पत्र सौंपा गया और पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। माल्या के खिलाफ आर्थिक गबन के कई मामले चल रहे हैं। कुछ मामलों में अदालत के निर्देश पर माल्या की कंपनियों के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां जब्त की गई हैं।

लंदन में माल्या की गिरफ्तारी और मामला चलना एक बड़ी कामयाबी है। यह दिखाता है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सख्त है और कोई कितना ही बड़ा क्यों ना हो बख्शा नहीं जाएगा। ई़डी और सीबीआई माल्या को भारत लाने की पूरी कोशिश कर रही है। इसी के साथ संकेत दे दिए गए हैं कि देश का पैसा हड़पकर भागने वालों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी और सरकार उससे पाई-पाई वसूल करेगी।

बीजेपी का आरोप है कि माल्या को कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान पहली बार 2004 और फिर 2008 में लोन दिया गया, जबकि उन्हें नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) डिक्लेयर कर दिया गया था। क्या डूबते जहाज (कांग्रेस) ने डूबती एयरलाइंस (माल्या की किंगफिशर) की मदद की थी? मनमोहन के कहने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या पर सॉफ्ट रुख अपनाया और उनके अकाउंट भी फ्रीज नहीं किए गए।

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