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हिंदुओं को ‘बांटने’ और मुसलमानों को ‘एकजुट’ करने की राहुल की राजनीति समझिये

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”राहुल गांधी सिर्फ हिंदू ही नहीं जनेऊधारी हिंदू हैं।” 29 नवंबर, 2017 को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने देश को यह बताने की कोशिश की थी कि राहुल गांधी ‘धर्म’ से हिंदू हैं। हालांकि सच्चाई इसके इतर है क्योंकि वे बदलती राजनीति का चेहरा हैं, गुजरात में जहां जनेऊधारी हिंदू थे तो यूपी-बिहार में मौलाना बन जाते हैं।

राहुल गांधी राजनीति के हिसाब से कैसे अपने आपको परिवर्तित कर लेते हैं इसका एक उदाहरण 11 जुलाई को तब सामने आया जब उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से ‘गुप्त मुलाकात’ की योजना तैयार की। सवाल यह उठता है कि आखिर इस ‘सीक्रेट मीटिंग’ का सबब क्या है? सवाल यह भी कि राहुल गांधी जनेऊ पहनते हैं तो उसे सबको दिखाते हैं, जबकि मुस्लिमों से चुपके-चुपके क्यों मिल रहे हैं?

दरअसल राहुल गांधी दिखावे के लिए तो हिंदू जरूर बन जाते हैं, लेकिन मुस्लिम प्रेम उनके रग-रग में है। गुजरात चुनाव के दौरान उन्होंने खुद को हिंदू बताकर हिंदू समाज को विभाजित कर अपनी राजनीति चमकाई थी। अब वे मुस्लिमों से ‘गुप्त मुलाकात’ कर उन्हें एक यूनिट के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं।

हिंदुओं को ‘बांटो’ और मुस्लिमों का ‘एकमुश्त’ वोट पाओ की रणनीति

कांग्रेस को 2019 चुनाव में मुसलमानों का एकमुश्त वोट चाहिए, लेकिन मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात को ‘सीक्रेट’ रखना चाहते हैं। हैरत की बात ये है कि बीते दिनों उन्होंने दलित और ओबीसी समाज के लोगों से खुलेआम मुलाकात की थी। जाहिर है उनका मकसद मुसलमानों का एकमुश्त वोट पाना है और हिंदुओं को झांसे में रखना है कि वे उनके साथ हैं।

दिखावे के लिए ‘जनेऊ’ दिल में ‘मुस्लिम’

राहुल गांधी जनेऊ पहनते हैं तो उसे सबको दिखाते हैं, जबकि मुस्लिमों से चुपके-चुपके मिल रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने इफ्तार पार्टी में Skull Cap भी पहनी थी। पिछले लोकसभा चुनाव में भी जामा मस्जिद के शाही इमाम से सोनिया गांधी ने मुलाकात की थी।

पिछले लोकसभा चुनाव में भी जामा मस्जिद के शाही इमाम से सोनिया गांधी ने छिपकर मुलाकात की थी। दरअसल एंटनी कमेटी ने 2014 में रिपोर्ट दी थी कि मुस्लिम परस्ती के कारण कांग्रेस हिंदुओं के दिल से उतर गई है। जाहिर है इसके बाद से राहुल गांधी ने दिखावे के लिए हिंदू बनना शुरू कर दिया और मुस्लिमों से छिपकर मिलते रहे।

राहुल गांधी ने दिया मुसलमानों को एक होने का ‘मंत्र’

”मुस्लिम समाज कांग्रेस को वोट दे और अगर वे उसे वोट देंगे तो इस्लाम उन पर प्रसन्न होगा।” वरिष्ठ कांग्रेसी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने 2 मई, 2018 को यही बात कहते हुए मुसलमानों से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। उन्होंने कहा, “भाजपा को किसी भी हाल में कर्नाटक की सत्ता में नहीं आने देना चाहिए। मुसलमानों को बड़ी तादाद में एकजुट होकर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करना चाहिए।” जाहिर है राहुल गांधी के इशारे पर दिया गया यह बयान सीधे तौर पर मुस्लिम मतदाताओं की गोलबंदी का प्रयास भर ही नहीं, बल्कि विभाजन की राजनीति का बीज भी थी। राहुल गांधी का दोहरा चरित्र तब भी सामने आया था जब उनके इशारे पर कर्नाटक में दंगों के आरोपी सभी मुसलमानों पर से केस हटाने का सर्कुलर लाया गया था।

                      हिंदुओं को  विभाजित करने की राहुल की रणनीति
                                                दिसंबर, 2017
                       दिखावे के लिए गुजरात में 25 मंदिरों में दर्शन करने गए
                                                जनवरी, 2017
                     हिंदुओं को बांटने के लिए हार्दिक, अल्पेश, जिग्नेश को खड़ा किया
                                                अप्रैल, 2018
                 SC के फैसले की आड़ में दलितों को ‘झूठ’ बोलकर तोड़ने की कोशिश की
                                                 मई, 2018
                 भीमा कोरेगांव में माओवादियों से मिलकर जाति टकराव की पृष्ठभूमि बनाई
                                                अप्रैल, 2017
                        सहारनपुर में दलित-सवर्ण के बीच झगड़ा लगाने का प्रयास किया
                                                अप्रैल, 2018
                     लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा दिया, वीरशैव को अल्पसंख्यक बताया

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                             मुस्लिमों को ‘एकजुट’ करने की राहुल की रणनीति
                                               जुलाई, 2018
                      मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की शरिया कोर्ट की मांग पर राहुल की चुप्पी
                                                जून, 2018
                          लश्कर-ए-तैयबा ने कांग्रेस की नीतियों का खुला समर्थन किया
                                                 मई, 2018
                        गुलाम नबी आजाद ने मुसलमानों को एक होने का आह्वान किया
                                                दिसंबर, 2017
                         ट्रिपल तलाक, हलाला, बहुविवाह पर राहुल गांधी ने साधी चुप्पी
                                                फरवरी, 2016
                          कश्मीर की ‘आजादी’ मांगने वालों को राहुल ने दिया समर्थन
                                                सितंबर, 2013
                        मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों में से सिर्फ मुसलमानों से मिले राहुल

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