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स्वच्छ भारत मिशन के कारण खुले में शौच में आई तेजी से कमी: संयुक्त राष्ट्र

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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच में तेजी से कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार 99.2% भारतीय घरों में अब शौचालय की सुविधा है। विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्लूऐचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की ‘जल स्वच्छता और साफ-सफाई पर प्रगति 2000-2017’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया भर के उन 16 देशों की सूची में सबसे ऊपर है जिन्होंने 2000 के बाद से 20 प्रतिशत से अधिक खुले में शौच को कम किया है। जनसंख्या को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच में तेजी से कमी आई है। 2000 से 2014 के बीच खुले में शौच में प्रति वर्ष करीब तीन प्रतिशत की कमी आई, जबकि मोदी सरकार आने के बाद 2015 से 2019 के बीच प्रति वर्ष 12 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

डब्ल्यूएचओ ने की स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ
डब्ल्यूएचओ ने इसके पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ की है। ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के स्वास्थ्य लाभों पर अपने अध्ययन में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस कार्यक्रम से तीन लाख से अधिक लोगों की जिंदगियां बच सकती हैं। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ रिचर्ड जॉनस्टन ने कहा कि अनुमान है कि ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ से 2014 और अक्तूबर, 2019 के बीच तीन लाख से अधिक लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया जाएगा। रिचर्ड ने कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने से पहले स्वच्छता नहीं होने से हर साल डायरिया के 19.9 करोड़ मामले सामने आते थे। ये धीरे-धीरे घट रहे हैं और अक्तूबर, 2019 तक सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं का यूनिवर्सल इस्तेमाल पूरा हो जाने से इसका पूरी तरह सफाया हो जाएगा। अध्ययन में पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता सेवाओं, व्यक्तिगत स्वच्छता में सुधार का सबूत मिला जिसका सकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव रहा।
अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा पूरा देश
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक ग्रामीण भारत में 9.8 करोड़ से भी ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया है। इससे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर, 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करने का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छता कवरेज आज 99 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जबकि यह 2014 में 39 प्रतिशत था। इससे स्वच्छ भारत मिशन अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 5.57 लाख से अधिक गांव और 616 जिले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किए गए हैं। अब तक 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।

जन आंदोलन बना यह अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू करते हुए खुद हाथों में झाड़ू थामी थी तो पूरे देश ने हाथ में झाड़ू थाम लिया था। आज यह अभियान एक जन आंदोलन बन चुका है। देश में शौचालय का इस्तेमाल न करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। शहरों में अब मात्र एक प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

99 प्रतिशत भारतीयों के घरों में शौचालय
प्रधानमंत्री मोदी ने जब स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था, तब देश का एक भी राज्य खुले में शौच की समस्या से मुक्त नहीं था। अब 99 प्रतिशत भारतीयों के घरों में शौचालय की सुविधा है। एनडीए सरकार ने 2014 से देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए 9.8 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया है। आज 99 प्रतिशत भारतीयों के पास शौचालय की सुविधा है, जोकि 2014 से पहले केवल 39 प्रतिशत थी। लगभग 5.57 लाख गांवों, 616 जिलों, 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने रखी शौचालय की नींव
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने उस समय मिसाल पेश की, जब उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में अपने हाथों से पहली बार शौचालय की नींव रखी। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैं जिस गांव में गया, वहां शौचालय में लिखा हुआ था- इज्जत घर। ये हमारी महिलाओं की इज्जत के लिए ही है। जो महिलाओं की इज्जत चाहेगा, वो शौचालय जरूर बनाएगा।

जब पीएम मोदी ने स्वयं उठाया झाड़ू
महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास स्वयं झाड़ू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। फिर वो वाल्मिकी बस्ती पहुंचे और वहां भी साफ-सफाई की और कूड़ा उठाया। उन्होंने इस अभियान को जन आंदोलन बनाते हुए देश के लोगों को मंत्र दिया था, ‘ना गंदगी करेंगे, ना करने देंगे’।

पीएम ने स्वयं कुदाल उठाकर की सफाई
प्रधानमंत्री इस कार्य को और आगे बढ़ाते रहे, वो अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और वहां भी खुद आगे बढ़कर सफाई अभियान को गति देने का काम किया। पीएम मोदी ने काशी के अस्सी घाट पर गंगा के किनारे कुदाल से साफ-सफाई की। इस मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने स्वच्छ भारत अभियान में उनका साथ दिया।

हर वर्ग का मिल रहा है साथ
देश में एक से बढ़कर एक लोग इस अभियान से जुड़ते चले गए और स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन बनता चला गया। सरकारी अधिकारियों से लेकर, सीमा की रक्षा में जुटे वीर जवानों तक, बॉलीवुड कलाकारों से लेकर नामचीन खिलाड़ियों तक, बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर आध्यात्मिक गुरुओं तक, सभी इस पवित्र कार्य से जुड़ते चले गए।
‘मन की बात’ में सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ में लगातार देश के विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों के उन प्रयासों की सराहना की है, जिसने स्वच्छ भारत अभियान को व्यापक रूप से सफल बनाने में मदद की है।

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