Home विपक्ष विशेष यूपीए सरकार में कांग्रेस के इशारे पर प्रणब मुखर्जी, वी के सिंह...

यूपीए सरकार में कांग्रेस के इशारे पर प्रणब मुखर्जी, वी के सिंह समेत हजारों लोगों की कराई गई थी जासूसी!

SHARE

कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इन दिनों वाट्सएप पर कुछ लोगों की कथित जासूसी को लेकर केंद्र सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी बिना की किसी तथ्य के सरकार को घेरने में लगे हैं। लेकिन वो उस वक्त को भूल गए हैं जब उनके और उनकी मां सोनिया गांधी के इशारे पर यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी की जासूसी कराई गई थी। आइए हम आपको बताते हैं कि यूपीए शासन के दौरान कितनी बेशर्मी के साथ हजारों लोगों की जासूसी कराई जाती थी और उनके फोन रिकॉर्ड किए जाते थे।

प्रणब मुखर्जी के घर जासूसी
आज बिना किसी सबूत के केंद्र सरकार पर कुछ लोगों की जासूसी कराना का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने अपनी ही सरकार के वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी की जासूसी कराई थी। बात 2011 की है, जब प्रणब मुखर्जी के दफ्तर पर जासूसी खबर मीडिया में छाई हुई थी। तब इसकी शिकायत खुद प्रणब मुखर्जी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से की थी और इसकी जांच कराने की मांग की थी।

आपको बता दें कि जासूसी का मामला तब सामने आया था, जब तत्कालीन यूपीए सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री प्रणब मुखर्जी के ऑफिस में 16 अहम जगहों पर गोंद लगी मिली है। इन जगहों में खुद मुखर्जी का ऑफिस, उनकी करीबी सलाहकार ओमिता पॉल का ऑफिस, उनके प्राइवेट सेक्रेटरी मनोज पंत का ऑफिस और वित्त मंत्री द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो कॉन्फ्रेंस हॉल शामिल थे। तब वित्त मंत्रालय की ओर से पहली बार प्राइवेट इनवेस्टिगेटर्स की मदद से मंत्रालय के अति महत्वपूर्ण कक्षों की ‘इलेक्ट्रॉनिक स्वीपिंग’ कराई गई थी। इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की थी। तब प्राइवेट इनवेस्टिगेटर्स का कहना था कि गोंद खास मकसद से चिपकाई गई थी। गोंद के बाहरी हिस्से में हल्की लकीर जैसे निशान मिले हैं जो इस बात का संकेत हैं कि वहां कोई छोटे उपकरण लगाए गए होंगे जो हटा लिए गए।

रिटायर्ड आर्मी चीफ वी के सिंह के घर जासूसी
यूपीए शासन के दौरान ही पूर्व आर्मी चीफ जनरल (रिटायर्ड) वी के सिंह की भी जासूसी कराने का मामला सामने आया था। जनवरी 2013 में वी के सिंह के परिवारवालों ने आरोप लगाया था कि उनके घर में जासूसी करने के लिए बगिंग की कोशिश की गई। 4 जनवरी 2013 को दिल्‍ली के कैंटोनमेंट एरिया स्थित पूर्व जनरल के घर में घुसे सेना के मेजर को पकड़ा गया था। पकड़ा गया मेजर आर. विक्रम सिंह सेना के सिग्‍नल कोर 1, सिग्‍नल यूनिट में तैनात था। मेजकी गतिविधि संदिग्‍ध लगी तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ा और पूछताछ की।

यूपीए शासन में हर महीने हजारों लोगों के फोन और ईमेल की होती थी जासूसी
आज मोदी सरकार जासूसी के मनगढ़ंत आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी को शायद यूपीए शासन का वो दौर याद नहीं रहा है, जब उसके इशारे पर देशभर में हर महीने हजारों लोगों को फोन रिकॉर्ड किए जाते थे। इंडिया टुडे की खबर में आरटीआई से मिली जानकारी के हवाले से लिखा गया है कि 2013 में यूपीए सरकार के समय हर महीने करीब 9 हजार फोन और 500 ई-मेल एकाउंट की जासूसी कराई जाती थी। 6 अगस्त, 2013 को विदेश मंत्रालय की तरफ आरटीआई के जवाब में कहा इसकी जानकारी दी गई थी। यानि तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा हर महीने औसतन 7,500 से 9,000 फोन कॉल रिकार्ड कारए जाते थे और औसतन 300 से 500 ईमेल की जांच की जाती थी। एक और आरटीआई के जवाब में पता चला कि सीबीडीटी, ईडी समेत कुल 9 जांच एजेंसिंयों को Indian Telegraph Act of 1885 के तहत “Lawful Interception Monitoring” के लिए अधिकृत किया गया था।

Leave a Reply