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देश में मंदी की अफवाह उड़ाने वालों का मुंह बंद कर देंगे ये पांच संकेतक

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भारत इन दिनों भयंकर मंदी की चपटे में हैं, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के विरोधी दिन-रात इसी तरह की अफवाह देशवासियों के बीच फैला रहे हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता यह कहते नहीं थकते कि लोगों की जेब खाली है और उनकी वस्तुओं को खरीदने की शक्ति, खर्च करने की क्षमता कम हो गई है। लेकिन, वास्तविकता इसके बिलकुल उलट है। परफॉर्म इंडिया इस स्टोरी में आपको उन पांच संकेतकों को बारे में बताएगा, जिनसे यह साबित हो जाएगा कि देश में मंदी जैसी कोई बात नहीं है, लोग जमकर खर्च कर रहे हैं और हर सेक्टर में अच्छा कारोबार हो रहा है।

संकेतक नंबर 1- अमेजन की सेल में 36 घंटे में बिके 750 करोड़ के मोबाइल
नवरात्र के अवसर पर देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी अमेजन ने ग्रेट इंडिया फेस्टिवल सेल शुरू की। कंपनी के मुताबिक सेल शुरू होने के 36 घंटे के भीतर ही देशभर में 750 करोड़ रुपये के सैमसंग, वन प्लस, एप्पल जैसे ब्रांड के मोबाइल फोन बिक गए और ये सिलसिला जारी है। जब देशभर में लाखों लोग 20 हजार से 70 हजार रूपये के मोबाइल खरीद रहे हैं, तो ये समझना काफी है कि मंदी का शोर मचाने वाले सिर्फ अफवाह फैला रहे हैं।

संकेतक नंबर 2- एक महीने में 5 फिल्मों ने कमाया 700 करोड़ का मुनाफा
देश में मंदी का नामोनिशान तक नहीं है, इसका एक और संकेतक है सितंबर के महीने में थियेटरों में उमड़ी लोगों की भीड़। सितंबर के महीने में मिशन मंगल, ड्रीम गर्ल, छिछोरे, बाटला हाउस और साहो जैसी फिल्में सुपरहिट हो गई। लाखों लोगों ने इन फिल्मों को थियेटर में जाकर देखा और इससे फिल्म निर्माताओं को 700 करोड़ रुपये की इनकम हुई, यानि लोगों ने एक महीने फिर फिल्म देखने में 700 करोड़ रुपये खर्च डाले। मतलब साफ है कि जब लोग मनोरंजन पर इतना पैसा खर्च कर रहे हैं तो वे मंदी की गिरफ्त में कतई नहीं हैं।

संकेतक नंबर 3- एक साल में कार निर्माता ह्युंडई का मुनाफा 21 प्रतिशत बढ़ा
पिछले दिनों गाड़ियों की बिक्री गिरने को लेकर काफी हायतौबा मचाया गया। लेकिन देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी ह्यूंडई ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी कर बताया है कि पिछले वर्ष की तुलना में 2018-19 में उसे 21 प्रतिशत अधिक मुनाफा हुआ है। इतना ही नहीं कारों की बिक्री में भी तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

संकेतक नंबर 4- किया सेल्टोस ने 35 दिन में बुक की 40 हजार कारें
मंदी का ढिंढोरा पीटने वाले जरा कोरियाई कार निर्माता कंपनी किया सेल्टोस के आंकड़ों पर भी नजर डालें। किया सेल्टोट कंपनी ने पिछले 35 दिनों में 40 हजार से अधिक कारों की बुकिंग की है। कंपनी ने आंध्र प्रदेश में अपनी प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की है और हालत ये है कि कारों की बढ़ती बुकिंग की डिलीवरी करने के लिए कंपनी को दो शिफ्टों में काम करना पड़ रहा है। एक महत्वपूर्ण बात ये है कि भारत में इस कार की शुरुआती कीमत 9 लाख 69 हजार रुपये है। अब आप ही बताइए यदि लोगों के पास पैसा नहीं तो फिर इतनी महंगी कार की बुकिंग कैसे हो रही है।

संकेतक नंबर 5- लक्जरी कार निर्माता लैमबोर्गिनी ने एक साल में बेची 50 एसयूवी
मंदी की अफवाह फैलाने वालों के मुंह पर तमाचा मारने वाली एक और खबर ये है कि लक्जरी कार निर्माता कंपनी लैंबोर्गिनी ने बीते एक साल में अपनी ‘URUS’ नाम की नई एसयूवी की बिक्री का रिकॉर्ड बनाय है। 3 करोड़ 10 लाख रुपये की शुरुआती कीमत वाली 50 एसयूवी एक साल में बिक चुकी हैं। इन पांच संकेतकों से स्पष्ट हो जाता है कि देश में मंदी जैसी कोई चीज नहीं है। लोगों की कमाई भी खूब हो रही है और खर्च करने के लिए उनके पास खूब पैसा भी है।

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