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पीएम मोदी की लोकप्रियता का असर, लाइव प्रसारण दिखाने से बढ़ती है टीवी चैनलों की टीआरपी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता आज भी देश की जनता के बीच वैसे ही बरकरार है जैसा 2014 के चुनाव के दौरान था। यहां तक कि अगर पीएम मोदी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कोई टीवी चैनल करता है तो उस टीवी चैनलों के दर्शकों की संख्या में तेजी से और गुणात्मक रूप से वृद्धि होती है। टीवी चैनलों के दर्शकों को लेकर आंकड़े एकत्र करने वाली संस्था Broadcast Audience Research Council (BARC) द्वारा जारी एक आंकड़े से इसकी जानकारी मिलती है। BARC का आंकड़ा बताता है कि पीएम मोदी को देखने-सुनने के लिए टीवी चैनलों पर दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी 400 प्रतिशत तक बढ़ी है।

Broadcast Audience Research Council (BARC) के मुताबिक, जनवरी 2018 में Smart India Hackathon के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे। टीवी चैनलों ने इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया। इस दौरान चैनलों के दर्शकों की संख्या में 1.4 गुना और कृषि उन्नति मेला के प्रसारण के दौरान 2.3 गुना बढ़ोतरी हुई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले हुई बीजेपी की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए। कन्नड़ चैनलों ने इस रैली का प्रसारण किया, जिससे उनके दर्शकों की संख्या में 418 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जब जीएसटी को लागू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम का प्रसारण सभी चैनलों ने किया। हिंदी चैनलों के दर्शकों की संख्या 47 प्रतिशत और अंग्रेजी चैनलों के दर्शकों की संख्या 2.7 गुना बढ़ गई।

BARC के आंकड़ों के अनुसार, योजनाओं के शुभारंभ के दौरान जब प्रधानमंत्री मोदी भाषण देते हैं तो अंग्रेजी चैनलों के महिला दर्शकों की संख्या में 123 प्रतिशत और पुरुषों की संख्या में 101 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि हिन्दी चैनलों के महिला दर्शकों की संख्या में 239 प्रतिशत और पुरुष दर्शकों की संख्या में 240 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधित किया, उस दौरान अंग्रेजी चैनलों के महिला दर्शकों की संख्या में 22 प्रतिशत और पुरुष दर्शकों की संख्या में 17 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। वहीं हिंदी चैनलों के महिला दर्शकों की संख्या में 53 प्रतिशत और पुरुष दर्शकों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े निर्णयों के बाद भी पीएम मोदी पर जनता का विश्वास बरकरार है। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बरकरार है। उसकी एक झलक – 

चौथे साल भी 100 प्रभावशाली शख्सियतों में पीएम मोदी
देश ही नहीं विदेशों में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। उनकी लोकप्रियता इतनी है कि टाइम मैगजीन के 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की लिस्ट में पीएम मोदी का नाम लगातार चौथे साल भी शामिल किया है। यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, जिस पर प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित होने को मजबूर करता है।

पहली बार 2015 में आया था नाम
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार उनका नाम टाइम मैगजीन के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की सूची में पीएम का नाम शामिल किया गया था। वर्ष 2015 में टाइम के पाठकों से मत प्राप्त करने वालों में दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदी थे। उन्हें 10 प्रतिशत मत मिले जबकि पहले स्थान पर रहने वाले को 10.7 प्रतिशत मिले थे। पाठकों के सर्वे पोल के अनुसार तो प्रधानमंत्री 2016 और 2017 में भी लोकप्रिय रहे। पहले की अपेक्षा अधिक मत पाठकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। 

अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी भारतीय राजनीति के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता बने हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनकी लोकप्रियता 31 प्रतिशत ज्यादा है तो राहुल गांधी से 30 प्रतिशत ज्यादा है। पीएम मोदी पर 88 प्रतिशत लोगों ने भरोसा जताया है, जबकि सोनिया गांधी को 57 और राहुल को 58 प्रतिशत ने अपनी पसंद बताया है। दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 39 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।

लोकप्रियता कायम
नरेंद्र मोदी 88%
सोनिया गांधी 57%
राहुल गांधी 58%
अरविंद केजरीवाल 39%

अमेरिकी थिंक टैंक सर्वे में 10 में से 9 भारतीयों ने मोदी के पक्ष में अपनी सकारात्मक राय जाहिर की है, यानी 90 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी के प्रति सकारात्मक राय रखी है। जबकि सत्ता में आने के साल भर बाद 2015 में हर 10 में से करीब सात लोगों ने उनके पक्ष में अपनी राय जाहिर की थी। प्यू सर्वे में 10 में से 8 लोगों ने माना कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत अभी अच्छी है। सर्वे में यह बात भी निकलकर सामने आई कि पीएम मोदी देश को जिस दिशा में आगे ले जा रहे हैं उससे 10 में से 7 लोग खुश हैं यानी 70 प्रतिशत लोग देश की प्रगति से खुश हैं।

पीएम मोदी के प्रति सकारात्मक राय  88%
अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी 83%
देश की प्रगति से खुश 70%

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का जादू पूरे देश भर में फैला हुआ है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे दक्षिण के राज्यों और पश्चिम के महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में हर 10 में से कम से कम 9 लोग पीएम मोदी के पक्ष में दिखे।

पूर्वी राज्य बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल एवं उत्तर के दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हर 10 में से 8 से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी के पक्ष में अपना समर्थन जताया है।

पूरे देश में लोकप्रियता का जादू
दक्षिण भारत 95%
पश्चिम भारत 92%
पूर्वी भारत 85%
उत्तर भारत 84%

भारत में इस साल 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में करीब 2,464 लोगों को शामिल किया गया था।

सर्वे के अनुसार, यदि जुलाई में चुनाव हुए होते तो एनडीए को 349, यूपीए को 75 और अन्य को 119 सीटें मिलने का अनुमान हैं। सर्वे में यह तथ्य भी सामने आया है कि एनडीए को कुल मत का 42 प्रतिशत, यूपीए को 28 और अन्य को 30 प्रतिशत मत मिलते। साफ है कि मोदी सरकार अपने तीसरे साल में भी अगर 300 से ज्यादा सीटों पर अपनी जीत बनाए रखती है तो इसे एक जबर्दस्त उपलब्ध‍ि ही कहा जाएगा।

देश का मिजाज  
एनडीए 394
यूपीए 75
अन्य 119

इस सर्वे में यह भी सामने आया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज को 63 फीसदी लोगों ने शानदार माना, जबकि 23 फीसदी लोगों ने ही पीएम मोदी के काम को औसत बताया था।

पीएम मोदी का कामकाज  
शानदार 63 %
औसत 23 %
खराब 12 %

सर्वे में लोगों ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी कालेधन के खिलाफ अभियान को माना। इसके अनुसार 23 प्रतिशत लोगों ने इसे सबसे बड़ी सफलता माना, जबकि ईमानदारी के मामले में सरकार को 14 प्रतिशत, नोटबंदी को लेकर 14 प्रतिशत, स्वच्छ भारत अभियान को गति देने में 11 प्रतिशत और सर्जिकल स्ट्राइक को 9 प्रतिशत लोगों ने बड़ी उपलब्धि माना है।

इस सर्वे में आगे कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदिरा गांधी से दोगुने और जवाहर लाल नेहरू से चार गुना बेहतर प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं।

प्रधानमंत्री की लोकप्रियता  
नरेंद्र मोदी 33 %
इंदिरा गांधी 17 %
अटल बिहारी वाजपेयी 9 %
जवाहरलाल नेहरू 8 %
राजीव गांधी 8 %
लालबहादुर शास्त्री 5 %
मोरारजी देसाई 4 %
मनमोहन सिंह 4 %

आजतक के इस सर्वे से यह भी पता चला कि पिछले तीन साल के दौरान देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार हुआ है। 49 प्रतिशत लोगों ने माना था कि बड़े पैमाने पर स्थिति सुधरी है

मोदी लहर के लिए चित्र परिणाम

पीएम मोदी जितना महत्वपूर्ण कोई नहीं
देश की स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ पर न्यूज मैगजीन बिजनेस वर्ल्ड के लिये कराये गये सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहमियत अद्वितीय बताई गई। BW के लिये Traverse Strategy Consultants की ओर से कराये गये इस सर्वे में देशभर के 440 सीईओ और कंपनियों के डायरेक्टर की राय ली गई। इस सर्वे में देशभर के 12 शहरों में मौजूद विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों को शामिल किया गया। इस सर्वे के मुताबिक देश की आजादी के 70 साल के इतिहास में नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ। सर्वे में पीएम मोदी के बाद पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को दूसरा और राजीव गांधी को तीसरा सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री बताया गया।

मोदी लहर के लिए चित्र परिणाम

70 साल में सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री:

स्थान नाम
पहला नरेंद्र मोदी
दूसरा अटल बिहारी वाजपेयी
तीसरा राजीव गांधी

(BW Corporate India Survey)

वर्तमान में सबसे अहम राजनीतिक व्यक्तित्व
इस सर्वे के मुताबिक भारत की वर्तमान स्थितियों में प्रधानमंत्री मोदी सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति हैं। इस सर्वे का आधार सरकारी की नीतियां और रणनीतियां हैं जिससे उद्योगों के कारोबार और वाणिज्य पर असर पड़ता है। इसके मुताबिक वर्तमान माहौल में देश को जो आशावादी और स्पष्ट विजन का वातावरण उपलब्ध कराया गया है उससे कॉर्पोरेट जगत के लिये आने वाले 30 साल की बुनियाद मजबूत हो चुकी है।

मोदी लहर के लिए चित्र परिणाम

देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं मोदी
मई में प्रकाशित टाइम्स नाउ-वोटर्समूड रिसर्च (वीएमआर) के सर्वे में लोकप्रियता के मामले में 60 प्रतिशत वोट पीएम मोदी को मिले हैं। यानी लोकप्रियता के मसले पर वो टॉप पर हैं और कोई दूसरा राजनेता उनके आस-पास भी फटकने की स्थिति में नहीं है। सर्वे की सबसे बड़ी बात यही है कि इसमें लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को देश में अबतक का सबसे अच्छा पीएम चुना है।

इससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि देश की जनता तीन साल के बाद भी मोदी सरकार के कामकाज से कितनी खुश है। क्योंकि तीन साल बाद पीएम और सरकार की लोकप्रियता में और बार बढ़ोत्तरी हो गई है। यानी 2014 के आम चुनाव के समय जो देश में मोदी लहर था, उसमें तीन साल बाद भारी बढ़ोत्तरी ही हुई है।

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