Home समाचार कांग्रेस की इमरजेंसी 42 साल बाद भी जारी है…

कांग्रेस की इमरजेंसी 42 साल बाद भी जारी है…

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देश उस काले अध्याय को कभी नहीं भूल सकता है जब पहली बार देश में Freedom of Expression (FoE) पर पाबंदी लगाई गई थी। जनता पर पूरी पकड़ होने की अकड़ में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। तब वर्ष 1975 का था, अब 2017 का साल चल रहा है। इन 42 वर्षों में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत से कम होते-होते 44 सांसदों में सिमट गई है, लेकिन हेकड़ी आज भी इमरजेंसी वाली ही है। इसका एक नमूना शनिवार को पुणे में देखने को मिला। 


इमरजेंसी पर बनी फिल्म के प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस की गुंडागर्दी
फिल्म निर्माता ने इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर एक फिल्म बनाई – इंदू सरकार। उसको लेकर पुणे में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंच गए और मधुर भंडारकर की टीम के साथ मारपीट की, हंगामा किया। मधुर भंडारकर और उनकी टीम को होटल के एक कमरे में काफी देर तक बंद होकर रहना पड़ा। अंततः मधुर को प्रेस कांफ्रेंस रद्द करनी पड़ी। ये हाल तब है जब कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भविष्य राहुल गांधी गुंडागर्दी का विरोध कर चुके हैं। अब ये उनके गुंडागर्दी की श्रेणी में आता है या नहीं, ये तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं।

इमरजेंसी के सच से कांग्रेस को क्यों लग रहा है डर ? 
फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर कह चुके हैं कि उनकी फिल्म में 70 फीसदी फिक्शन है और 30 फीसदी सच्चाई है। इसके बाद भी कांग्रेस जनता को इमरजेंसी की सच्चाई से वंचित रखना क्यों चाहती है? आखिर इमरजेंसी की सच्चाई से कांग्रेस को इतना डर क्यों लगता है? वर्तमान समय में देश की आधी से अधिक आबादी वैसी है जिन्होंने सिर्फ इमरजेंसी का नाम सुना है। इस आबादी का अधिकार है कि वे इमरजेंसी की घटनाओं को जाने, समझे। उन्हें इस हक से कांग्रेस वंचित कैसे रख सकती है?

फिल्म से अघोषित आपातकाल की व्यूह रचना का होगा पर्दाफाश
आए दिन कांग्रेस कहती रहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में FoE खत्म हो गया है और देश में अघोषित आपातकाल है। कांग्रेस की हां में हां मिलाती हुई तमाम विपक्षी पार्टियां भी मोदी विरोध में एकजुट हो जाती हैं। अघोषित आपातकाल का एक व्यूह रचा गया है। कहीं ऐसा तो नहीं, देश की नई पीढ़ी जिसने केवल इमरजेंसी का नाम सुना है, भुगता नहीं है। घोषित आपातकाल पर बनी कुछ सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म देखकर साजिश का पर्दाफाश होने का डर तो नहीं सता रहा है कांग्रेस को? आज जो कांग्रेस की स्थिति है, इस स्थिति में लाने का श्रेय उस देश की जनता को जाता है जिन्होंने इमरजेंसी की जलालत को भोगा है।

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