Home विचार आतंक के खिलाफ अब दिखेगा ‘भोलेनाथ’ का रौद्र रूप!

आतंक के खिलाफ अब दिखेगा ‘भोलेनाथ’ का रौद्र रूप!

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हमारी परंपराएं देखती आई हैं और इतिहास भी इस बात का गवाह रहा है कि धरती पर जब-जब पाप अपने चरम पर पहुंचा है, असुरी प्रवृत्ति मानवता पर संकट बनकर आई है, तब-तब एक असुर संहारक भी प्रकट होता रहा है। आतंक आज उसी असुरी प्रवृत्ति का जीता-जागता रूप है जो भोले के भक्तों को भी नहीं छोड़ रहा है। जिस तरह से बाबा के दर्शन कर लौट रहे अमरनाथ यात्रियों की हत्या की गई वो ये बता रहा है कि इस आतंक के समूल नाश की घड़ी अब सामने आ चुकी है।

आतंकी ‘असुरों’ का होगा संहार
सावन के पहले सोमवार को जिस तरह से भोलेभक्तों पर आतंकियों ने गोलियां बरसाईं, उससे किस देशभक्त का खून नहीं खौलेगा। आतंकी तो बस वही मानते हैं जो उनके आका उन्हें सिखाते हैं, लेकिन अपने इन आकाओं के चक्कर में अब वो अपने संपूर्ण विनाश को तैयार रहें क्योंकि जल्दी ही ‘भोलेनाथ’ का रौद्र रूप प्रकट हो सकता है। आतंक से मानवता की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने वालों को आज भोलेनाथ के प्रतीकों के रूप में देखा जा सकता है।

आतंक के पालक पाकिस्तान की आएगी शामत
अमरनाथ यात्रियों पर अनंतनाग में हुए हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैय्यबा ने ली है जो जमात-उद-दावा के नाम से भी जाना जाता है। इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है। मोटरसाइकिल सवार तीन आतंकियों में से एक की पहचान इसी इस्माइल के रूप में की गई है। लश्कर-ए-तैय्यबा वही आतंकी संगठन है जिसने मुंबई के 26/11  हमले की साजिश रची थी और उसे अंजाम दिया था। इसके अलावा वो संसद पर हमले जैसी वारदातों में भी शामिल रहा है।

लश्कर के मंसूबों पर होगा कुठाराघात
लश्कर के आतंकियों को प्रशिक्षण और प्रश्रय मुहैया कराने में पाकिस्तानी आर्मी के शामिल होने की जानकारियां भी जब-ना-तब सामने आती रही हैं। लश्कर पाकिस्तान में आज भी कई आतंकी शिविर चला रहा है जिसका मुख्य मकसद होता है भारत पर हमले के लिए आतंकियों को तैयार करना। लश्कर के कमांडर हाफिज सईद को अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल रखा है। आज जिस तरह से आतंक के खिलाफ भारत-अमेरिका और इजरायल की तिकड़ी बनी है उससे लश्कर का हाफिज हो, हिज्बुल का सलाहुद्दीन हो या फिर आतंक को पनाह देने वाली पाकिस्तान सरकार सबके अंदर खलबली मची है। अपनी बौखलाहट में ही ये आतंकी आका और पाकिस्तान सरकार भारत को अशांत रखने की कोशिश में जुटे हैं।  

भारत-इजरायल डिफेंस डील से घबराया पाकिस्तान  
आतंक के खिलाफ भारत-इजरायल का बना मजबूत गठजोड़ और दोनों देशों के बीच हुई डिफेंस डील से पाकिस्तान का माथा खराब हो चुका है। इस डील के तहत भारत को इजरायल से मिलने वाले 10 हेरॉन टीपी ड्रोन से पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने निशाने बना करेंगे। ये किलर ड्रोन के नाम से भी जाना जाना है जो पहले टारगेट खोजता है, उसे सेट करता है और फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से उस टारगेट को तबाह कर देता है।

‘किलर ड्रोन’ ने उड़ाई आतंकी आकाओं की नींद
किलर ड्रोन के सहारे बिना सीमा पार किये हाफिज, सलाहुद्दीन, मसूद अजहर और दाऊद को निशाना बनाया जा सकता है। किलर ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि एक कंट्रोल रूम में बैठा ऑपरेटर ही इसे कंट्रोल कर सकता है। यह ड्रोन 370 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहले से आतंक के पनाहगार वतन पाकिस्तान की कमर टूटी है। अब हेरॉन टीपी ड्रोन के बाद सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता में दोगुना वृद्धि होगी, तो समझिए उसकी किस तरह से नींद उड़ी होगी।

आतंक के उन्मूलन में आएगी तेजी
जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं। वो अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कह चुके हैं कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विशेष बैठक बुलाई जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा आईबी और रॉ प्रमुख भी शामिल हुए। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात करके प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने राज्य में स्थिति को दुरुस्त करने में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मौजूदा सरकार अब आतंक के उन्मूलन की दिशा में और तेजी लाने की तैयारियों में दिख रही है।

सर्जिकल स्ट्राइक भी ‘रौद्र रूप’ का नतीजा
पिछले साल सितंबर में उड़ी आतंकी हमले के दस दिन के भीतर भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर बड़ी तादाद में आतंकियों को मार गिराते हुए उनके शिविरों को भी नष्ट कर दिया। ये वैसे शिविर थे जहां पाकिस्तान के उकसावे पर आतंकी भारत में नापाक हरकत की तैयारी में जुटे रहते थे। सेना का वो पराक्रम पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीयता के रौद्र रूप का ही परिचायक था…जो ये बता गया कि अहिंसा के सिद्धांत पर चलने वाले भारत को कमजोर समझने की भूल करना किसी पर कितना भारी पड़ सकता है। उड़ी में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके हफ्ते भर के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारी सेना पराक्रम करती है..और चार दिन के भीतर ये पराक्रम सामने आ चुका था..जिसने देशवासियों में नया मनोबल भरने का काम किया।

जनता नहीं बख्शेगी आतंक पर सियासत करने वालों को
भोले के भक्तों पर हुए आतंकी हमले के बाद देशवासी आतंक को सबसे करारा जवाब कैसे दिया जाए इस पर अपनी बात लेकर सामने आ रहे हैं। देशवासियों में गम के साथ गुस्सा भरा है। वो इस आतंक को जिंदा जलाने की बात तक कर रहे हैं लेकिन वहीं इस पर राजनीतिक रोटी सेंकने के चक्कर में कई नेता ऊलजुलूल बयान देने में जुटे हैं। आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा हों या शिवसेना के संजय राउत, ये ऐसे नेता हैं जो इस गमगीन माहौल में भी असंवेदनशील बातें कर बैठे। ऐसी सियासत करने वालों को ये समझना होगा कि देशवासी सब देख रहे हैं। मौजूदा सरकार के कड़े कदमों से आतंक का भी अंत होगा और जनता आतंक पर सियासी खेल खेलने वालों की राजनीति का भी अंत कर देगी।

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