Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रिवेंटिव और प्रोमोटिव हेल्थ सिस्टम को जन-जन तक पहुंचाना लक्ष्य-प्रधानमंत्री

प्रिवेंटिव और प्रोमोटिव हेल्थ सिस्टम को जन-जन तक पहुंचाना लक्ष्य-प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टाटा मेमोरियल सेंटर के प्लैटिनम जयंती पर वीडियो कांफ्रेंस से लोगों को संबोधित किया। उन्होंने सेंटर के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘प्लेटिनम जुबली माइलस्टोन’ रिलीज करते हुए कहा ‘’टाटा मेमोरियल सेंटर को इस मुकाम तक पहुंचाने में टाटा परिवार का अनवरत सेवा भाव और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के उनके अहसास का अमूल्य योगदान रहा है।‘’ इस अवसर पर टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा भी मौजूद थे।

सेवा भाव का पर्यायवाची है ‘टाटा’
प्रधानमंत्री ने सामाजिक कार्यकलापों में टाटा समूह के योगदान को याद करते हुए कहा कि टाटा शब्द सेवा से जुड़ा हुआ पर्यायवाची शब्द बन गया है। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए देश में ऐसे बहुत कम संस्थान हैं जहां लाखों गरीबों के इलाज के लिए काम किया गया है। टाटा मेमोरियल बाकी अस्पतालों के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बिंदु है। उन्होंने पीपीपी मोड में चल रहे इस संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि सरकार और प्राइवेट संगठन मिलकर कैसे लोगों की सेवा कर सकते हैं यह संस्थान इसका बेहतरीन उदाहरण है।

मेहर बाई टाटा की प्रेरणा से पड़ी बुनियाद
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1931 में मेहर बाई टाटा जब कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका जाते हुए अपने पति दोराब जी टाटा से कहा कि मैं तो खुश किस्मत हूं कि अमेरिका जा रही हूं, लेकिन उन लाखों लोगों का इलाज कैसे होगा जिन्हें ये संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। मेहरबाई के इस कथन से ही इस संस्थान की बुनियाद पड़ी और उनके निधन के बाद भी दोराब जी टाटा को ये बात याद रही और ये संस्थान आज अस्तित्व में है।

विवेकानंद के विचारों को भी दी तरजीह
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1898 में जमशेद जी टाटा ने स्वामी विवेकानंद जी को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने विज्ञान की चर्चा की थी। वे विज्ञान को अलग नजरिये से देखते थे। उन्होंने विवेकानंद जी को कहा था कि आप मेरे इस प्रयास के साथ जुड़िये। जाहिर है देश में ‘मोनेस्टी ऑफ साइंस’ की चर्चा उस काल में होना अद्भुत था।

हर साल 10 लाख से ज्यादा कैंसर मरीज
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर मानवता के सामने उपस्थित बड़ी चुनौतियों में एक है। अकेले देश में हर साल दस लाख से ज्यादा लोगों में कैंसर का पता चलता है। हर साल साढ़े छह लाख लोग मृत्यु की शरण में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल एजेंसी फॉर कैंसर रिसर्च ने आशंका जताई है कि ये संख्या दोगुनी हो जाएगी।

देश में कैंसर के इलाज के लिए चार सेंटर
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में टाटा की मदद से चार और कैंसर सेंटर वाराणसी, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी में बनेंगे। इससे इलाज के लिए लंबी दूरी तय करके अस्पताल तक पहुंचने वाले मरीजों को राहत पहुंचेगी। हरियाणा के झज्झर में नेशनल केंसर इंस्टीच्यूट का निर्माण किया जा रहा है।

इलाज के लिए हो एक प्लेटफॉर्म
प्रधानमंत्री ने कहा कि मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एक प्लेटफॉर्म पर लाना जरूरी है। इलाज के दौरान आधुनिक तकनीक का इलाज होना चाहिए। रिसर्चरों को ये भी देखना चाहिए कि चिकित्सा की अलग-अलग पद्धतियों का उपयोग एक साथ कैसे किया किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, योग और मेडिटेशन को नई चिकित्सा सुविधाओं के साथ जोड़कर मरीजों की तकलीफों को कम किया जा सकता है।

108 सेंटर कैंसर ग्रिड से जुड़े
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी थी तो 36 सेंटर कैंसर ग्रिड से जुड़े हुए थे, लेकिन तीन साल में ये संख्या तीन गुनी हो गई है और अब 108 कैंसर सेंटर इस ग्रिड से जुड़ गए हैं। डिजिटल कैंसर नर्व सेंटर की शुरुआत की गई है। इसी तरह Virtual Tumor Board की मदद से कैंसर के अलग-अलग एक्सपर्ट्स को एक ही समय पर इंटरनेट से जोड़कर मरीज के इलाज की रूपरेखा तय करने में मदद दी जा रही है।

प्रिवेंटिव और प्रोमोटिव हेल्थ सिस्टम
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर आदमी को सस्ते से सस्ता इलाज मिले और अच्छे से अच्छी सुविधाओं के साथ मिले। सरकार ने नई हेल्थ पॉलिसी बनाई है। हमारी सरकार एक होलिस्टिक प्रिवेंटिव और प्रोमोटिव हेल्थ केयर सिस्टम को जन जन तक पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में जीडीपी का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करने का इरादा है।

मेडिकल उपकरण देश में ही बने
श्री मोदी ने कहा कि देश में आज भी सत्तर प्रतिशत मेडिकल उपकरण विदेशों से मंगवानी पड़ती है। इसलिए स्टार्टअप के क्षेत्र में मेडिकल रिसर्च और सस्ते डिवाइस पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नई हेल्थ पॉलिसी के तहत मेडिकल डिवाइस भारत में ही निर्माण करने पर बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने भाभा एटोमिक सेंटर का स्वदेश में विकसित भाभा ट्रोन को मंगोलिया को गिफ्ट किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इस उपहार का मंगोलिया के लोगों को मन पर प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि हमें सस्ती मशीने बनाने पर काम करना होगा।

दवाइयों के दाम कम हुए 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हेल्थ सिस्टम को सही करने के लिए नए एम्स के निर्माण किए जा रहे हैं, मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि जन औषधि योजना के तहत पांच सौ से ज्यादा दवाइयों के दाम कम किए गए और स्टेंट की कीमत में 85 प्रतिशत तक कमी आई है।

सेवा परमो धर्म:
प्रधानमंत्री ने कहा कि हेल्थ केयर से जुड़े लोगों को ध्यान रखना होगा कि आज भी हमारे देश में सामान्य लोगों के मन में डॉक्टर भगवान का रूप होता है। जब मरीज डॉक्टर के पास जाता है तो भगवान डॉक्टर के रूप में ही नजर आता है। जीवन तो भगवान देते हैं पर इस श्रृष्टि में जीने का अवसर डॉक्टर देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां शास्त्रों में ‘सेवा परमो धर्म’ कहा गया है, इसलिए ये ध्यान रखें कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।

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