Home विचार मोदी विरोध और पाकिस्तान प्रेम में राष्ट्र विरोध पर उतरी कांग्रेस

मोदी विरोध और पाकिस्तान प्रेम में राष्ट्र विरोध पर उतरी कांग्रेस

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कांग्रेस पार्टी को पता नहीं क्या हो गया है कि वह पाकिस्तान प्रेम में देश हित ही भूल बैठी है। ताजा मामला पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के ताजा बयान का है जिसमें उन्होंने यूनाइटेड नेशन्स में सुषमा स्वराज के बयान को निराशजनक कहा है। शशि थरूर ने कहा कि भारत की इमेज बेहतर दिखाने की बजाय पाकिस्तान पर भड़ास निकाली, जो भारत में मौजूद बीजेपी के वोटर्स को प्रभावित करने के इरादे से किया गया। आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने 29 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की बखिया उधेड़ दी थी। हालांकि कांग्रेस पार्टी को यह रास नहीं आया और वह अपनी भड़ास निकलाने से भी नहीं चूक रही है। 

जाहिर है ऐसा लगने लगा है कि प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो देश खड़े हैं, कांग्रेस पार्टी उन्हीं की भाषा बोल रही है। आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले ही राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन किया था। इससे पहले भी कई मौके आए हैं जब कांग्रेस और पाकिस्तान की गुटबंदी देखने को मिलती रही है। देश के लोगों को यह भी स्मरण है कि जब सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान सबूत मांगता है तो कांग्रेस भी मांगती है। जाहिर है कांग्रेस राजनीतिक विरोध की आड़ में राष्ट्र विरोध पर उतर आई है।

आपको याद होगा कि 23 सितंबर, 2018 को पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा था कि राहुल गांधी देश के अगले पीएम होंगे, इसलिए उसकी इज्जत करो… आदेशात्मक लहजे में किया गया उनके ट्वीट से साफ है कि लिए पाकिस्तान राहुल गांधी के लिए खुल कर कैम्पेनिंग कर रहा है। स्पष्ट है कि कांग्रेस और पाकिस्तान का एक मात्र एजेंडा है – ‘मोदी हटाओ’। 23 सितंबर को राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी के ट्वीट को जिस तरह पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रीट्वीट किया, वह पाकिस्तान और कांग्रेस का कनेक्शन साबित करने को काफी है।

दरअसल जिस तरह पीएम मोदी की लोकप्रियता के आगे कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है, वैसे ही प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग हो चुका है। वह दाने-दाने को तरस रहा है और दुनिया के देशों से मदद मांग रहा है। ऐसे में पाकिस्तान और कांग्रेस ने पीएम मोदी को हटाने के लिए आपस में ‘जुगलबंदी’ कर ली है।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पत्रकार मुबाशेर लुकमान ने लिखा भी था, “अगर मोदी 2019 में इंडिया में फिर जीत गया तो फिर हम पाकिस्तानियों के पास कोई काम नहीं बचेगा, और पाकिस्तान कहीं का भी नहीं रहेगा।”
लुकमान ने कहा था, “2019 में मोदी को हारने के लिए जो लोग इंडिया में मोदी के खिलाफ खड़े हुए हैं, हमें उनकी सभी किस्म की मदद करनी चाहिए, ताकि हम सब मिलकर मोदी को 2019 में हरा सके।”

पाकिस्तानी पत्रकार तारिक पीरजादा ने भी कुछ दिनों पहले कहा था, “मोदी को रोकने के लिए इंडिया में हमें राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल जैसे लोगों की मदद करनी होगी और हिंदुओं को जातियों में तोड़ देना होगा।”

कांग्रेस-पाकिस्तान कनेक्शन को समझिये

नवंबर, 2015
मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान में कहा, ”बीजेपी को हटाइए, हमें ले आइए, और कोई रास्ता नहीं है।”

नवंबर, 2015
सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद होने के लिए भारत जिम्मेदार।

दिसंबर, 2017
कांग्रेसी नेताओं ने पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलकर गुजरात चुनाव में मुसलमानों का समर्थन मांगा।

अप्रैल, 2018
देश बंटवारे के दोषी जिन्ना की तस्वीर AMU में लगाए जाने का कांग्रेस ने खुलेआम समर्थन किया।

 

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