Home विचार हत्या पर भी राजनीति करने से नहीं चूकते ‘सेकुलर’ पत्रकार

हत्या पर भी राजनीति करने से नहीं चूकते ‘सेकुलर’ पत्रकार

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गौरी लंकेश की हत्या होते ही मोदी सरकार को घेरने की फिराक में रहने वाले पत्रकारों का खेमा सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गया। काफी समय से घोर निंद्रा में सो रहे इन पत्रकारों को जैसे संजीवनी बूटी मिल गई हो, फिर इनका वहीं पुराना विरोध का चलन ट्विटर से लेकर सड़कों पर दिखाई देने लगा। और बिना किसी जांच के ही इन सेकुलर पत्रकारों ने बीजेपी को सजा भी सुना दी।

हमारी ये रिपोर्ट गौरी लंकेश की मौत पर बीजेपी को कटघरे में खड़े करने वाले इन पत्रकारों के चैहरे से नकाब उतार देगी, कि कैसे ये पत्रकार राजनीतिक दल के एजेंट के तौर पर काम कर रहे है और सरकार के खिलाफ जब भी मौका मिलता है तो एजेंडा चलाने से बाज नहीं आते है।

आज हम आपको ऐसे ही कुछ पत्रकारों की लिस्ट दिखाएंगे जिन्होंने 2013 से अब तक मारे गए 21 पत्रकारों की मौत पर कोई आवाज नहीं उठाई। एक नजर आप भी डाल लीजिए।

देखा आपने गौरी लंकेश पर मगरमच्छी आंसू बहाने वाले इन पत्रकारों का सच जो ये इनकी मंशा पर सवाल खड़ा करता है। और ये दिखाता है किस तरह से किसी की मौत पर अपने राजनीतिक आकाओं की रोटियां सेंकने से भी ये बाज नहीं आते।

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