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सेक्युलर गुंडों ने 28 सितंबर, 2014 को मोदी के खिलाफ अमेरिका में रची थी साजिश

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अचानक से सेक्युलर गुंडे जाग गए हैं। अवॉर्ड वापसी गिरोह सक्रिय हो गया है। दोगले मीडिया ने कमर कस ली है और भारत में महासंकट शुरू हो गया है। ईद काली बना दी गई है। देश विदेश में धरना प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। हमारी तरह आप भी उद्वेलित हैं। लेकिन आज मैं आपके सामने जो आंकड़े रखने जा रहा हूं, उससे आपका गुस्सा और बढ़ेगा… वक्त है आप भी देश को बदनाम कर रहे इन छद्म सेक्युलरवादियों की साजिश को समझिए और इनका बहिष्कार कीजिए।

नीचे दी गई स्क्रिनशॉट को देखिए। 28 सितंबर, 2014 को न्यूयॉर्क में नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक गठजोड़ तैयार किया गया। उस गठजोड़ का नाम है Alliance For Justice And Accountability. स्क्रिनशॉट को देखकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि अमेरिका में बनाए गए इस संगठन का एक ही मकसद था – मोदी के खिलाफ जहर उगलना और फैलाना ताकि उन्हें दुनिया भर में बदनाम किया जा सके। तस्वीर में समय, मकसद सब कुछ लिखा है। बस यह समझ लीजिए कि असहिष्णुता से लेकर अवॉर्ड वापसी गैंग तक सब इनकी पैदाइश हैं।

संगठन तैयार था। बस ये हर समय देश में आग लगाने का मौका तलाशते रहे। रिसर्च के जरिए अपनी जरूरत के हिसाब से आंकड़ों को तोड़-मरोड़कर कर और रिपोर्ट बनाकर हर वक्त देश को और खासकर हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश रचते रहे। कानून व्यवस्था की समस्या को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करते रहे। फिर तो आपको याद ही है कि कैसे इन्होंने अखलाक की घटना को लपक लिया। जिस घटना के लिए उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की तुष्टिकरण करने वाली अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना था, उसे इन सेक्युलर गुंडों ने मोदी सरकार के मत्थे मढ़ने की नापाक कोशिश की। फिर इसी घटना को कलबुर्गी की हत्याकांड से जोड़ दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ असहिष्णुता का एक बड़ा परिदृश्य पैदा करने की साजिश रची।

अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के लिए यात्रा करने वाले थे तो इसी संस्था ने फिर से प्रधानमंत्री मोदी और देश को बदनाम करने की साजिश रची। 23 मई, 2017 को वॉशिंगटन के कैपिटल हिल में एक रिपोर्ट जारी किया। हैरानी की बात यह है कि इस साजिश को अमेरिकी सांसदों ने भी महसूस किया और एक भी सांसद इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे Alliance For Justice And Accountability नाम के इस संस्था की जब अमेरिका में दाल नहीं गली तो फिर ऐसी ही साजिश नीदरलैंड में रची गई। यहां भी एक ऐसी ही रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के ठीक पहले 24 जून, 2017 को रिलीज की गई। हर बार की तरह इस बार भी मकसद प्रधानमंत्री मोदी और देश को बदनाम करना था।

मोदी के खिलाफ ये अंतर्राष्ट्रीय साजिश की नाकाम कोशिश होती रही, अब चूंकि प्रधानमंत्री मोदी आज ही भारत लौट चुके हैं… तो इसे फिर से बुनने की साजिश देश में कुछ मीडिया संस्थाओं द्वारा की गई। INDIA SPEND ने अपने-अपने हिसाब से न्यूज पेपर की स्टोरी के आधार पर नरेंद्र मोदी के खिलाफ स्टोरी तैयार की। उद्देश्य फिर वही था कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की उपलब्धियों को खत्म करके सरकार को बदनाम किया जाए। जबकि इन्हीं की रिपोर्ट में साफ दिख रहा है कि लिंचिंग की घटनाएं देश के अलग-अलग राज्यों में हुई हैं। इसमें से आधे तो गैर भाजपा शासित राज्य हैं। लेकिन जिस तरीके से इन्होंने सिर्फ मोदी को लपेटे में लिया है, वो मीडिया के दोगलेपन को उजागर करने के लिए काफी है।

मोदी सरकार के खिलाफ साजिश रचने की जो शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय तौर पर हुई, उसे भारत के चुनिंदा मीडिया संस्था और पत्रकार भी उभारने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। अब बारी उन लोगों की थी, जो पिछले कई वर्षों से मोदी के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। शुरुआत की शबनम हाशमी ने। इन्होंने मॉइनरटी के नाम पर कमाया अपना अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया और इसके साथ ही अवॉर्ड वापसी गैंग को फिर से सक्रिय करने का फरमान सुना दिया है।

लेकिन रुकिए जनाब, अभी कहानी खत्म नहीं हुई है। आज से देश विरोधी इन सेक्युलर गुंडों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग शुरू कर दिया है। भारत के महान लोकतंत्र को अपमानित करने वाले ये मुट्ठी भर नेता-जर्नलिस्ट-तथाकथित सोशल एक्टिविस्ट और ऐसे ही लोगों की जमात एक दूसरे को ट्वीट और रिट्वीट कर रहे हैं। साथ ही पूरी दुनिया में भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

– हरीश चन्द्र बर्णवाल

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