दुनिया को शांति और विश्व बंधुत्व का संदेश देने वाली धरती आज हिंसा, नफरत और सांप्रदायिकता के आग में जल रही है। ममता बनर्जी की सरकार में पश्चिम बंगाल में बहुसंख्यक समुदाय के लोग दहशत में हैं। राज्य अब कभी किसी सांप्रदायिक दंगे तो कभी किसी मौलाना के प्रधानमंत्री के खिलाफ फतवा जारी करने के लिए जाना जाने लगा है। मुस्लिम वोट बैंक को बचाने के लिए ममता बनर्जी हिंदुओं पर ज्यादती पर ज्यादती किए जा रही हैं।
अब देखिए जिस ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसदों ने एक फरवरी को सरस्वती पूजा होने के नाम पर दिल्ली में बजट का बहिष्कार किया, उसी के शासन वाले राज्य में पूजा ना होने देने के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्रों पर पुलिस ने लाठी बरसाए और आंसू गैस के गोले दागे।
Pious TMC boycotts Budget to celebrate Saraswati Puja. In Bengal, Tehatta HS School shut down as Muslims won’t allow Saraswati Puja. pic.twitter.com/dvoYSh4e5V
— কাঞ্চন গুপ্ত (@KanchanGupta) February 1, 2017
पश्चिम बंगाल में उलूबेरिया के तेहत्ता में सरस्वती पूजा पर रोक लगाने से इलाके में तनाव है। इलाके के एक संप्रदाय के दबाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं दी। कहने को भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर किसी को अपने धर्म के पालन की आजादी है। लेकिन पश्चिम बंगाल में शायद इसमें बहुसंख्यक हिंदू शामिल नहीं है। ममता बनर्जी इसके पहले राज्य में कई जगहों पर दुर्गा पूजा की भी इजाजत नहीं दी थी।
Students are blocking NH6 at Khalisani, Howrah for hours in protest of not allowing them to hold Saraswati Puja at School to appease Muslims pic.twitter.com/UXsHN5wAdF
— Prasun Maitra (@prasunmaitra) January 31, 2017
तेहत्ता सरकारी स्कूल में सरस्वती पूजा की मांग को लेकर स्कूली छात्रों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर लाठी बरसाए। जिससे कई बच्चे घायल हो गए। बच्चे जिस सरस्वती माता की मूर्ति को पूजा के लिए ले जा रहे थे पुलिस ने उसे उठाकर थाने में कैद कर दिया।
Mamta’s WB Police attacked on innocent unarmed Hindu Students with guns who are protesting to celebrate #saraswatipuja in their school. pic.twitter.com/qeiBPjz0Zq
— ANKAN DUTTA (@ANKANDUTTA16) January 31, 2017
WB police lathicharged, used tear gas n robber bullets to vandalize the tehatta school students agitation demanding saraswati puja pic.twitter.com/KIMFoiUlMW
— Debjani Ghosh (@deb1996gh) January 31, 2017
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार तुष्टिकरण के नाम पर राज्य का इस्लामीकरण कर रही है। जबकि यहां के छात्रों का कहना है कि स्कूल में पिछले 65 साल से सरस्वती पूजा का आयोजन होता आ रहा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में भारतीय विज्ञान और युक्तिवादी समिति ने सरकारी स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सवों के आयोजन को संविधान की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग ममता सरकार से कर चुकी है।
युक्तिवादी समिति ने पश्चिमी मिदनापुर के डीआई प्राइमरी और डीआई सेकेंडरी स्कूल को भेजे ज्ञापन में कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इसलिए सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन असंवैधानिक है।
युक्तिवादी समिति ने दावा किया कि हमारी अपील पर कोलकाता के कई स्कूलों में सरस्वती पूजा और नवमी उत्सव उद्यापन का आयोजन बंद कर दिया गया है।