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खुदरा महंगाई दर 5 साल के सबसे निचले स्तर पर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार जारी है। सोमवार को आए आर्थिक आंकड़े बता रहे हैं कि खुदरा महंगाई दर करीब पांच सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी है। इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन की बात करें तो इसमें बढ़ोतरी की दर अप्रैल के महीने में 3.1 प्रतिशत रही। जबकि मार्च के महीने मे ये दर 3.75 फीसदी थी। 

केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान देश में आर्थिक गतिविधि मापने के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन(आईआईपी) के आंकड़े 3.1 प्रतिशत रहे जबकि मार्च में यह आंकड़े 2.7 प्रतिशत थे। वहीं मई के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) रीटेल महंगाई कम होकर 2.18 प्रतिशत पर रही। जबकि अप्रैल के दौरान रीटेल महंगाई 2.99 प्रतिशत के स्तर पर थी।

मुद्रास्फीति में रिकार्ड कमी
सब्जी और दाल जैसी खाने-पीने की वस्तुओं के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में रिकार्ड 2.18 फीसदी के निम्न स्तर पर आ गयी। हालांकि इस दौरान फल थोड़ा महंगे रहे। कपड़ा, आवास, ईंधन और बिजली की दरें सस्ती हुईं। खुदरा मुद्रास्फीति का मई का आंकड़ा इसका रिकार्ड न्यूनतम स्तर है। अप्रैल 2017 में यह 2.99 फीसदी और मई 2016 में यह 5.76 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति में 1.05 फीसदी की गिरावट आयी। मई में सब्जियों की कीमतें सालाना आधार पर 13.44 प्रतिशत नीचे रहीं। दाल दलहनों के भाव एक साल पहले की तुलना में 19.45 प्रतिशत नीचे रहे।

दाल की खुदरा महंगाई दर एक बार फिर घटी
मई के महीने में इसमें 19.45 प्रतिशत की गिरावट हुई सब्जियों की खुदरा महंगाई दर में 13.44 प्रतिशत की कमी हुई।

आईआईपी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इस माह में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 6.5 प्रतिशत थी और नोटबंदी के बाद इसे बड़ा धक्का लगा था। लिहाजा, आंकड़ों में मजबूती आने से केन्द्र सरकार को आर्थिक स्थिति मजबूत होने का जायजा मिल रहा है। खनन में 4.2 फीसदी और मैन्युफैक्चरिंग में 2.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी। मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ना एक अच्छी खबर है, क्योंकि इससे रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके बनते हैं।

 

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