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अजीत अंजुम की REACTIONARY पत्रकारिता

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने आंदोलन के हथियार के रुप में ‘‘इंडियन ओपिनियन‘‘ समाचार पत्र का प्रथम अंक 4 जून, 1903 को निकलाते हुए, पत्रकारिता के उद्देश्यों के बारे में लिखा है।  उन्होंने लिखा कि- ‘पत्रकारिता के तीन उद्देश्य हैं- पहला जनता की इच्छाओं, विचारों को समझना और उन्हें व्यक्त करना है। दूसरा उद्देश्य जनता में वांछनीय भावनाएं जागृत करना और तीसरा उद्देश्य सार्वजनिक दोषों को नष्ट करना है। लेकिन आज के दौर की पत्रकारिता में ये सारे उद्देश्य कहीं लुप्त हो गये हैं। अब पत्रकार अपनी भावनाओं को ही व्यक्त करने को अपनी पत्रकारिता का उद्देश्य मानते हैं। आज के दौर की पत्रकारिता में एक ऐसी  REACTIONARY जमात शामिल हो चुकी है, जिसे सरकार या प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दोषों को खोज-खोज कर केवल प्रतिक्रिया देना ही आता है।
इन प्रतिक्रियावादी पत्रकारों का एक गिरोह है, जो सोशल मीडिया के जरिए भी ऐसी ही पत्रकारिता करता है। ऐसे ही एक पत्रकार अजीत अंजुम हैं। अजीत अंजुम इंडिया टीवी और न्यूज 24 में मैनेजिंग एडिटर के पद पर काम कर चुके हैं और आजकल सोशल मीडिया से ही अपनी Reactionary पत्रकारिता को आगे बढ़ाते हैं।

आइये, आपको बताते हैं कि अजीत अंजुम की प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ REACTIONARY पत्रकारिता कैसी है-

REACTIONARY पत्रकारिता-1

पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला जब सामने आया तो अजीत अंजुम ने 15 और 18 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ  Reactionary टीव्टस किए, इन्हें पढ़कर लगता है कि ऐसे पत्रकार देश के हर अनैतिक कामों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराना ही अपना काम समझते हैं। अजीत अंजुम ने व्यवस्था के दोषों का विश्लेषण करने के बजाय यह आसान और सरल माना कि प्रधानमंत्री मोदी पर सीधे हमला किया जाए और सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति बनाये रखी जाए। अजीत अंजुम के उन Tweets को देखिए-


REACTIONARY पत्रकारिता-2

17 फरवरी को अजीत अंजुम के Tweet को पढ़कर लगता है कि वह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर अपनी बात सही साबित करते हैं। जो घोटाला 2011 में कांग्रेस ने शुरु करवाया था, उसे किसी तरह से 2016-2017 का बनाने में तुले हुए हैं, जबकि इस बारे में अधिकारियों ने भी तथ्य सामने रखे हैं। इस Tweet से यह स्पष्ट होता है कि उनकी सोच में तर्क से अधिक भावना हावी होती है, जो अपने को सही साबित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ किसी भी प्रकार कि अमर्यादित बात कह सकता है। उस Tweet को पढ़िए-


REACTIONARY पत्रकारिता-3

16 फरवरी को किए गये Tweet में अजीत अंजुम की Reactionary सोच पर तरस आता है। Tweet से स्पष्ट होता है कि इनके जैसे पत्रकार केवल अपने व्यक्तिगत पसंद और नापसंद के हिसाब से तथ्यों और व्यक्तियों के बारे में प्रतिक्रिया करते हैं। अजीत अंजुम, घटनाओं की वस्तुस्थिति समझने के बजाय, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक झूठे Narrative को तैयार करने में जुटे हुए हैं। आप भी Tweet को देखिए-


REACTIONARY पत्रकारिता-4

भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर की सीमा पर जारी गोलीबारी में सैनिकों के शहीद होने पर, 5 फरवरी को अजीत अंजुम ने अभद्र और अमर्यादित Tweet किया। ऐसी Reactionary पत्रकारिता देश में भावनाओं को भड़काने के सिवाय कोई और काम नहीं करती हैं। इन प्रतिक्रियावादी पत्रकारों में हालातों को समझने की कोई तार्किक बुद्धि दिखाई ही नहीं देती है, आप भी उस Tweet को पढ़िए-


REACTIONARY पत्रकारिता-5

1 फरवरी के Tweet से अजीत अजुंम की पत्रकारिता का सच सामने आता है। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ तथ्यों को तोड़-मरोड़कर हमला करना ही इनकी सोच में हावी रहता है। इस Tweet में इन्होंने जो भी तथ्य इस्तेमाल करके अपनी Reactionary पत्रकारिता को आगे बढ़ाया, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। इस Tweet को आप भी पढ़िए-


REACTIONARY पत्रकारिता-6

1 फरवरी को जब सरकार 2018 का बजट पेश कर रही थी, उसी दिन राजस्थान विधानसभा के लिए तीन उपचुनावों के परिणाम भी आये। उस दिन अजीत ने जो भी Tweet किए, उसको पढ़ने से लगता है कि इनकी सोच में सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की मुखालफत है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वरोजगार के सम्मान को बढ़ाने के लिए पकौड़ा बेचने को भी अच्छा बताना, अजीत को हजम नहीं हुआ और अपने सारे Tweets में स्वरोजगार के प्रति सम्मान बढ़ाने के बजाय उसकी बेइज्जती करने पर तुले रहे। इन अभद्र Tweets को आप भी पढ़िए-


REACTIONARY पत्रकारिता-7

2018 के बजट मेंआयुष्मान भारत के नाम से मेडिकल बीमा योजना की घोषणा की गई, लेकिन अजीत अंजुम जैसे प्रतिक्रियावादी पत्रकारों ने उसमें भी अपनी घटिया मानसिकता दिखानी शुरु कर दी। आप भी इस घटिया Tweet को पढिए-


REACTIONARY पत्रकारिता-8

गुजरात चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत पर अजीत अंजुम को कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार दिखाई पड़ी। घटनाओं को सतही तौर पर विश्लेषण करने के आदी अजीत अंजुम ने Tweet में लिखा-


REACTIONARY पत्रकारिता-9 

अजीत अंजुम की प्रतिक्रियावादी पत्रकारिता के पीछे छिपा मकसद तब साफ हो जाता है, जब 21 नवंबर 2017 के tweet पर नजर पड़ती है। इस tweet में अजीत कांग्रेस को समझाना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चाय बेचने वाले व्यंग्य न करें, नहीं तो भाजपा इसका फायदा उठा ले जायेगी। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बोलने वाले इस Reactionary पत्रकार का एक अपना एजेंडा है, जिसे यह सोशल मीडिया पर चलाते रहते हैं।


दरअसल देश में प्रतिक्रियावादी पत्रकारिता को बढ़ावा देने वाले अजीत अंजुम जैसे पत्रकार स्वयं ही उस डाली को काट रहे हैं, जिस डाली पर बैठे हैं। ये पत्रकार सोचते हैं कि उनकी पत्रकारिता से देश का भला हो रहा है, लेकिन देश की मानसिकता को ये पत्रकार धीरे-धीरे घुन की तरह नकारात्मक बनाने का काम कर रहे हैं, जो विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा है।

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