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सरकारी बैंकों की मजबूती के मोदी सरकार के कदम पर वैश्विक एजेंसियों की मुहर

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देश में आर्थिक सुधारों को लगातार बढ़ावा देने में जुटी मोदी सरकार के सबसे नये कदम पर हर तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नई संजीवनी देने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के recapitalisation पैकेज के एलान के बाद से देश के बैंक और उद्योग जगत उत्साहित दिख रहे है। वहीं बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और रेटिंग से संबंधित वैश्विक एजेंसियों ने भी सरकार के इस कदम पर अपनी मुहर लगाई है।

बैंकों की रेटिंग बेहतर होगी: FITCH

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकारी बैंकों के लिए recapitalisation की योजना बैंकों की रेटिंग को बेहतर बनाएगी। फिच के मुताबिक इस योजना से सरकार बैंकों को पर्याप्त मात्रा में पूंजी उपलब्ध कराएगी जिससे वे लोगों को ज्यादा ऋण दे सकेंगे और इससे उनकी रेटिंग बेहतर होगी।

सरकारी बैंकों के शेयरों की रेटिंग में सुधार

दरअसल सरकार की सभी बैंकों को पूंजी प्रदान करके उनकी रेटिंग में सुधार की योजना है और घोषणा के साथ ही इसका सकारात्मक असर भी तब दिखने लगा जब वैश्विक वित्तीय संस्था Morgan Stanley ने SBI समेत कई बैंकों के शेयर को अपग्रेड करते हुए ओवरवेट कर दिया।

रुपया भी होगा मजबूत: Morgan Stanley

Morgan Stanley का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अतिरिक्त पूंजी से रुपये में भी नई मजबूती आएगी। Morgan Stanley की एक स्टडी के अनुसार इस कदम से निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय फिर शुरू होने और घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का रुझान बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि इससे नये ऋण तो आसानी से दिये ही जा सकेंगे साथ ही फंसे कर्ज से निपटने में भी मदद मिलेगी। Morgan Stanley ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपना वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।

भ्रष्टाचार मुक्त बैंकिंग सिस्टम पर कवायद जारी

देश के बैंकिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए सरकार अपनी कवायद में जुटी हुई है। नोटबंदी के दौरान घपला करने के आरोपी बैंक अधिकारियों पर सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) टीएम भसीन के मुताबिक, नोटबंदी के बाद गड़बड़ियां करने के आरोप में करीब 460 बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह पहला मामला है जब इतनी बड़ी संख्‍या में निजी क्षेत्र के बैंकों और रिजर्व बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें निजी बैंकों के अधिकारियों समेत रिजर्व बैंक के भी अफसर शामिल हैं।

घेरे में नोटबंदी के दौरान घपले के आरोपी

CVC के पास आई शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि बैंक अधिकारियों ने रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन कर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने में गड़बड़ियां कीं। नोटबंदी के दौरान घपला करने के आरोपी बैंक अफसरों पर कार्रवाई करने में सीबीआई भी जुटी हुई है। सीबीआई ने अब तक 30 मामले दर्ज किये हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत

जाहिर है मोदी सरकार बैंकों के total reform के स्तर पर काम कर रही है। एक तरफ जहां वो बाजार के लिए बैंकों की क्षमता बढ़ाने में जुटी है वहीं बैंकों की प्रणाली को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने पर भी उसका जोर है। सरकार के इन तमाम प्रयासों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत छुपा है। 

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