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विश्व बैंक की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी की ‘समझ’ को आईना दिखाती ये रिपोर्ट

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कारोबार सुगमता यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत 30 अंकों के उछाल के साथ विश्व के 100 शीर्ष देशों में स्थान पाने में सफल हुआ है। विश्व बैंक के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी उछाल है। स्पष्ट है यह अवसर किसी भी राष्ट्र के लिए सम्मान की बात है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने विश्व बैंक की इस रैंकिंग को फिक्स करार दिया है। राजनीति में एक दूसरे की आलोचना उचित स्तर पर हो तो यह स्वीकार्य होना चाहिए, लेकिन केवल पॉलिटिकल माइलेज के लिए राष्ट्र सम्मान की आलोचना होने लगे तो यह समझ से परे है। राष्ट्र सम्मान पर आघात करने की शुरुआत कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने की।

विपक्षी दल के नेता की समझ पर सवाल नहीं उठाते हुए उन्हें केवल आईना दिखाया जा सकता है। क्योंकि ये तो सभी जानते हैं कि विश्व बैंक को फिक्स करने की हैसियत किसी देश में शायद ही होगी। दरअसल विश्व बैंक ने 11 मानक तय किए हैं, जिनपर भारत की नीतियां खरी उतरी हैं और देश को यह सम्मान मिला है। न केवल विश्व बैंक बल्कि अनेकों रेटिंग एजेंसियां, वित्तीय संस्थाएं और रिसर्च करने वाले संस्थानों ने भारत के आर्थिक सुधारों को अहम माना है और इसकी प्रशंसा की है। सबने एक स्वर से कहा है कि आने वाले वक्त में देश की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ेगी। आइये हम देखते हैं कि विश्व बैंक अतिरिक्त किन रेटिंग एजेंसियों और संस्थाओं ने भारत में भरोसा जताया है और विपक्ष के दुष्प्रचार को धता बताया है।

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भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था होगी- मॉर्गन स्टैनली
वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टैनली की 26 सितंबर, 2017 की रिपोर्ट के अनुसार आगामी 10 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर यानी लगभग 393 खरब रुपये की हो जाएगी। स्टैनली के अनुमान के अनुसार अगले दशक में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की होगी। भारत में हो रहे डिजिटलीकरण जीडीपी की वृद्धि दर को 0.5-0.75 प्रतिशत बढ़ाएगा। 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी। अगले 10 सालों में भारत का उपभोक्ता क्षेत्र भी बढ़कर करीब 1.5 खरब डॉलर पहुंच सकता है।

दहाई अंकों में पहुंच जाएगी भारत की विकास दर- मॉर्गन स्टैनली
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दशक में भारत की वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी की सालाना वृद्धि दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 11.2 प्रतिशत हो जाएगी। यह भारत को 6.1 खरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया के पांच शीर्ष इक्विटी बाजार में शामिल करने की दिशा में अग्रसर करेगा। इसी के साथ 2027 तक भारत 1.8 खरब डॉलर की बाजार पूंजी के साथ सूचीबद्ध वित्तीय सेवा क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होगा।

तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था में भारत चौथे नंबर पर- विश्व बैंक
11 अक्टूबर को प्रकाशित विश्व बैंक के पूर्वानुमान के अनुसार साल 2017-18 में भारत की जीडीपी 7 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण, नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे प्रोजेक्ट के कारण देश के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश को माना जा रहा है। विश्व बैंक की 10 जुलाई 2017 को जारी सूची के अनुसार, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाली सूची में भारत का स्थान चौथा है।

भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी-एडीबी
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत बताया है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2016-17 में 7.1 प्रतिशत रही थी। स्पष्ट है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे सुधारात्मक कदम के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति बनी हुई है। 2 अक्टूबर को प्रकाशित फिच रेटिंग्स ने भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत व्यक्त किया है। साख रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष आर्थिक गतिविधियों में अभी तेजी की उम्मीद है।Image result for ADB

7.5 का ग्रोथ रेट हासिल करेगा भारत- मूडीज
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुमान के अनुसार भारत 7.5 की विकास दर हासिल करेगा। मूडीज के इंवेस्टर सर्विस सर्वे में पता चला है कि भारत की विकास दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। सर्वेक्षण में 200 से ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया। सर्वे में शामिल सभी लोगों का मानना था कि जीएसटी के लागू होने से 12 से 18 महीने में आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएगी।

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भारत की अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी- IMF
11 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के विकास दर में पिछले तीन वर्षों की औसत के अनुसार स्थिर रहने के संकेत दिये हैं। पिछले वर्ष की 7.1 की तुलना में इस वर्ष 6.7 प्रतिशत विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि वर्ष 2018 में भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। अगर ऐसा हुआ तो भारत को फिर से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

मोदी सरकार की नीतियों की सफलता से हुआ संभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम, समर्थ व स्पष्ट नेतृत्व के कारण भारत में कारोबारी माहौल बेहतर हुआ है और व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है। बीते तीन वर्षों में 7000 से अधिक सुधार किए गए हैं और अभी 200 सुधार किए जाने शेष हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी और भारत की रैंकिंग अगले वर्ष 50 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।Image result for विश्व बैंक और राहुल गांधी

GST के सम्मिलित होने से और बढ़ेगी रैंकिंग
यह रैंकिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें जीएसटी जैसे बड़े सुधार को सम्मिलित नहीं किया गया है। विश्‍व बैंक की यह रिपोर्ट को 1 जून, 2017 तक के रिफॉर्म और नीतियों के आधार पर तैयार किया गया है। जबकि जीएसटी 1 जुलाई से लागू किया गया है। इस वजह से रैंकिंग सुधार में जीएसटी की भूमिका इस साल नहीं दिखाई दी है।

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