Home विचार गरीबों से किए वादे तोड़ने के गुनहगार हैं राहुल गांधी

गरीबों से किए वादे तोड़ने के गुनहगार हैं राहुल गांधी

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प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पाले राहुल गांधी देशवासियों से वादा कर रहे हैं कि वे उनके सपने पूरे करेंगे। हालांकि दूसरा पहलू ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष एक बच्चे से किया वादा भी पूरा नहीं कर पाए। कुछ साल पहले जिस नाबालिग बच्चे को अखबार बेचते हुए देखकर पढ़ाने का वादा किया था, आज वह ठेला लगाकर परिवार को पाल रहा है।

दरअसल, 2013 में जब राहुल गांधी भोपाल आए थे तब उन्होंने अखबार बेचने वाले नाबालिग कौशल शाक्य को पढ़ने के लिये मदद करने का वादा किया था। उन्होंने कौशल की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की थी और हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया। राहुल के आदेश पर मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कौशल का एडमिशन राजीव गांधी हायर सेकंडरी स्कूल में करा दिया। एक साल तक कौशल को राहुल गांधी से एक हजार रुपये मिलते रहे, लेकिन बाद में यह मदद बंद हो गई।

जब यह खबर मंत्री स्मृति ईरानी को लगी तो उन्होंने कौशल का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में करवाने की बात कही। लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राजनीति की और कौशल की पढ़ाई का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया।  

महाराष्ट्र की कलावती के पति ने 2005 में आत्महत्या कर ली थी। 2008 में राहुल गांधी ने इस मामले को अपनी छवि चमकाने के लिए खूब भुनाया। बाद में राहुल गांधी उन्हें भूल गए।

वर्ष 2008 में राहुल गांधी बुंदेलखंड गए थे, वे दलित के घर सोए और वहां खाना भी खाया। केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो वहां के हालात बदलने का वादा किया, लेकिन अब तक नहीं बदला।

दिखावा करने में भी माहिर हैं राहुल गांधी

कर्नाटक में राहुल गांधी जब दिखावे के लिए एक कार्यकर्ता के घर पर खाना खाने पहुंचे थे तो उनके साथ उनकी पार्टी के कई और वरिष्ठ नेता मौजूद थे। राहुल के खाने के लिए यहां अलग रंग ढंग वाली थाली का इंतजाम किया गया था आप इस बात का अंदाजा इस तस्वीर को देखकर लगा सकते हैं।

गरीबों का मसीहा बनने वाले राहुल गांधी जब गरीबों के बीच पहुंचे तो उन्हें पता भी नहीं होगा तस्वीरें उनका सच बयां कर देंगी। राहुल के साथ एक महिला मनरेगा के तहत मिट्टी ले जाती नजर आ रही हैं। यहां भी महिला को लोहे की तो राहुल बाबा को प्लास्टिक का बकेट दिया गया ताकि उन्हें ज्यादा भारी ना लगे। 

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