जर्मनी के हैम्बर्ग में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बेरोजगारी की समस्या को आतंकवाद से जोड़ दिया। उन्होंने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की स्थापना को न्यायसंगत ठहराते हुए भारत में भी ऐसे ही हालात उत्पन्न होने की बात भी कही। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध के लिए देश की संस्कृति जिम्मेदार है। जाहिर है मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी धरती से देश को बदनाम करने की कोशिश की है।
क्या राहुल गांधी को क्या यह भी जानकारी नहीं है कि ISIS कट्टरपंथी सोच का वह संगठन है जो पूरी दुनिया में इस्लाम की स्थापना चाहता है। यह वह संगठन है जिसके विरुद्ध पूरा विश्व एकजुट है। राहुल गांधी के बयानों से वह ‘दर्द’ भी जाहिर हो रहा है कि मोदी सरकार में आतंकवादी भारत में कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। देश में 60 वर्षों तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस शासन रहा है। ऐसे में बेरोजगारी की समस्या के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह कांग्रेस पार्टी है। दूसरा यह कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत में महिलाओं का बहुत सम्मान है, फिर क्यों राहुल गांधी विदेशी धरती से देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रहे हैं?
बहरहाल इस प्रकरण से एक बार फिर यह जाहिर हो गया कि कांग्रेस का फ्यूचर प्लान क्या है। दरअसल 2019 में वह हर हाल में सत्ता पाना चाहती है चाहे देश को बदनाम ही क्यों न करना पड़े। हालांकि यह भी साफ है कि घरेलू राजनीति में राहुल गांधी को कोई गंभीरता से नहीं लेता, लेकिन विदेशी धरती पर अपने ही देश के विरूद्ध दिया गया उनका बयान देश के लिए मुश्किलें जरूर पैदा करता है।
विदेशी धरती से देश को बदनाम करते रहे हैं राहुल
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