नेता तो आपने बहुत से देखे होंगे, लेकिन शायद ही कोई इतना प्रतिभाशाली नेता देखा होगा। जिसमें प्रतिभा इतनी कूट-कूट कर भरी हुई है कि वह ओवरफ्लो होकर स्वत बाहर आने लगती है। वे अपने बयानों और हरकतों से आये दिन अपनी पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं और पार्टी के अन्य नेताओं और प्रवक्ताओं के पास एक काम बच जाता है उनके बयानों और हरकतों का बचाव करने का। अब मालूम नहीं, यह उसका स्वभाव है या उनसे भूल के कारण ऐसा होता है या वे जान बूझकर और सोच समझकर ऐसा करते हैं।
आइये, आपको कांग्रेस के 47 वर्षीय युवा नेता से मिलाते हैं। ये इतने युवा हैं कि कांग्रेस अभी तक इनको ठीक से लॉन्च तक नहीं कर पा रही है। शायद सही मौके और सही उम्र का इंतजार कर रही है। लेकिन पार्टी का इंतजार छोड़कर अब इन्होंने स्वयं ही खुद को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लॉन्च करने का बीड़ा उठा लिया है। लॉन्चिंग के लिए ये इतने बेकरार हैं कि विदेशों में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में जुट गये हैं।
इसका ताजा उदाहरण है कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अमेरिका दौरा। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पहुंचकर राहुल गांधी ने बड़ी शिद्दत से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि देश वंशवाद से ही चलता है और देश ऐसे ही चलता रहा हैं। खुद को सही ठहराने के लिए उन्होंने देश में वंशवाद के उदाहरण भी गिनाये। वहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भाषण देने गए थे, लेकिन साथ ही अपने आईक्यू टेस्ट का टेस्ट भी दे आये।
‘Don’t b******** people on dynasty’, you have to earn respect’: Rishi Kapoor slams Rahul Gandhi https://t.co/XsymIw5S6j pic.twitter.com/2vhNmMYYMb
— DNA (@dna) September 12, 2017
Shame On Rahul Gandhi For Saying India Is Run By Dynasts. It Doesn’t And That’s The Reason We Voted Against Dynasty Crooks In 2014.#RGinUS
— Sir Ravindra Jadeja (@SirJadeja) September 12, 2017
बैकफायर करते रहें हैं कांग्रेस उपाध्यक्ष
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष की लॉचिंग पहली बार फेल हुई हैं। इससे पहले भी उनको कई बार फूल प्रूफ प्लानिंग के साथ लॉन्च करने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन उनकी लॉचिंग हमेशा बैकफायर ही करती रही है। देश में लॉचिंग फेल होने के बाद इस बार उन्होंने स्वयं को विदेशी जमीन से लॉन्च करने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने अमेरिका में अपनी प्रतिभा का जो प्रदर्शन किया उसकी सोशल मीडिया पर जोर शोर से चर्चा हाे रही है।
Launch of iPhone X and Rahul Gandhi has many parallels. Both are dynastic, are getting better and are… https://t.co/nw5SXncqIu
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) September 13, 2017
Yes i agree totally even congress has plan to send rahul gandhi on moon to launch congress party there.
— गुगल बाबा (@vim2702) September 13, 2017
“Arrogance crept into Congress party in 2012”. “Dynasty is how India runs”. These remarks are sure to haunt INC in 2019 LS polls
— Amarjeet Singh Deo (@amarsdeo) September 12, 2017
कांग्रेस के लिए सिरदर्द
अमेरिका में उन्होंने एक और बात कही कि वर्ष 2012 में कांग्रेस में अहंकार आ गया था। हमने लोगों से बात करना बंद कर दिया था। हालांकि यह अहंकार उनमें कितना आया, यह उन्होंने नहीं बताया। बहरहाल, अहंकार की बात कहकर राहुल गांधी ने एक बार फिर से अपनी ही पार्टी को बैकफुट पर धकेल दिया है। वे इस कला में पूरी तरह माहिर हैं। गाहे-बगाहे अपनी इस प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहते हैं। यूपीए-2 के दौरान पीएम मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट का पास किया हुआ बिल मीडिया के सामने फाड़ दिया था। देश के प्रधानमंत्री तक को शर्मिंदा कर दिया। राहुल गांधी के इस कदम से कांग्रेस कैबिनेट के बड़े-बड़े नेता हैरान रह गये थे।
Arrogance,thy name is CONGRESS.After the massacre of so many sikhs he had the courage to justify it.Irony they blame modi fr 2002 riot. https://t.co/PlnZBtmMQy
— Sushma Singh (@SushmaAnand89) August 21, 2017
Congress in their Arrogance of Power Have Made themselves Immune from the Consequences of Their OWN Actions! This Is RULING Not GOVERNING!
— Richard M O’Bryan (@RichardOBryan) September 13, 2017
Rahul Gandhi admits to Congress failure, arrogance https://t.co/x0rMovUMRm | ? by https://t.co/ePXzO0pa12 pic.twitter.com/XuX6XSCL2U
— Pinging (@Pinging18) September 13, 2017
Sir, this arrogance is not good in Politics. Congress had d same arrogance in 2012 which they paid off.We want 2 C Modiji win again in 2019.
— Intolerant Arvind (@kashinath1984) September 13, 2017
मजाक का पर्याय (comedy of errors)
राहुल गांधी की शक्सियत में ऐसा क्या है कि वे पूरे देश के लिए मजाक का पर्याय यानि कॉमेडी ऑफ ऐरर (comedy of errors) बनकर रह गये है। एक होता है जान बूझकर कॉमेडी करना, दूसरा होता है जाने-अनजाने में ऐसी बात मुंह से निकल जाना, या कोई ऐसी घटना घट जाना कि वह मजाक का पर्याय बन जाए। राहुल गांधी दूसरे किस्म के कॉमेडियन हैं। अनजाने में ऐसी हरकतें कर जाते हैं। जिससे वे मजाक के पर्याय बन जाते हैं।
Brain-dead #RGinUS
Fun unlimited!
Entertainment unlimited!
Logic & prudence extremely limited!
Rahul Gandhi spreading Pappuism in the air! pic.twitter.com/UNzj4JpVfw— Seema Choudhary (@Seems3r) September 12, 2017
राहुल गांधी के बेतुके बयान
देश किसी गंभीर समस्या का सामना कर रहा हो, संसद में किसी गंभीर विषय पर चर्चा हो रही हो, लेकिन राहुल गांधी बेतुके बयान देते रहते हैं। नोटबंदी के बाद शायरी करना और मंच से अपनी फटी जेब दिखाना उनको भारी पड़ गया था। नोटबंदी के बाद एक सभा में अपनी फटी जेब जनता को दिखाकर खुद ही हंसी के पात्र बन गये। वहीं जब नेपाल दूतावास में जब सांत्वना संदेश लिखने की बारी आयी, तो अपनी जेब से मोबाइल निकालकर उसमें से देखकर सांत्वना संदेश लिखा। तमाम टीवी चैनलों ने उनके इस कृत्य को उजागर करने का काम किया।
Few Yrs back, One of our greatest leader extrapolated to “Poverty is a state of mind” on ppl’s poverty & the Legend name is Rahul Gandhi.??? https://t.co/hB0GCxQC1E
— saikrishnan (@sai_tvmchennai) July 4, 2017
What is Rahul Gandhi’s views on Poverty in India ? Didn’t he say poverty is a state of mind ?Didn’t he wore freshly torn cloth to humiliate
— Tejas Shah (@drteju) June 19, 2017
How rahul gandhi was caught copying condolence message from Mobile phone, he can’t write/read one word on his own. pic.twitter.com/6BHrvUKITe
— अंकित जैन (@indiantweeter) August 13, 2015
Rahul Gandhi who can’t write condolence message on his own is going to Speak on Artificial Intelligence ?Is Sanjay Jha writing his speech? pic.twitter.com/CnzuLEJklS
— Muskaan (@Muskaan016) September 5, 2017
@OfficeOfRG Copy and paste See how educated U Rhttps://t.co/oVmkxOf74C Scindia On Rahul Gandhi’s Condolence Message For Nepal | India TV
— Dr N Patel (@hindustanse) December 24, 2015
राहुल गांधी के कुछ अन्य बेतुके बयान
“राजनीती आपकी कमीज और पेंट में होती है।”
“अगर भारत एक कंप्यूटर है, तो कांग्रेस उसका डिफाल्ट प्रोग्राम है।”
“गुजरात यूके से भी बड़ा है।”
“भारत यूरोप और अमेरिका को मिलाने पर भी उससे बड़ा है।”
“क्या मैं आपसे पूछ सकता हूं, कि आप कैसे मदद करेंगी।”
“गरीबी महज एक मनोदशा का नाम है।”
“मैं यूपी के किसानों के लिए आलू की फैक्टरी नहीं खोल सकता।”
#RGinUS Why Americans called Rahul Gandhi for speeches? For fun? He thinks poverty is state of mind as he is product of dynastic politics. pic.twitter.com/yPg999loRW
— RED PANDA (@redpandachamp) September 12, 2017
अपने फन में माहिर हैं
राहुल गांधी अपने फन में पूरी तरह माहिर हैं, रोजाना खबरों में बने रहने का कोई न कोई बहाना खोज लेते हैं। इसके लिए वे आम लोगों गरीबों, मजदूरों से मिलकर गरीबी को और उनके जीवन को जानने-समझने की कोशिश करते रहते हैं। उन गरीब लोगों से उन्हीं के स्तर की बात करने की कोशिश करते हैं, लेकिन नीरस से नीरस जीवन में वे हंसी-मजाक का कोई न कोई किस्सा खोज ही लेते हैं। कोई ऐसी बात कह देते है या कोई ऐसा सवाल कर देते हैं कि उन गरीब, मजदूरों का मनोरंजन हो जाए। गरीबी भी उनके लिए कोई गंभीर समस्या नहीं है। गरीबी उनके लिए एक मनोदशा और एक अवसर है। जिस अवसर का वो भरपूर इस्तेमाल करते रहते हैं। गरीबी जैसे संसाधन का सर्वोतम उपयोग उनसे सीखा जा सकता है।
Rahul Gandhi speaking at a rally in Ahmedabad now. Watching Live and having fun !! I don’t know why I get laughing when I see him speaking.
— Blue Lemon (@Indopolity) September 4, 2017
Stop Bullying Rahul Gandhi, Guys. Even Robots Need Their Share Of Laughter. Why Should Humans Have All The Fun. ?
Artificial Intelligence?
— Sir Ravindra Jadeja (@SirJadeja) September 4, 2017
व्यंग्य और मनोरंजन में अंतर
आप ये मत समझ बैठिएगा कि राहुल गांधी व्यंग्यकार है। व्यंंग्य और मनोरंजन भारी अंतर होता है। व्यंग्य जानबूझकर, सोच समझकर किया जाता है। जबकि मनोरंजन स्वतः भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति अपनी सामान्य बुद्धि को असामान्य कार्य सौंप दे। क्षमता से अधिक प्रयत्न कई बार खिलाड़ी के प्रदर्शन को गिरा देता है। ऐसी भी परिस्थितियां सामने आती हैं कि व्यक्ति कहना कुछ चाहता है और कह कुछ और जाता है। इसके लिए कुछ मामलों के लिए रटने की प्रवृति जिम्मेदार होती है।
Kapil Sharma unhappy with Rahul Gandhi’s speech. Says he is feeling insecure now. #RGinUS #RahulGandhi #RahulUSspeech #MondayMotivation
— Fun@MotivateMe.in (@Fun_MotivateMe) September 12, 2017
If Rahul Gandhi retires from politics, there will be no fun left in politics! pic.twitter.com/AYhrUxj6Jl
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) September 12, 2017
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार
अपने बेतुके बयानों के कारण राहुल गांधी को अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ता है। वैसे ट्रोलिंग कोई बूरी बात नहीं है। ट्रोलिंग बड़े-बड़े सितारों की होती है। वैसे इस ट्रोलिंग से भी राहुल गांधी को कोई खास फर्क पड़ता नहीं है। जब किसी व्यक्ति के जीवन में कोई घटना आये दिन की कहानी बन जाती है तो वह उसके लिए सामान्य सी घटना बनकर रह जाती है। फिर उससे उस व्यक्ति को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है।
No one is indispensable!!
Trolling Rahul Gandhi when he in on vacation sir… Tsk tsk https://t.co/8teqdh7ySi— Masterni Didi (@anitahada) June 22, 2017
अति उत्साह का खामियाजा
राहुल गांधी देश और अपनी पार्टी को शर्मिंदा करते रहते हैं, लेकिन कभी भी स्वयं शर्मिंदा महसूस नहीं करते हैं। कई बार वे अति उत्साह में अति आक्रामक व्यवहार कर देते हैं। जिसका बाद में उनको खामियाजा भुगतना पड़ता है। जेएनयू प्रकरण में अति उत्साह के कारण उनका दांव उल्टा पड़ा गया। ऐसा ही उन्होंने खून की दलाली के बयान के समय किया। जिसकी वजह से बाद में उनको काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
#RahulGandhi advises PM Modi not to play politics on the sacrifice of Indian Army #ModiStopख़ून_की_दलाली pic.twitter.com/2fPIy5shF6
— CG Youth Congress (@cg_pyc) October 6, 2016
क्या पीएम मैटेरियल है कांग्रेस उपाध्यक्ष
चलते-चलते आखिरी सवाल, क्या राहुल गांधी पीएम मैटेरियल है, क्या राहुल गांधी को पीएम मैटेरियल बनाया जा सकता है, या क्या राहुल गांधी पीएम मैटेरियल बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी पीएम के सांचे काे ही तो नहीं बदल देगी। जबकि राहुल गांधी खुलकर वंशवाद के समर्थन में आ गये हैं। ऐसे में देश में यह बहस एक बार फिर से उठ खड़ी हुई है। वैसे तो शुरू से वंशवाद के कट्टर समर्थक रहे हैं। वंशवाद का यह तत्व उनके खून में है। क्योंकि किसी भी सभा-सम्मेलन में गांधी परिवार का हवाला देना वे बिल्कुल नहीं भूलते।
Brand of patriotism I saw in Indira Gandhi was a noble one that she imbibed from freedom struggle: Rahul Gandhi on behalf of INC President pic.twitter.com/HGKlVi7Pmr
— Congress (@INCIndia) May 13, 2017
@ShashiTharoor Biggest problem of @INCIndia is nobody confronts #RahulGandhi on why top party posts are reserved solely for Gandhi family?
— Congress Hands (@CongressHands) April 26, 2017