Home विचार किसान विरोधी बताने वाले नेताओं के गाल पर तमाचा है यह रिपोर्ट

किसान विरोधी बताने वाले नेताओं के गाल पर तमाचा है यह रिपोर्ट

SHARE

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और भारत की करीब 60 प्रतिशत जनसंख्या किसी ना किसी तरह से कृषि पर निर्भर है। अब से पहले तक की सरकार किसानों को वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करती रही। उनके राज में किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुई। किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे। लेकिन अब जब सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वास्तव में किसानों के लिए काम करना शुरू किया है तो विपक्षी दलों को यह हजम नहीं हो पा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना है कि मोदी सरकार किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि नोटबंदी के बाद से किसान बेहाल है और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि सरकार किसान विरोधी है। विपक्षी नेताओं ने मीडिया के कुछ तबकों के साथ मिलकर मोदी सरकार को किसान विरोधी साबित करने की कोशिश की है। जबकि सच्चाई कुछ और ही है। हम पोस्टकार्ड न्यूज के डाटा के साथ आपके सामने मोदी सरकार की कुछ उपलब्धियों और योजनाओं को रख रहे हैं, जो इन लोगों के गाल पर तमाचा जड़ने के लिए काफी है।

1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सरकार मामूली प्रीमियम पर किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई नुकसान की भरपाई करती है। इसमें खरीफ की फसल के लिए 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इस साल खरीफ की फसल के लिए 21 राज्यों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 366 लाख से ज्यादा किसानों को सुरक्षा दी गई।

2. सॉयल हेल्थ कार्ड योजना
मिट्टी के पोषण की जांच के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई है। मिट्टी के नियमित परीक्षण के लिए 2014 से अबतक 460 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्‍थापित किए जा चुके हैं और 4000 लघु प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। अभी तक 2.33 करोड़ सैंपल जमा किए जा चुके हैं और करीब 13 करोड़ कार्ड बनाए जा चुके हैं।

3. परंपरागत कृषि विकास योजना
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत 2014 में की गई। तीन साल में दस हजार कलस्टर बनाने के लिए 597 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। दिसंबर 2016 तक 9186 कलस्टर बन चुके थे।

4. राष्ट्रीय कृषि बाजार (NAM)
इस योजना में e-NAM पोर्टल से 10 राज्यों के 250 मंडियों को जोड़ा गया है। 399 मंडियों को जोड़ने के लिए 93 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। दिसंबर 2016 तक ई-नैम से साढ़े नौ लाख किसान और करीब साठ हजार व्यापारी जुड़ चुके थे।

5. मधुमक्खी पालन और विकास
2016 के दौरान शहद का उत्पादन दो लाख 64 हजार टन बढ़ा है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन बोर्ड को 2016-17 के लिए 12 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

6. नारियल विकास
भारत ने 2016-27 से नारियल तेल मलयेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को निर्यात करना शुरू कर दिया है जबकि पहले आयात करना पड़ता था।

7. नीम कोटेड यूरिया
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले तक हर राज्य के मुख्यमंत्री यूरिया कोटे के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा करते थे। 70 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी सीएम को यूरिया के लिए पीएम को पत्र नहीं लिखना पड़ा। अब यूरिया के लिए किसानों को लाइन नहीं लगानी पड़ती है। मोदी सरकार के आने के बाद से देश भर में नीम कोटेड यूरिया उत्पादन से इसके गैर कानूनी इस्तेमाल पर रोक लगी है। अब नीम कोटेड यूरिया के इस्तेमाल से अनाज उत्पादन में इजाफा हुआ है।

8. कृषि वानिकी
कृषि वानिकी किसानों के लिए एक बेहतर रास्ता साबित हो सकता है। इस में खेती के साथ-साथ बागबानी का फायदा भी मिल जाता है और आमदनी में भी इजाफा हो रहा है. आठ राज्यों ने इस योजना को अपने यहां शुरू कर दिया है।

9. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का मुख्य लक्ष्य गेहूँ, चावल के साथ दलहन की उत्पादकता में वृद्धि लाना है ताकि देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को सुनिश्चित किया जा सके। 2016-17 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 1700 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया जिसमें से 1100 करोड़ रुपए दलहन के लिए था। 2016-17 के लिए दलहन के उत्पादन का लक्ष्य 20.75 मिलियन मेट्रिक टन रखा गया है।

10. राष्ट्रीय गोकुल मिशन
देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और नस्ल सुधार को वैज्ञानिक ढ़ंग से बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है। इसके लिए 500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

11. मछली उत्पादन
मछली उत्पादन को देखा जाय तो 2015 में 150 लाख टन की तुलना में यह 2016 में बढ़कर 209 लाख टन पर पहुंच गया है।

12. अंडा उत्पादन
देश में 2014-15 के दौरान जहां 78,484 मिलियन अंडे का उत्पादन हुआ वहीं 2015-16 के दौरान 82,930 मिलियन अंडे का उत्पादन हुआ।

13. पशु चिकित्सा शिक्षा
मोदी सरकार पशु चिकित्सा शिक्षा पर भी जोर दे रही है। पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में सीटें और सुविधाएं बढ़ाई गई हैं।

14. वैज्ञानिकों की नियुक्ति
वर्ष 2013-14 की सिर्फ 66 प्रतिशत नियुक्ति की तुलना में 2014-15 में 81 प्रतिशत नियुक्ति की गई हैं।

ये आंकड़े यह बताने के लिए काफी है कि मोदी सरकार किसानों के लिए, उनकी सुरक्षा के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। किसानों को इसका फायदा भी मिल रहा है। कृषि उत्पादन में इजाफा हुआ है। जाहिर है मोदी सरकार किसानों साथ है।

Leave a Reply