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पीएम मोदी की पहल पर दो-तिहाई सजा काट चुके कैदी होंगे रिहा, उम्रदराज कैदियों को भी मिलेगी माफी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का हर फैसला देशहित के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा हुआ होता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर मोदी सरकार ने दो-तिहाई सजा काट चुके कैदियों को जेल से रिहा करने का फैसला किया है। हालांकि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और संगीन अपराधों के लिए सजायाफ्ता कैदियों को इस रिहाई फैसले से दूर रखा गया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी।

आम माफी योजना के तहत तीन चरणों में रिहा होंगे कैदी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि संविधान के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को सजा माफ करने का अधिकार है। पीएम मोदी की पहल पर कैबिनेट के फैसले के बाद गृह मंत्रालय जल्द ही सभी राज्यों को परामर्श जारी कर इस निर्णय को लागू करने की सलाह देगा। सजा माफी की पूरी योजना बनाकर विभिन्न चरणों में इस पर अमल किया जायेगा। पहले चरण में इसी साल 2 अक्टूबर, 2018 को कुछ कैदियों को छोड़ा जायेगा। इसके बाद चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ पर अगले साल 10 अप्रैल, 2019 को तथा अगले साल राष्ट्रपिता की जयंती पर 2 अक्टूबर, 2019 को कैदियों की रिहा किया जाएगा।

रिहाई के लिए अपनाई जाएगी प्रक्रिया
गृह मंत्रालय सभी कैदियों के मामलों की पहचान के लिए सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों से परामर्श करेगा। राज्‍य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को इन मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की सलाह दी जाएगी। राज्‍य सरकार इस समिति की सिफारिशों को राज्‍यपाल के पास विचार और संविधान की धारा 161 के तहत मंजूरी के लिए भेजेगी। मंजूरी मिलने के बाद कैदियों को 2 अक्‍टूबर 2018, 10 अप्रैल 2019 और 2 अक्‍टूबर 2019 को रिहा किया जाएगा।

किन कैदियों को मिलेगी आम माफी
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के तहत 55 वर्ष की ऐसी महिला कैदियों को योजना के तहत रिहा किया जाएगा, जिनकी वास्‍तविक सजा की अवधि 50 फीसदी से अधिक हो चुकी है। 50 फीसदी वास्‍तविक सजा की अवधि पूरी करने वाले 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र के किन्‍नर कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। वहीं, 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के ऐसे पुरुष कैदियों को भी रिहा किया जाएगा, जिनकी 50 फीसदी वास्‍तविक सजा अवधि पूरी हो गई है। इसके अलावा, 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरा करने वाले 70 फीसदी से अधिक दिव्‍यांग कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने दो-तिहाई सजा पूरी करने वाले कैदियों को भी रिहा करने का फैसला किया है।

इन कैदियों को नहीं मिलेगी रिहाई  
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता में बताया कि फांसी की सजा काट रहे कैदियों को विशेष माफी नहीं दी जाएगी। उन कैदियों को भी इस योजना से बाहर रखा जाएगा, जिनकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है। इसके अलावा बलात्कार, दहेज हत्या, मानव तस्करी, हवाला, आतंकवाद, बाल अपराध, एफआईसीएन, धन शोधन, फेमा, एनडीपीएस, यूएपीए, भ्रष्‍टाचार रोकथाम अधिनियम आदि के दोषियों को भी इस योजना के लाभ से बाहर रखा जाएगा। 

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