अब उस घड़ी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, जब भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत को लॉन्च करेंगे। झारखंड के आदिवासी इलाकों से शुरू की जाने वाली यह योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मजयंती के दिन यानि 25 सितंबर से पूरे देश में लागू कर दी जाएगी।
#आयुष्मानभारत के प्रथम चरण में झारखण्ड के 57 लाख परिवारों को सालाना 5 लाख रु का बीमा कवर दिया जा रहा है। किसी भी बीमारी के इलाज का खर्च अब सरकार उठाएगी। सिर्फ दो दिन बाद रांची से प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी देशवासियों को सबसे बड़ी सौगात देंगे।#Modi2LaunchAyushmanFromRanchi pic.twitter.com/i3bumElay7
— Raghubar Das (@dasraghubar) September 21, 2018
पहले चरण में 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत हर साल एक परिवार को 5 लाख रुपये का हेल्थ इन्श्योरेंस मिलेगा। परिवार के सभी सदस्य इसका लाभ उठा सकेंगे। सरकार ने सामाजिक, आर्थिक, जातीय सर्वेक्षण, 2011 (SECC) के डेटा में शामिल परिवारों को इसमें शामिल किया है। इस योजना का जिन्हें लाभ मिलना है उनका चयन पहले ही किया जा चुका है। पहले चरण में देश के 10.74 करोड़ परिवारों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर चुन लिया गया है। आयुष्मान कार्ड सभी चयनित परिवारों के पते पर भेज दिया जाएगा। इस कार्ड के आधार पर सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में लोग अपना इलाज करवा सकेंगे।
हेल्थकेयर में क्रांतिकारी बदलाव की योजना
आयुष्मान भारत के साथ देश का हेल्थ सेक्टर एक नई उड़ान भरने जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस योजना को लेकर Times of India के अपने ब्लॉग में लिखा है कि हेल्थकेयर के क्षेत्र में यह एक समग्र योजना है जो दो मजबूत स्तंभों पर टिकी है। एक है 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को अपने घर के पास ही मिल सकेंगी। दूसरी है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) जो गरीब और वंचित परिवारों को हेल्थ प्रोटेक्शन देगी। पहले चरण में शामिल होने वाले गरीब और वंचित तबके के वे ऐसे लोग हैं जो हेल्थकेयर सिस्टम के साथ ही अब तक देश के विकास की कहानी से दूर रहे हैं। हाल के एक सर्वे के मुताबिक देश में पांच करोड़ लोग सिर्फ स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के चलते ही गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं।
गंभीर से गंभीर बीमारियों में योजना से मिलेगी राहत
योजना के तहत सैकड़ों प्रकार की बीमारियों के लगभग 1300 से अधिक पैकेज हैं। यह योजना हार्ट अटैक और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों में राहत दिलाने में बेहद काम आएगी। इलाज के दौरान दवा, मेडिकल जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत कई जांच) पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। केंद्र ने इसके लिए 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ करार किया है। योजना में हॉस्पिटलाइजेशन और उसके बाद के खर्चों को भी उठाया जाएगा। इसके लिए योजना तहत जो भी आईकार्ड (आधार कार्ड, वोटर आईडी,वगैरह) सुझाए गए हैं, उन्हें ले जाना होगा। यहां इस बात का ध्यान देना आवश्यक है कि योजना के तहत किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन कराने या शुल्क देने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी स्पष्ट किया है।
Dear citizens ,
Please be very clear that #AyushmanBharat – PMJAY is a entitlement based scheme. It is absolutely free for beneficiaries. You need not to register anywhere.
“PMJAY का लाभ लेने के लिए आपको किसी भी जगह कोई भी पंजीकरण करने या शुल्क देने की कोई आवश्यकता नही है।” https://t.co/2jF2KhiqM9
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 20, 2018
गरीब से गरीब करवा सकेंगे अपना इलाज
आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में बसी योजना है। इस योजना के उद्देश्य को अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि देश के गरीब अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लाचार महसूस नहीं करेंगे और अपना सब कुछ गिरवी रखने को मजबूर नहीं होंगे। योजना में हर तरह से इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि कोई भी वास्तविक हकदार इसके दायरे में आने से बचा ना रह जाए। जिन परिवारों में कोई पुरुष मुखिया नहीं है और महिला उस परिवार को चला रही है, उस परिवार को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा और जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा उनमें बिना जमीन वाले मजदूरों के साथ ही हॉकर, कुली, सिक्योरिटी गार्ड, माली, स्वीपर, इलेक्ट्रिशियन शामिल हैं।
सुविधा के लिए आयुष्मान मित्र और हेल्पलाइन नंबर
इस योजना में अभी जितने लोग कवर किए जा रहे हैं वह पूरे यूरोप या अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको को मिलाकर जितनी जनसंख्या है उसके बराबर होगी। देश भर में लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने में मदद करेंगे प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र। ये आयुष्मान मित्र मरीजों को इलाज की सुविधाएं सरकारी और अनुबंधित अस्पतालों में उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। लाभार्थियों के आइडेंटिफिकेशन के लिए तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर के साथ करार किया गया है। आयुष्मान भारत का लाभ उठाने के लिए आधार का होना जरूरी नहीं है। सरकार ने लोगों को जानकारी देने के लिए 14555 नंबर की हेल्पलाइन भी शुरू की है। इस टोलफ्री नंबर पर कोई भी पता कर सकता है कि उसका नाम योजना के लाभार्थी की लिस्ट में है या नहीं।