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किसानों, मज़दूरों, वंचितों, शोषितों की बुलंद और मुखर आवाज थे सर छोटू राम – प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा में रोहतक के सांपला में दीनबंधु सर छोटू राम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, सोनीपत का भी शिलान्यास किया। प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पीएम मोदी ने दीनबंधु स्मृति रैली को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, ”चौधरी छोटूराम जी देश के उन समाज सुधारकों में थे, जिन्होंने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो किसानों, मज़दूरों, वंचितों, शोषितों की बुलंद और मुखर आवाज थे।” पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि उसी सांपला में मुझे किसानों की आवाज, किसानों के मसीहा, रहबर-ए-आजम, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी की इतनी भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।

पीएम मोदी ने कहा कि सर छोटू राम अपने जीवन में स्वतंत्र भारत को तो नहीं देख पाए, लेकिन उन्होंने लोगों की आवश्यकताओं, आकांक्षाओं को बखूबी समझा था। उन्होंने हमेशा अंग्रेजों की बांटों और राज करो के खिलाफ आवाज बुलंद की। सरदाल वल्लभ भाई पटेल ने कहा था कि यदि आज सर छोटूरामजी जीवित होते तो बंटवारे के समय पंजाब की चिंता मुझे नहीं करनी पड़ती… सर छोटूरामजी संभाल लेते। पीएम मोदी ने कहा कि यह चौधरी छोटू राम के सामर्थ्य का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने पंजाब ही नहीं बल्कि देश के किसानों के लिए, खेत में काम करने वाले मज़दूर के लिए, भारत के रेवेन्यू सिस्टम के लिए,फसलों की मार्केटिंग के लिए, ऐसे कानून बनाए जो आज तक हमारी व्यवस्था का हिस्सा हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कई बार तो मुझे हैरानी होती है कि इतने महान व्यक्ति को एक दायरे में क्यों सीमित किया गया। हमारी सरकार देश का मान बढ़ाने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान करने का काम कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि, भाखड़ा बांध की असली सोच चौधरी साहब की ही थी। इस बांध का पंजाब-हरियाणा-राजस्थान के लोगों को, किसानों को, जो लाभ आज भी मिल रहा है, वो हम सभी देख रहे हैं। सोचिए, कितना बड़ा विजन था उनका, कितनी दूरदृष्टि थी उनकी।

पीएम मोदी ने कहा, ”जिस व्यक्ति ने देश के लिए इतना कुछ किया, उसके बारे में जानना हर व्यक्ति का अधिकार है। इतने महान व्यक्तित्व को एक क्षेत्र के दायरों में ही सीमित क्यों किया गया? इससे चौधरी साहब के कद पर तो कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन अनेक पीढ़ियां उनके जीवन से सीख लेने से वंचित रह गईं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने साहूकार वाला किस्सा कई बार सुना है। साहूकार ने सर छोटूरामजी को पटवारी बनने की सलाह दे दी थी। साहूकार को इस बात का बोध नहीं था कि जिसको पटवारी बनने की सलाह दी है वह हजारों पटवारियों का प्रमुख बनने वाला है।

पीएम मोदी ने बताया कि सरकार ने किसानों को साहूकारों से मुक्ति दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सहकारी बैंकों से ऋण लेना और आसान किया गया है। हाल में ही इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भी शुरु हुआ है। इससे आपको अपने गांव में ही डाकिए के माध्यम से घर पर ही बैंकिंग सेवा मिलनी सुनिश्चित हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य मिले, मौसम की मार से किसान को सुरक्षा कवच मिले, आधुनिक बीज मिले, पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिले, सिंचाई की उचित व्यवस्था हो, मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहे, इस पर निरंतर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”हरियाणा में 50 लाख किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिया गया है। हमारी सरकार ने किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के काम किया है।”

आयुष्मान योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हरियाणा वासियों को बधाई देता हूं कि आयुष्मान भारत की पहली लाभार्थी आपके राज्य की ही एक बेटी है। ये भी संतोष की बात है कि इस योजना के माध्यम से दो हफ्ते में ही 50 हज़ार से अधिक गरीब भाई-बहनों को या तो इलाज मिल चुका है या फिर उनका इलाज हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की सफलता देखकर चौधरी जी की आत्मा खुश हो रही होगी। हरियाणा के युवा देश को खेलों के क्षेत्र में विश्वशक्ति बनाने में जुटे हुए है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”सर छोटूरामजी की आत्मा जहां भी होगी, यह देखकर खुश होगी कि आज के ही दिन सोनीपत में रेल कोच कारखाने का शिलान्यास हुआ है। इस कोच फैक्ट्री के बनने के बाद यात्री डिब्बों के रखरखाव के लिए डिब्बों को दूर की फैक्ट्रियों में भेजने की मजबूरी समाप्त हो जाएगी। यात्री डिब्बों की उपलब्धता बनी रहेगी। इस कोच कारखाने से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यहां के इंजीनियरों और टेक्निशन को कारखाने की वजह से विशेषज्ञता हासिल करने का मौका मिलेगा।”

पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा कि हरियाणा में मुझे बहुत काम करने का मौका मिला। जब मैं यहां काम करता था तो शायद ही ऐसा कोई दिन जाता हो कि सर छोटूरामजी का कोई न कोई प्रसंग न सुनाता हो। हरियाणा में ऐसा कोई गांव नहीं, जहां का कोई सदस्य सेना से न जुड़ा हुआ हो। सेना के साथ जुड़कर काम करने का श्रेय काफी हद तक दीनबंधु सर छोटूरामजी को जाता है।

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