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सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हमारा लक्ष्य- राष्ट्रपति कोविंद

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद संसद के पहले सत्र को संबोधितक करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारा लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘मेरी सरकार राष्ट्र-निर्माण की उस सोच के प्रति संकल्पित है, जिसकी नींव वर्ष 2014 में रखी गई थी। देशवासियों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करते हुए, अब सरकार उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह यात्रा ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना से प्रेरित है। नए भारत की यह परिकल्पना केरल की महान आध्यात्मिक विभूति, समाज सुधारक और कवि श्री नारायण गुरु के इन सद‌्विचारों से प्रेरित है:
“जाति-भेदम मत-द्वेषम एदुमइल्लादे सर्वरुम, सोदरत्वेन वाड़ुन्न मात्रुकास्थान मानित” अर्थात, एक आदर्श स्थान वह है जहां जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होकर सभी लोग भाई-भाई की तरह रहते हैं।’

राष्ट्रपति कोविंद ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों को भारत की विकास यात्रा जारी रखने के लिए जनादेश करार देते हुए कहा कि सरकार ने किसान, व्यापारियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिए कई अहम फैसले किए और उन पर अमल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत, सुरक्षित और समावेशी भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘इस चुनाव में देश की जनता ने बहुत ही स्पष्ट जनादेश दिया है। सरकार के पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद, देशवासियों ने दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया है। ऐसा करके देशवासियों ने वर्ष 2014 से चल रही विकास यात्रा को अबाधित, और तेज गति से आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है। वर्ष 2014 से पहले देश में जो वातावरण था, उससे सभी देशवासी भली-भांति परिचित हैं। निराशा और अस्थिरता के माहौल से देश को बाहर निकालने के लिए, देशवासियों ने तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी थी। उस जनादेश को सर्वोच्च मान देते हुए मेरी सरकार ने ‘सबका साथ – सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए, बिना भेदभाव के काम करते हुए, एक नए भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया।’

उन्होंने कहा कि, “मैंने, इसी वर्ष 31 जनवरी को इसी सेंट्रल हॉल में कहा था कि मेरी सरकार पहले दिन से ही सभी देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर करने और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित है। बीते पांच वर्षों के दौरान देशवासियों में यह विश्वास जगा है कि सरकार हमेशा उनके साथ है, उनका जीवन बेहतर बनाने और Ease of Living बढ़ाने के लिए काम कर रही है। देशवासियों के विश्वास की इस पूंजी के आधार पर ही एक बार फिर जनादेश मांगा गया। देश के लोगों ने, जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार किया। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। मेरी सरकार जन-साधारण को इतना सजग, समर्थ, सुविधा-युक्त और बंधन-मुक्त बनाना चाहती है कि अपने सामान्य जीवन में उसे सरकार का ‘दबाव, प्रभाव या अभाव’ न महसूस हो। देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का मुख्य ध्येय है।’

किसानों और व्यापारियों को पेंशन
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने किसान सम्मान योजना का दायरा सभी किसानों तक बढ़ाया गया है। किसानों से जुड़ी पेंशन योजना को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। पहली बार किसी सरकार ने छोटे दुकानदारों की आर्थिक सुरक्षा की ओर भी ध्यान दिया है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ’21 दिन के अल्प समय में ही मेरी सरकार ने तेज़ी से किसानों, जवानों, विद्यार्थियों, उद्यमियों, महिलाओं तथा समाज के अन्य वर्गों के कल्याण हेतु कई फैसले लिए हैं और उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही, कई नए कानून बनाने की दिशा में भी पहल की गई है। जो किसान हमारा अन्नदाता है, उसकी सम्मान-राशि की पहुंच बढ़ाते हुए, अब ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ को, देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। अपने खेत में दिन-रात काम करने वाले किसान भाई-बहन 60 वर्ष की आयु के बाद भी सम्मानजनक जीवन बिता सकें, इसे ध्यान में रखते हुए किसानों से जुड़ी ‘पेंशन योजना’ को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। पशुधन, किसानों के लिए बहुमूल्य है। जानवरों से जुड़ी बीमारी के इलाज में उनका बहुत पैसा खर्च होता है। इस खर्च को कम करने के लिए मेरी सरकार ने 13 हज़ार करोड़ रुपए की राशि से एक विशेष योजना शुरू करने का भी फैसला लिया है। पहली बार किसी सरकार ने छोटे दुकानदार भाई-बहनों की आर्थिक सुरक्षा पर ध्यान दिया है। कैबिनेट की पहली बैठक में ही छोटे दुकानदारों और रीटेल ट्रेडर्स के लिए एक अलग ‘पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का लाभ देश के लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा।’

जल संकट सबसे बड़ी चुनौती
रामनाथ कोविंद ने कहा कि जल संकट बढ़ती हुई चुनौतियों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘ 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- बढ़ता हुआ जल-संकट। हमारे देश में जल संरक्षण की परंपरागत और प्रभावी व्यवस्थाएं समय के साथ लुप्त होती जा रही हैं। तालाबों और झीलों पर घर बन गए और जल-स्रोतों के लुप्त होने से गरीबों के लिए पानी का संकट बढ़ता गया। क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभावों के कारण आने वाले समय में, जलसंकट के और गहराने की आशंका है। आज समय की मांग है कि जिस तरह देश ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को लेकर गंभीरता दिखाई है, वैसी ही गंभीरता ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’ के विषय में भी दिखानी होगी। हमें अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना ही होगा। नए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ का गठन, इस दिशा में एक निर्णायक कदम है जिसके दूरगामी लाभ होंगे। इस नए मंत्रालय के माध्यम से जल संरक्षण एवं प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। मेरी सरकार सूखे की चपेट में आए क्षेत्रों की समस्याओं के प्रति पूर्णतया सचेत है और हर प्रभावित देशवासी के साथ खड़ी है। राज्य सरकारों और गांव के स्तर पर सरपंचों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीने के पानी की कम से कम दिक्कत हो, और किसानों को भी मदद मिल सके।’

किसानों को समर्पित सरकार
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को समर्पित है। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं। MSP में बढ़ोतरी का फैसला हो, या फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी; दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम हो या फिर ‘फसल बीमा योजना’ का विस्तार; ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग; मेरी सरकार ने किसानों की ऐसी छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को समझते हुए, अनेक फैसले लिए हैं। सरकार ने कृषि नीति को उत्पादन-केंद्रित रखने के साथ-साथ आय-केंद्रित भी बनाया है।’

रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘इन्हीं प्रयासों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है- ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’। इसके माध्यम से सिर्फ तीन महीने में ही 12 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के पास पहुंचाई जा चुकी है। हर किसान को इस योजना के दायरे में लाए जाने के बाद, अब इस योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 90 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। कृषि उपज के भंडारण की सुविधा से किसानों की आर्थिक सुरक्षा को बल मिलता है। अब ‘ग्रामीण भंडारण योजना’ के माध्यम से किसानों के अपने गांव के पास ही भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी। कृषि क्षेत्र में सहकारिता का लाभ, डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों को मिल रहा है। कृषि के अन्य क्षेत्रों में भी, किसानों को लाभान्वित करने के लिए, 10 हज़ार नए ‘किसान उत्पादक संघ’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।’

हेल्थ पर फोकस
राष्ट्रपति ने कहा,’इलाज के खर्च से गरीब परिवार आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। उन्हें इस संकट से बचाने के लिए, 50 करोड़ गरीबों को ‘स्वास्थ्य-सुरक्षा-कवच’ प्रदान करने वाली विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू की गई है। इसके तहत, अब तक लगभग 26 लाख गरीब मरीजों को अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जा चुकी है। सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए 5,300 ‘जन औषधि केंद्र’ भी खोले जा चुके हैं। हमारा प्रयास है कि दूर-सुदूर इलाकों में भी लोगों को जन औषधि केंद्रों से सस्ती दरों पर दवाइयां मिल सकें। वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण अंचलों में लगभग डेढ़ लाख ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। अब तक, लगभग 18 हज़ार ऐसे सेंटर शुरू किए जा चुके हैं।’

महिला सशक्तीकरण पर जोर
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘महिला सशक्तीकरण, मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। नारी का सबल होना तथा समाज और अर्थ-व्यवस्था में उनकी प्रभावी भागीदारी, एक विकसित समाज की कसौटी होती है। सरकार की यह सोच है कि न केवल महिलाओं का विकास हो, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो। महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, राज्यों के सहयोग से अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के दंड अधिक सख्त बनाए गए हैं और नए दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान से भ्रूण हत्या में कमी आई है और देश के अनेक जिलों में सेक्स-रेशियो में सुधार हुआ है।‘उज्ज्वला योजना’ द्वारा धुएं से मुक्ति, ‘मिशन इंद्रधनुष’ के माध्यम से टीकाकरण, ‘सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, इन सभी का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना में अगले तीन वर्षों के दौरान गांवों में लगभग 2 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे। असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। ‘दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है।’

तीन तलाक और निकाह-हलाला का उन्मूलन जरूरी
उन्होंने कहा, ‘देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन प्रयासों में अपना सहयोग दें।’

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘समाज के हर वर्ग का युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसके लिए समय पर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ का प्रभाव व्यापक स्तर पर महसूस किया गया है। इस योजना के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी। इसके अलावा अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करने वाले क्षेत्रों में समुचित नीतियों के माध्यम से, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जाएंगे।’

खेलो-इंडिया कार्यक्रम को व्यापक रूप
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘विश्व-स्तर पर, खेल-प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ता है। साथ ही, बच्चों और युवाओं में खेल-कूद के प्रति रुचि बढ़ती है। इससे स्वास्थ्य को जीवन में प्राथमिकता देने की संस्कृति को भी बल मिलता है। भारत को विश्व-स्तर की खेल-शक्ति बनाने के लिए, देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान और उनका पारदर्शी चयन, महत्वपूर्ण है। राज्य और जिला स्तर पर, खिलाड़ियों की पहचान के लिए ‘खेलो-इंडिया कार्यक्रम’ को व्यापक रूप देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, 2,500 प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन करके, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब आने वाले हर साल में यह सुविधा 2,500 नए खिलाड़ियों को दी जाएगी। देश के खेल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को आधुनिक बनाने के साथ ही उसका विस्तार भी किया जाएगा। यह आधुनिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर एवं सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध हों, इसके लिए नई व्यवस्था विकसित की जा रही है। हमारा प्रयास है कि खेल-जगत में उच्च स्थान प्राप्त करके हमारे खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ाएं।’

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा,’भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए तेज़ी से काम हो रहा है। इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए, जल्द ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में वर्ष 2014 में भारत 142वें स्थान पर था। पिछले 5 वर्षों में 65 रैंक ऊपर आकर हम 77वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची में आना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर, नियमों को सरल बनाने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। इसी कड़ी में कंपनी कानून में भी आवश्यक बदलाव लाए जा रहे हैं।’

भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस
राष्ट्रपति ने कहा, ‘सुशासन सुनिश्चित करने से भ्रष्टाचार कम होता है, नागरिकों का आत्म-सम्मान बढ़ता है और वे अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का पूरा उपयोग कर पाते हैं। मेरी सरकार, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की अपनी कड़ी नीति को और व्यापक तथा प्रभावी बनाएगी। सार्वजनिक जीवन और सरकारी सेवाओं से भ्रष्टाचार को समाप्त करने का अभियान और तेज किया जाएगा। इसके लिए Minimum Government-Maximum Governance पर और अधिक बल दिया जाएगा। साथ ही Human Interface को कम करने के लिए, टेक्नॉलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। लोकपाल की नियुक्ति से भी, पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले 2 वर्ष में, 4 लाख 25 हज़ार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हज़ार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।’

उन्होंने कहा, ‘आर्थिक अपराध करके भाग जाने वालों पर नियंत्रण करने में ‘Fugitive and Economic Offenders Act’ उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अब हमें 146 देशों से जानकारी प्राप्त हो रही है जिसमें स्विटजरलैंड भी शामिल है। इनमें से 80 देश ऐसे हैं जिनसे हमारा ऑटोमैटिक एक्सचेंज करने का भी समझौता हुआ है। जिन लोगों ने विदेश में काला धन इकट्ठा किया है, अब हमें उन सबकी जानकारी प्राप्त हो रही है। रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन के लेनदेन को रोकने और ग्राहकों के हित की रक्षा में ‘रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट’ यानि RERA का प्रभाव दिखाई दे रहा है। इससे मध्यम वर्ग के परिवारों को बहुत राहत मिल रही है। ‘Insolvency and Bankruptcy Code’, देश के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक है। इस कोड के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है। इस कोड ने बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से लिया हुआ कर्ज न चुकाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया है।’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘Direct Benefit Transfer’ के तहत आज 400 से अधिक योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जा रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, 7 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं। DBT की वजह से अब तक 1 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। इतना ही नहीं, लगभग 8 करोड़ गलत लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं। आने वाले समय में DBT का और विस्तार किया जाएगा। मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि वे भी ज्यादा से ज्यादा योजनाओं में DBT का इस्तेमाल करें।’

अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी का मानव कल्याण के लिए उपयोग
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘सामान्य आदमी के जीवन को बेहतर बनाने, आपदाओं की पूर्व सूचना देने, प्राकृतिक संपदाओं को चिह्नित करने, संचार माध्यमों को सिग्नल उपलब्ध कराने से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने में अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की केंद्रीय भूमिका है। मेरी सरकार का प्रयास है कि अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाए। सड़कें हों, गरीबों का घर हो, खेती हो, मछुआरों के लिए उपयोगी उपकरण हों, ऐसी अनेक सुविधाओं को अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी से जोड़ा गया है। अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की सहायता से जल, थल और नभ में हमारी सुरक्षा और मजबूत हुई है। मौसम का सटीक पूर्वानुमान करने की हमारी विशेषज्ञता बढ़ी है। इसका प्रमाण हाल ही में देश के पूर्वी तट पर आए ‘फणि चक्रवात’ के दौरान देखने को मिला। समय पर सही जानकारी और तैयारी के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल की रक्षा करने में देश को सफलता मिली है।’

उन्होंने कहा, ‘अंतरिक्ष में छुपे रहस्यों को जानने और समझने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भी भारत आगे बढ़ रहा है। हमारे वैज्ञानिक, ‘चंद्रयान-2’ के लॉन्च की तैयारी में लगे हुए हैं। चंद्रमा पर पहुंचने वाला यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। वर्ष 2022 तक, भारत के अपने ‘गगन-यान’ में पहले भारतीय को स्पेस में भेजने के लक्ष्य की तरफ भी तेज़ी से काम चल रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान, देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हालांकि इसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी। ‘मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है। इसके लिए आज मैं, अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को फिर से बधाई देता हूं। सुरक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलॉजी की भूमिका निरंतर बढ़ रही है। इस पर ध्यान देते हुए स्पेस, साइबर और स्पेशल फोर्सेस के लिए तीन ज्वाइंट सर्विस एजेंसियों के गठन पर काम चल रहा है। इन साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा मजबूत होगी।’

नए भारत की परिकल्पना
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि वर्ष 2022 में जब हम स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाएं तब नए भारत की हमारी परिकल्पना साकार रूप ले चुकी होगी। इस प्रकार, आजादी के 75वें साल के नए भारत में:
– किसान की आय दोगुनी होगी;
– हर गरीब के सिर पर पक्की छत होगी;
– हर गरीब के पास स्वच्छ ईंधन की सुविधा होगी;
– हर गरीब के पास बिजली का कनेक्शन होगा;
– हर गरीब खुले में शौच की मजबूरी से मुक्त हो चुका होगा;
– हर गरीब की पहुंच में मेडिकल सुविधाएं होंगी;
– देश का हर गांव, सड़क संपर्क से जुड़ा होगा;
– गंगा की धारा अविरल और निर्मल होगी;
– राज्यों के सहयोग से, हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनने के लक्ष्य के निकट होंगे;
– हम, विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ अग्रसर होंगे;
– भारतीय संसाधनों के बल पर कोई देशवासी अंतरिक्ष में तिरंगा लहराएगा; और
– हम, एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ विश्व के विकास को नेतृत्व देने के लिए कदम बढ़ाएंगे।’

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