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राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू, कहा- हमारी सरकार ने किया हर वर्ग का सपना पूरा

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार ने नए भारत का सपना देखा था। वर्ष 2014 के आम चुनावों से पहले, देश एक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा था। चुनाव के बाद मेरी सरकार ने, कार्यभार संभालने के साथ ही एक नया भारत बनाने का संकल्प लिया। एक ऐसा नया भारत जहां व्यवस्थाओं में अधूरापन और अकर्मण्यता न हो, जहां भ्रष्टाचार न हो, जहां अस्वच्छता के लिए कोई स्थान न हो। पहले दिन से मेरी पारदर्शी सरकार का ध्येय था कि सभी देशवासियों का जीवन सुधरे, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर हों और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जन-सुविधाएं पहुंचें।’

संसद के संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने 21 करोड़ भारतीयों को जीवन ज्योति योजना का लाभ पहुंचाया। आवास योजना के तहत 1.30 करोड़ लोगों को घरों की चाबी दी गई। राष्ट्रपति कोविंद ने उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, सर्जिकल स्ट्राइक, मुद्रा योजना, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना समेत कई योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए सरकार की सफलताओं को देश के सामने रखा। राष्ट्रपति कोविंद ने इस दौरान नोटबंदी, जीएसटी, किसानों का मुद्दा, तीन तलाक और राफेल सौदे का भी जिक्र किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के अभिभाषण का मूल पाठ-

माननीय सदस्यगण,

संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। 2019 का वर्ष, हमारे लोकतंत्र के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस वर्ष हम भारत के लोग, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। इसी वर्ष 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग में हुए दुखद नरसंहार के 100 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। मैं पूरे राष्ट्र की ओर से उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने हमारे उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये।

इस वर्ष हमारा देश, संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ भी मनाएगा। इसी ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में, हमारे महान संविधान निर्माताओं ने भारत के संविधान की रचना की थी। सेवा भाव और सद्भाव के साथ जीवन जीने की सीख देने वाले गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती भी हम इसी वर्ष मना रहे हैं।

मुझे इस बात की खुशी है कि हमारा देश गांधी जी के सपनों के अनुरूप, नैतिकता पर आधारित समावेशी समाज का निर्माण कर रहा है। हमारा देश बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर द्वारा संविधान में दिए गए सामाजिक और आर्थिक न्याय के आदर्शों के साथ आगे बढ़ रहा है। मेरी सरकार के प्रयासों में, शोषण की राजनीति के विरुद्ध जन-चेतना की मशाल जलाने वाले, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के, समानता पर आधारित समाज के प्रति आस्था स्पष्ट दिखाई देती है।
माननीय सदस्यगण,

वर्ष 2014 के आम चुनावों से पहले, देश एक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा था। चुनाव के बाद मेरी सरकार ने, कार्यभार संभालने के साथ ही एक नया भारत बनाने का संकल्प लिया। एक ऐसा नया भारत जहां व्यवस्थाओं में अधूरापन और अकर्मण्यता न हो, जहां भ्रष्टाचार न हो, जहां अस्वच्छता के लिए कोई स्थान न हो। पहले दिन से मेरी पारदर्शी सरकार का ध्येय था कि सभी देशवासियों का जीवन सुधरे, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर हों और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जन-सुविधाएं पहुंचें।

वो गरीब मां जो लकड़ी के धुएं में खाना बनाती थी, वो बेबस बहन जो पैसे की चिंता में गंभीर बीमारी के बावजूद अपना इलाज टालती थी, वो बेटी जो शौच जाने के लिए सूरज ढलने का इंतजार करती थी, वो बच्चा जो बिजली के अभाव में पढ़ाई के लिए सूरज की रोशनी का इंतज़ार करता था, वो किसान जो ओले से फसल बर्बाद होते देखकर कर्ज चुकाने की चिंता में घिर जाता था, वो युवा जो कर्ज न मिल पाने के कारण अपना रोजगार शुरू नहीं कर पाता था, ऐसे ही असंख्य असहाय चेहरों ने मेरी सरकार के लक्ष्य तय किए। और इसी सोच ने मेरी सरकार की योजनाओं को आधार दिया। यही दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय का आदर्श रहा है और उनका यह आदर्श ही, मेरी सरकार के कामकाज की सार्थकता की कसौटी बना है।
पिछले साढ़े चार वर्षों में, मेरी सरकार ने लोगों में एक नई आशा और विश्वास का संचार किया है, देश की साख बढ़ाई है और सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव के लिए प्रभावी प्रयास किए हैं। परिणामस्वरूप मेरी सरकार ने देशवासियों का अपार स्नेह और विश्वास जीता है। हर एक भारतवासी का जीवन बेहतर हो, यही मेरी सरकार का मुख्य ध्येय है।

माननीय सदस्यगण,
समग्र और आधुनिक विकास के लिए अनिवार्य है कि हमारे देश का एक भी भाई-बहन या एक भी परिवार बुनियादी जरूरतों से वंचित न रहे। आम नागरिक का दर्द समझने वाली मेरी सरकार ने मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी, लोगों के स्वास्थ्य की चिंता की और सरकारी योजनाओं को नया स्वरूप देकर, अभूतपूर्व गति से काम किया। प्रभु बसवन्ना ने सबके प्रति संवेदनशीलता के इसी भाव को व्यक्त करते हुए कहा था:
‘दयवे धर्मद मूल वय्या’

अर्थात, ‘करुणा ही सभी आस्थाओं का आधार है’। सभी प्राणियों के लिए प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में प्रेम और करुणा का भाव होना ही चाहिए।

शौचालय की सुविधा का न होना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारी बहू-बेटियों को गरिमाहीन और अस्वस्थ जीवन जीने के लिए मजबूर करता था। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है। इस जन आंदोलन के कारण आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि वर्ष 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था। एक आकलन के अनुसार, इन शौचालयों के बनने से गरीबों की अनेक बीमारियों से सुरक्षा, हो पा रही है और 3 लाख से ज्यादा गरीब देशवासियों के जीवन की रक्षा संभव हुई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के इस वर्ष में हमें याद रखना है कि हमने पूज्य बापू की स्मृति में इस वर्ष 2 अक्तूबर तक देश को संपूर्ण स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है।

माननीय सदस्यगण,
हमारी बहुत सी माताएं, बहनें और बेटियां, चूल्हे के धुएं के कारण बीमार रहती थीं, पूरे परिवार का स्वास्थ्य प्रभावित होता था और उनका अधिकांश परिश्रम और समय, ईंधन जुटाने में लग जाता था। ऐसी बहनों-बेटियों के लिए मेरी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए हैं। दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक हमारे देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे। बीते केवल साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन से जोड़ा है।

हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि बीमारी के इलाज का खर्च, किसी गरीब परिवार को और भी गरीब बनाता है। इस पीड़ा को समझने वाली मेरी सरकार ने, पिछले वर्ष ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना- ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्‍यवस्‍था की गई है। सिर्फ 4 महीने में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा गरीब, अस्पताल में अपना इलाज करवा चुके हैं।

मेरी सरकार का यह भी प्रयास रहा है कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर इलाज के खर्च का बोझ कम से कम पड़े। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्‍द्र खोले जा चुके हैं। इन केन्‍द्रों में 700 से ज्यादा दवाइयां बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी तरह, दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट की कीमत कम किए जाने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को औसतन लगभग 4,600 करोड़ रुपए सालाना की बचत हो रही है। घुटने के ट्रांसप्लांट की कीमत कम किए जाने से लोगों को सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। मेरी सरकार ने किडनी की बीमारी से परेशान भाइयों और बहनों के लिए डायलिसिस की निशुल्क सेवा उपलब्ध कराई है। इससे डायलिसिस के हर सेशन में लोगों को 2 हजार रुपए से अधिक की बचत हो रही है।

इसके साथ ही, सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। किसी अनहोनी के समय प्रत्येक योजना के तहत 2 लाख रुपए की सहायता का प्रावधान किया गया है। अब तक इस योजना के माध्यम से 3,100 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि उपलब्ध कराकर, मेरी सरकार ने देशवासियों का, उनके संकट के समय में साथ दिया है।

मेरी सरकार गरीब महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की चुनौती को समाप्त करने के लिए भी पूरी शक्ति से काम कर रही है। कुपोषण के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को दूर करने के लिए तथा कुपोषण से पीड़ित लोगों के लिए मेरी सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है। देश के दूर-दराज और आदिवासी इलाकों में रहने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक भी टीकाकरण की सुविधा पहुंचे, इसके लिए सरकार ने ‘मिशन इंद्रधनुष’ योजना की शुरुआत की। जिसके फलस्वरूप अब देश बहुत तेजी के साथ ‘पूर्ण टीकाकरण’ के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है।

चाहे शहर हो या गांव हो, मेरी सरकार स्वास्थ्य से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम तेजी से कर रही है। सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है और देश की हर बड़ी पंचायत में वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं। तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू – कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए ‘एम्स’ बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, सरकार, नए आयुर्वेद विज्ञान संस्थान भी खोल रही है और साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को भी बढ़ावा दे रही है। गांवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं।

माननीय सदस्यगण,
जब मेरी सरकार ने यह लक्ष्य तय किया कि वर्ष 2022 में, जब देश स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब कोई भी परिवार बेघर न रहे, तो कुछ लोग सोचते थे कि यह कैसे संभव हो सकता है? लेकिन सरकार ने पुरानी योजनाओं के घरों का निर्माण पूरा करने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर और गांव में, घर बनाने के काम को अभूतपूर्व गति दी है।

पिछले साढ़े चार वर्षों में सरकार की ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है। जबकि वर्ष 2014 के पहले, पाँच साल में, सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था। गरीबों के लिए घर के निर्माण और घर की चाबी देने में पाँच गुना से ज्यादा की ये तेजी, देश के गरीबों की तकदीर और हमारे गांवों की तस्वीर बदल रही है।

इसी तरह शहरों में भी अब अपना घर बनवाना या खरीदना सामान्य आय के व्यक्ति के लिए अधिक आसान हुआ है। कालेधन और ऊंची कीमतों की वजह से, किसी सामान्य परिवार का, अपना घर होने का सपना पूरा होना मुश्किल हो गया था। मेरी सरकार ने RERA कानून लागू करके यह सुनिश्चित किया है कि घरों का निर्माण समय से पूरा हो और समय से आवेदक को सौंपा जाए, जिससे कि उसकी जीवन भर की कमाई फंसे नहीं। इस कानून के बाद देश भर में करीब 35 हजार ‘रियल एस्टेट प्रोजेक्ट’ रजिस्टर किए जा चुके हैं जिनमें लाखों घरों का निर्माण करके परिवारों को सौंपा जाना है।

‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत सरकार निम्न आय वर्ग के लोगों को साढ़े 6 प्रतिशत की इंटरेस्ट सब्सिडी भी दे रही है। एक आकलन है कि अगर किसी ने 20 लाख रुपए का होम लोन 20 वर्षों के लिए लिया है, तो उसे करीब-करीब 6 लाख रुपए की सहायता मिल रही है।
मेरी सरकार, हर व्यक्ति के जीवन में रोशनी लाने का काम कर रही है। वर्ष 2014 में 18 हजार से अधिक गांव ऐसे थे, जहां बिजली नहीं पहुंची थी। आज देश के हर गांव तक बिजली पहुंच गई है। ‘प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना’ के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। अब भारत तेजी से उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है, जहां उसके प्रत्येक घर में बिजली होगी और कोई भी परिवार अंधेरे में जीने के लिए मजबूर नहीं होगा।

मेरी सरकार, हर वर्ग की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। आयकर का बोझ घटाकर और महंगाई पर नियंत्रण करके, सरकार ने मध्यम वर्ग को बचत के नए अवसर दिए हैं। सरकार का प्रयास है कि कड़ा परिश्रम करने वाले हमारे मध्यम वर्ग की पूंजी बढ़े और निवेश के नए विकल्पों से उनकी आय और भी बढ़े।

माननीय सदस्यगण,
जब देश को अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में एक दूरदर्शी, सर्व-समावेशी, संवेदनशील, गरीब का दुःख समझने वाले प्रधानमंत्री मिले थे, तो अनेक नए विभाग, मंत्रालय और कार्यक्रम शुरू किए गए थे। उत्तर पूर्व के राज्यों के लिए अलग मंत्रालय हो या आदिवासी कल्याण मंत्रालय, सर्व शिक्षा अभियान हो या स्वर्णिम चतुर्भुज के जरिए देश को सड़कों द्वारा जोड़ने का अभियान, ये सब अटल जी की देन थे। अटल जी ने देश में व्याप्त असंतुलन को दूर करने का महायज्ञ शुरू किया था। अटल जी द्वारा शुरू किए गए ये कार्य औऱ मंत्रालय 21वीं सदी के शुरुआती वर्षों में भारत में सामाजिक असंतुलन समाप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे थे लेकिन दुर्भाग्यवश बाद में इन कार्यों को वैसी गति और निरंतरता नहीं मिली, जैसी मिलनी चाहिए थी।

हम सभी जानते हैं कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को अगर उनके शारीरिक संघर्ष कम करने में सहायता मिल जाए, तो वे अपने दम-खम पर नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं। इसी सोच के साथ अटल जी द्वारा स्थापित सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दिव्यांग-जनों के लिए सहायता शिविरों की परंपरा शुरू की थी। लेकिन वर्ष 2014 तक स्थिति ये रही कि ऐसे सिर्फ 56 शिविरों का ही आयोजन हो सका।

2014 में सरकार बनने के बाद अटल जी के विज़न पर चलते हुए मेरी सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ दिव्यांग-जनों से जुड़ी समस्याओं के समाधान का प्रयास शुरू किया। बीते साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने औसतन हर महीने 140 सहायता शिविरों का आयोजन किया है, जहां पहुंचकर दिव्यांग-जन खुद सहायता उपकरण प्राप्त कर रहे हैं। इस दौरान पूरी पारदर्शिता के साथ करीब 12 लाख दिव्यांग-जनों को 700 करोड़ रुपये के सहायता उपकरण दिए गए हैं।

दिव्यांगजनों को, आने-जाने के समय, रेलवे स्टेशनों तथा बस अड्डों पर किस तरह की असुविधा होती है, इससे हम सभी परिचित हैं। मेरी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाकर लगभग एक हजार सरकारी इमारतों और 650 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को दिव्यांग-जनों के लिए सुगम्य बनाया है।

दिव्यांग बच्चों को दूसरे राज्यों में जाने पर दूसरी तरह की सांकेतिक भाषा की वजह से तक़लीफ होती थी। कई जगह एक ही राज्य में भी अलग-अलग सांकेतिक भाषा का प्रयोग किया जा रहा था। उनकी इस तकलीफ को समझते हुए मेरी सरकार ने पूरे देश में दिव्यांग-जनों के लिए एक ही सांकेतिक भाषा पर काम शुरू किया। दिल्ली में स्थापित इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग सेंटर द्वारा दिव्यांग-जनों के लिए 3,000 शब्दों की डिक्शनरी प्रकाशित की जा चुकी है और 3,000 नए शब्दों की डिक्शनरी पर काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं, केन्‍द्र सरकार की लगभग सौ वेबसाइटों को भी दिव्यांग-जनों की आवश्यकता के मुताबिक बदला गया है। मेरी सरकार ने ‘दिव्यांग-जन अधिकार अधिनियम’ लागू करके उन्हें शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और नौकरी में समानता का अवसर भी प्रदान किया है।

माननीय सदस्यगण,
वर्षों से हमारे देश में मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स पर होने वाले हादसों को लेकर बड़ी चर्चा होती रही है। संसद में भी यह विषय कई बार उठा है। वर्ष 2014 में हमारे देश में मानव-रहित क्रॉसिंग्स की संख्या 8,300 थी। मेरी सरकार ने मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त करने का अभियान चलाया और अब ऐसी क्रॉसिंग्स लगभग समाप्त हो गई हैं।

हमारे देशवासियों को प्राय: किसी न किसी प्राकृतिक आपदा से जूझना पड़ता है। हर वर्ष कुछ जिलों में बाढ़ आती है, कुछ जिलों में सूखा पड़ता है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन पर भी सरकार पूरा बल दे रही है और हम अपने राहत के कार्य पूरी क्षमता से कर सकें, इसके लिए पहले के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा राशि मुहैया कराई गई है। चाहे दक्षिण भारत के राज्यों में समुद्री तूफान की आपदा हो या फिर पूर्वी भारत में बाढ़ का संकट, मेरी सरकार ने राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों में पूरी तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया है।

माननीय सदस्यगण,
समाज में व्याप्त हर प्रकार के अभाव और अन्याय को समाप्त करने की संवेदनशील सोच के साथ मेरी सरकार ने, सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए कानून व्यवस्था में समुचित परिवर्तन का प्रयास किया है। नागरिकता संशोधन विधेयक के द्वारा उन पीड़ितों को भारत की नागरिकता प्राप्त होने का मार्ग आसान होगा, जो प्रताड़ना के कारण पलायन करके भारत आने पर मजबूर हुए हैं। इसमें उनका कोई दोष नहीं है बल्कि वे परिस्थितियों का शिकार हुए हैं।

किसी नाबालिग के साथ बलात्कार करने के जघन्य अपराध की सज़ा के लिए सरकार ने अपराधी को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया है। कई राज्यों में तेजी से सुनवाई के बाद, दोषियों को फांसी की सजा मिलने से, ऐसी विकृत सोच रखने वाले लोगों में कड़ा संदेश गया है।
हमारी मुस्लिम बेटियों को डर और भय की ज़िन्‍दगी से मुक्ति दिलाने तथा उन्हें अन्य बेटियों के समान जीवन जीने के अधिकार देने हेतु मेरी सरकार, तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने का लगातार प्रयास कर रही है।

इसी तरह, ‘अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग’ को संवैधानिक दर्जा दिया जाना, सामाजिक न्याय के लिए मेरी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बीते शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा संविधान का 103वां संशोधन पारित करके, गरीबों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। यह पहल, देश के उन गरीब युवक-युवतियों के साथ न्याय करने का प्रयास है जो गरीबी के अभिशाप के कारण वंचित महसूस कर रहे थे। इस नई व्यवस्था का वर्तमान आरक्षण पर असर न पड़े, इसके लिए शैक्षिक संस्थानों में सीटों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ाई जा रही है।

माननीय सदस्यगण,
हमारे युवा ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। भारत, दुनिया का सबसे युवा देश है और 21वीं सदी के युवा भारत की उम्मीदें, तथा उसके सपने मेरी सरकार की नीतियों-निर्णयों को प्रेरित करते रहे हैं।

अपने पैरों पर खड़ा होने की ललक रखने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत पिछले चार वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन 1 करोड़ युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। आने वाले समय में देश में 15,000 से ज्यादा आई.टी.आई., 10,000 से ज्यादा कौशल विकास केन्‍द्र और 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री कौशल केन्‍द्र, भारत के युवाओं के कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिए ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। इसका लाभ, ऋण प्राप्त करने वाले 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है। इस योजना के तहत, 4 करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोगों ने, पहली बार ऋण लेकर अपना व्यवसाय प्रारंभ किया है।

मेरी सरकार ने ‘स्टार्ट अप इंडिया’ तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ के माध्यम से नौजवानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आर्थिक सहायता प्रदान की है। जिसके फलस्वरूप आज भारत का नाम ‘स्टार्ट अप’ की दुनिया में अग्रिम पंक्ति के देशों में लिया जा रहा है।

‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना’ के द्वारा सरकार ने नौकरियों को इंसेन्टिव के साथ जोड़ा है। इस योजना के तहत, किसी नौजवान को नई नौकरी मिलने पर, जो EPS और EPF का 12 प्रतिशत, एम्पलॉयर की तरफ से दिया जाना होता है, वो पहले तीन वर्ष तक सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ देश के एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को मिल चुका है।

माननीय सदस्यगण,
हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बेटी-बेटे अच्छी तरह पढ़-लिख कर जीवन में आगे बढ़ें। उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रही है और 7 IIT, 7 IIM, 14 IIIT,1 NIT और 4 NID की स्थापना की जा रही है। देश में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही स्कॉलरशिप और फ़ेलोशिप की राशि में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, 103 केन्‍द्रीय विद्यालय, हर आदिवासी बहुल तालुके में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 62 नए नवोदय विद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाकर शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत आधार देने का काम किया जा रहा है।
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार द्वारा कई दिशाओं में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्र के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए बहुत आवश्यक है कि जो बच्चे अभी विद्यालयों में हैं, उन्हें अपने विचारों की उड़ान को सच्चाई में बदलने का पूरा अवसर मिले। Ideas से Innovation की इसी सोच के साथ सरकार, 5,000 से अधिक ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ की स्थापना के लिए तत्पर है।

बदलते समय और बदलती टेक्नोलॉजी के साथ रोजगार और व्यवसाय के तरीके बदल रहे हैं। हमारे देश का युवा इसके लिए तैयार हो सके, इस दिशा में मेरी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

युवा केन्‍द्रित ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत, मेरी सरकार देश के कोने-कोने से प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान कर, उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसके चयन में पारदर्शिता है, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है। इसका परिणाम हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे पदकों के रूप में दिखाई देता है।

माननीय सदस्यगण,
आज भारत की बेटियां, हर क्षेत्र में प्रभावशाली योगदान दे रही हैं और देश का नाम रोशन कर रही हैं। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सरकार की नीतियों और योजनाओं से महिलाओं को उद्यमिता के इतने नए अवसर मिले हैं, उनका व्यापक स्तर पर आर्थिक समावेश और सशक्तीकरण हुआ है।

‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को ही मिला है। अब तक देशभर में दिए गए 15 करोड़ मुद्रा लोन में से 73 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों ने प्राप्त किए हैं। ‘दीन दयाल अंत्योदय योजना’ के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ऐसे महिला स्वयं-सहायता समूहों को मेरी सरकार द्वारा 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है। यह राशि, वर्ष 2014 के पहले के चार वर्षों में दिए गए ऋण से ढाई गुना ज्यादा है।

देश के छोटे और मझोले उद्योगों में महिला उद्मियों की भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए अब बड़ी सरकारी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे कम से कम 3 प्रतिशत खरीदारी महिला उद्यमियों के प्रतिष्ठानों से ही करें।

मेरी सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में महिला होने की वजह से उनके साथ होने वाली गैर-बराबरी को दूर करने का प्रयास कर रही है। पिछले वर्ष ही यह फैसला लिया गया था कि सशस्त्र सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से नियुक्त महिला अधिकारियों को, पुरुष समकक्ष अधिकारियों की तरह ही, एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्‍यम से स्थाई कमीशन दिया जाएगा। आज़ादी के इतने वर्ष बाद भी महिलाएं Underground Mining के क्षेत्र में नौकरियों के अधिकार से वंचित थीं। मेरी सरकार ने निर्णय लिया है कि इस क्षेत्र में भी महिलाओं को नौकरी के समान अवसर दिए जाएंगे।
इसके साथ ही, कामकाजी महिलाओं को, अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन का पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिए मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है।

माननीय सदस्यगण,
चाहे चिलचिलाती धूप हो, मूसलाधार बारिश हो, बर्फ-बारी हो, या कोई और चुनौती हो, हमारे देश के मेहनती किसानों ने दिन-रात एक करके खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, डेयरी उत्पादों और मछली-पालन तथा अन्य क्षेत्रों में इज़ाफा किया है। आप में से बहुत से सदस्यों ने गाँव के जीवन और किसानों के संघर्ष को बहुत क़रीब से देखा है। हमारे किसान भाई-बहन हमारी अर्थ-व्यवस्था का आधार तो हैं ही, वे हमारे देश की परम्पराओं के भी संरक्षक हैं।

मैं पूरे सदन की ओर से भारत के अन्नदाता किसानों का अभिनंदन करता हूँ। मेरी सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए दिन-रात प्रयत्नशील है। किसानों की हर जरूरत को समझते हुए, उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। कृषि उपकरण और बीज खरीदने से लेकर बाजार में कृषि उत्पाद पहुंचाने और बेचने तक की पूरी प्रक्रिया में किसानों को अधिक सुविधा और सहायता मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है।

खेती पर होने वाला खर्च कम करने, किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने, नए बाजार मुहैया कराने तथा कृषि क्षेत्र में आय के नए साधन जोड़ने के लिए नई सोच के साथ काम किया जा रहा है। मेरी सरकार ने 22 फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्य यानि एम.एस.पी. को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।

इसके साथ ही, किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। वैज्ञानिक तरीकों से खेती में मदद मिले, इसके लिए देशभर में कृषि विज्ञान केन्‍द्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मिट्टी की सेहत के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए 17 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे गए हैं। खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा यूरिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग भी की गई है।

सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए मेरी सरकार पहले की 99 अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर रही है। इनमें से 71 परियोजनाएं, अगले कुछ महीनों में पूरी होने जा रही हैं। जल की प्रत्येक बूंद का समुचित उपयोग हो, इसके लिए सरकार माइक्रो-इरिगेशन को बढ़ावा दे रही है।
फसल खराब होने की स्थिति में किसानों पर आने वाले संकट में सहायता के लिए ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत कम प्रीमियम पर फसलों का बीमा किया जा रहा है। किसानों को फसल बेचने में आसानी हो, इसके लिए देश की 1,500 से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का अभियान चलाया गया है। फसलें बाजार तक पहुंचने में खराब न हो, उनका सही भंडारण हो सके, इसके लिए देशभर में जगह-जगह नए कोल्ड स्टोरेज बनाने का काम तेजी से चल रहा है। फसल के बाद खेतों से निकलने वाले अवशेष से भी किसानों की कमाई हो सके, इसके लिए ‘वेस्ट टु वेल्थ’ अभियान चलाया जा रहा है।

मेरी सरकार, ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के द्वारा, मछुवारों को गहरे समुद्र में जाकर मछली पकड़ने का प्रशिक्षण देने के साथ आधुनिक फिशिंग ट्रॉलर्स उपलब्ध करा रही है।

ये सारे व्यापक कार्य, 70 वर्ष से चली आ रही हमारी कृषि व्यवस्था में स्थाई बदलाव लाएंगे और हमारे अन्नदाता किसानों को सशक्त करके उन्हें मुश्किलों से उबार पाएंगे तथा उनके सामर्थ्य के साथ न्याय कर पाएंगे।

माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार डिजिटल इंडिया अभियान से जुड़ी योजनाओं को गति देकर, यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी ई- गवर्नेंस का पूरा लाभ मिले। वर्ष 2014 में देश में मात्र 59 ग्राम पंचायतों तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच पाई थी। आज एक लाख 16 हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फायबर से जोड़ दिया गया है तथा लगभग 40 हजार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट लगा दिए गए हैं।

ग्रामीण भाई-बहनों तक सुविधाएं आसानी से पहुंचें, इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर्स की स्थापना बहुत तेजी से की गई है। इन केन्‍द्रों में बैकिंग से लेकर बीमा और पेंशन से लेकर स्कॉलरशिप की तमाम सुविधाएं गांव के लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2014 में देश में सिर्फ 84 हजार ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ थे। आज उनकी संख्या बढ़कर 3 लाख से अधिक हो गई है। इसमें से भी 2 लाख 12 हजार सर्विस सेंटर केवल ग्राम पंचायतों में स्थापित किए गए हैं।

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के इस युग में ‘डेटा’ का आसानी से और कम दरों पर उपलब्ध होना, हमारे देशवासियों के लिए बहुत बड़ी सुविधा है और विकास का जरिया भी। वर्ष 2014 में जहां एक GB डेटा की कीमत लगभग ढाई सौ रुपए थी, अब वह घटकर 10-12 रुपए हो गई है। इसी तरह, मोबाइल पर बात करने में पहले जितना खर्च होता था, वह भी अब आधे से कम हो गया है।

पहले सामान्य उद्यमियों के लिए सरकारी विभागों को अपना सामान बेचना प्राय: नामुमकिन होता था। अब सरकारी खरीद के लिए GeM यानि गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। GeM की वजह से जहां एक ओर सरकारी खरीद में पारदर्शिता आई है, वहीं दूसरी ओर देशभर के छोटे-बड़े शहरों और गांवों के व्यापारी अपना उत्पाद बिना किसी मुश्किल के सरकारी विभागों को बेच सकते हैं।
प्रक्रियाओं को सरल बनाने की कड़ी में, सरकार ने हाल ही में सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के ऋण की स्वीकृति देने वाली योजना भी शुरू की है।

माननीय सदस्यगण,
महान संत तिरुवल्लुवर ने कहा है-
“इयट्रलुम् ईट्टलुम् कात्तलुम् कात्त,

वगुत्तलुम् वल्लदअरसु”
यानि कि अच्छी सरकार समुचित ढंग से संपत्ति अर्जित करती है, राज्य के धन और सेवाओं को बढ़ाती है, उनका ठीक से संरक्षण करती है और लोगों के बीच राज्य की सुविधा और संपदा को सजगता के साथ न्यायपूर्ण तरीके से पहुंचाती है।

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 45 साल बाद भी हमारे देश में गरीबों के लिए बैंकिंग सुविधाओं की क्या स्थिति थी, इससे हम सब भली-भांति परिचित हैं। मेरी सरकार की जनधन योजना इस बात का एक उत्तम उदाहरण है कि कैसे एक बड़े आर्थिक परिवर्तन का आधार तैयार किया जाता है। यह योजना सिर्फ लोगों के बैंक खाते खोलने मात्र की नहीं है। इसके उद्देश्य बहुत व्यापक हैं। यह योजना, देश के गरीब का आर्थिक समावेश कर रही है और उसका आत्मविश्वास बढ़ा रही है।

जनधन योजना की वजह से आज देश में 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। एक अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार वर्ष 2014 से लेकर 2017 के बीच पूरे विश्व में खोले गए कुल बैंक खातों के 55 प्रतिशत खाते, भारत में ही खुले हैं। आंकड़ों से आगे बढ़कर इसका जो सकारात्मक प्रभाव देश की आर्थिक व्यवस्था पर पड़ रहा है, उसे भी जानना आवश्यक है।

हमारी माताएं-बहनें, बुरे वक्त में काम आने के लिए हमेशा कुछ पैसे बचा कर रखती थीं। लेकिन अकसर ये पैसे रोजमर्रा की जरूरतों पर खर्च हो जाते थे। आज जनधन खातों में जमा 88 हजार करोड़ रुपए इस बात के गवाह हैं कि कैसे इन खातों ने बचत करने का तरीका बदल दिया है। जनधन योजना की वजह से ही आज मनरेगा का पैसा, अलग-अलग बीमा योजनाओं की राशि, स्कॉलरशिप, पेंशन, ज्यादातर सरकारी लाभ, DBT के जरिए सीधे गरीबों के बैंक खातों में जाने लगा है। गरीब और सरकार के बीच बिचौलियों की भूमिका जनधन खातों ने समाप्त कर दी है।

आज अगर देश में 60 करोड़ से ज्यादा Rupay डेबिट कार्ड हैं और BHIM App के द्वारा कम लागत पर डिजिटल लेन-देन सुलभ हो रहा है, तो उसके पीछे जनधन योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी कड़ी में अब डाक घरों में स्थापित ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ के माध्यम से सरकार, बैंकिंग सेवाओं को लोगों के और निकट पहुंचा रही है। भारत में हो रहे इस आर्थिक समावेश की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है।

माननीय सदस्यगण,
समाज कल्याण के अनेक क्षेत्रों में ऐसी योजनाएं तो बीते कई दशकों से चल रहीं थीं लेकिन उनका अपेक्षित प्रभाव देखने को नहीं मिलता था। नागरिकों के सुख-दुःख, उनकी परेशानियों के प्रति मेरी सरकार की सजगता, सक्रियता और सही नीयत ने बड़े बदलावों को संभव कर दिखाया है।

वर्ष 2014 में मेरी सरकार को जनता ने पूर्ण बहुमत देने के साथ ही यह आदेश भी दिया था कि कालेधन और भ्रष्टाचार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। बीते साढ़े चार वर्षों में मेरी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है। जन-मन को समझने वाली मेरी सरकार ने पहले दिन से ही कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ SIT यानि विशेष जांच दल के गठन का निर्णय लिया। इसके बाद सरकार ने कालेधन के खिलाफ नया और कठोर कानून बनाया। विदेश में गैर-कानूनी तरीके से जुटाई गई संपत्ति के खिलाफ भी मेरी सरकार ने अभियान चलाया। टैक्स हेवेन समझे जाने वाले अनेक देशों के साथ नए सिरे से समझौते किए गए और कई देशों के साथ पुराने समझौतों की कमियों को दूर करते हुए, नए बदलाव लाए गए।

भारत से विदेश जा रहे कालेधन को रोकने के साथ ही मेरी सरकार ने, देश के भीतर भी कालेधन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया। देश का हर वह सेक्टर जहां कालेधन का प्रवाह था, उसके लिए नए कानून बनाए गए, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया गया। इन कार्रवाइयों के बीच सरकार ने लोगों को अपनी अघोषित आय और अघोषित धन को स्वेच्छा से घोषित करने का अवसर भी दिया।

कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान में नोटबंदी का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम था। इस फैसले ने कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था पर प्रहार किया और वह धन, जो व्यवस्था से बाहर था, उसे देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया।

सरकार के इस कदम ने देश को अस्थिर करने वाली ताकतों और कालेधन के प्रवाह में मदद करने वाली व्यवस्थाओं की कमर तोड़ दी है। कालेधन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार 3 लाख 38 हजार संदिग्ध शेल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन सरकार द्वारा खत्‍म किया जा चुका है। इन कंपनियों के निदेशकों के दोबारा चुने जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

वहीं ‘बेनामी संपत्ति कानून’, ‘प्रिवेन्शन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट’ और आर्थिक अपराध करके भागने वालों के खिलाफ बने कानून के तहत 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हो रही है। ये मेरी सरकार की नीतियों का ही प्रभाव है कि आज रीयल इस्टेट सेक्टर में कालेधन के उपयोग में भारी कमी आई है जिसकी वजह से घरों की कीमतें कम हुई हैं और एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार का अपना घर होने का सपना सच हो रहा है।

माननीय सदस्यगण,
मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी सरकार की इन नीतियों से सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़ा है और इनकम टैक्स देने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से पहले जहां 3.8 करोड़ लोगों ने अपना रिटर्न फाइल किया था, वहीं अब 6.8 करोड़ से ज्यादा लोग आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आगे आए हैं। आज करदाता को यह विश्वास है कि उसका एक-एक पैसा राष्ट्र-निर्माण में ईमानदारी के साथ खर्च किया जा रहा है।

मेरी सरकार मानती है कि भ्रष्टाचार और कालाधन देश के ईमानदार करदाता के प्रति बहुत बड़ा अन्याय है। भ्रष्टाचार सदैव किसी ग़रीब या मध्यम वर्गीय व्यक्ति का अधिकार छीनता है। इस स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर बल दिया है।

‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ का विस्तार करने से पिछले साढ़े चार वर्ष में 6 लाख 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लाभार्थियों तक पहुंची है। इस वजह से अब लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं। सरकार ने लगभग 8 करोड़ ऐसे नामों को भी लाभार्थियों की सूची से हटाया है, जो वास्तव में थे ही नहीं और बहुत से बिचौलिए फर्जी नाम से जनता के धन को लूट रहे थे।

माननीय सदस्यगण,
देश को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है कि हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करें, जो देशवासियों को पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने में मददगार हो।

वर्ष 2014 से पहले, पारदर्शिता के अभाव में, कोयला खदानों का आबंटन चर्चा में रहा करता था। मेरी सरकार ने उन्हीं कोयला खदानों की, पारदर्शी व्यवस्था विकसित करके नीलामी की है और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की है। ‘इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड’ के नए कानून की वजह से अब तक बैंकों और देनदारों के 3 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निपटारा हुआ है। डिफाल्ट करने की नीयत से, बड़े-बड़े कर्ज लेकर उन्हें हड़प जाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगा है।

सरदार पटेल ने देश के भौगोलिक और राजनैतिक एकीकरण का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य अपनी असाधारण क्षमताओं के बल पर प्राप्त किया था। लेकिन पूरे देश के व्यापक आर्थिक एकीकरण का काम अधूरा रह गया था। हमारे व्यापारी और उद्यमी हमेशा परेशान रहते थे कि वे अपना सामान कहां से खरीदें और कहां बेचें, किस तरह से अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग कर-प्रणालियों का पालन करें। अब GST जैसा व्यापक कर सुधार लागू होने से One Nation- One Tax- One Market की अवधारणा साकार हुई है। GST से देश में एक ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था का निर्माण हो रहा है जिसका काफी बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिल रहा है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिए पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और उनकी कठिनाइयां कम हुई हैं। मैं देशवासियों को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि शुरुआती दिक्कतों के बावजूद, देश के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने बहुत कम समय में एक नई प्रणाली को अपनाया। मेरी सरकार ने व्यापार जगत से मिल रहे सुझावों को ध्यान में रखकर GST में सुधार की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा है।

मेरी सरकार की प्राथमिकता रही है कि हमारे युवा सम्मान के साथ अपना रोजगार शुरू करें और दूसरों को भी रोजगार दें। स्वरोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए मेरी सरकार ने व्यापक सुधार किए हैं जिनकी विश्व स्तर पर सराहना हो रही है। इन सब सुधारों के परिणामस्वरूप Ease of Doing Business की रैंकिंग में भारत जहां 2014 में 142वें स्थान पर था, वहीं अब 65 रैंक ऊपर आकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है। यह एक असाधारण उपलब्धि है।

माननीय सदस्यगण,
पिछले साढ़े चार वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था औसतन 7.3 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है। भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2014 में विश्व के जीडीपी में भारत का योगदान 2.6 प्रतिशत था। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अब यह बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया है। आज भारत, विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब हमारे देश के सामने चौथी औद्योगिक क्रांति में निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर आया है। मेरी सरकार का यह प्रयास है कि देश के लोग इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं।

औद्योगिक विकास और रोजगार पैदा करने के क्षेत्र में आज Make in India की पहल के प्रभावी परिणाम सामने आ रहे हैं। अब भारत, मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। हाल ही में लोकोमोटिव डीजल इंजनों को 10 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन में परिवर्तित करने का कीर्तिमान भी भारत ने स्थापित किया है। Make in India के तहत ही आंध्र प्रदेश में, एशिया के सबसे बड़े MedTech Zone की स्थापना की जा रही है। रक्षा उपकरणों के उद्यम स्थापित करके देश को सुरक्षित बनाने तथा युवाओं को नए अवसर देने के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। बहुत जल्द ही देशवासियों को अब तक की सबसे तेज गति की ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ की अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

आज मैं अपने देश के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भी बधाई देना चाहता हूं, जो आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस दौर में भारत की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में निरंतर बढ़ा रहे हैं। विशेषकर इसरो के वैज्ञानिक और इंजीनियर, सैटेलाइट प्रक्षेपण में लगातार नए रिकॉर्ड बनाकर दुनिया में अपनी श्रेष्ठता साबित कर रहे हैं। मैं अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को राष्ट्र की ओर से ‘मिशन गगनयान’ के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार द्वारा तेजी से काम पूरा करने और जवाबदेही पर जोर देने से लोगों में सरकार पर विश्वास बढ़ा है तथा विकास को नई गति मिली है। आज मेरी सरकार परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए पहचानी जाती है।

असम में, दशकों से लंबित, भारत का सबसे बड़ा बोगीबील रेल–रोड ब्रिज हो, दिल्ली के पास ‘वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे’ हो या फिर केरल का कोल्लम बाईपास, ऐसी अनेक परियोजनाओं में देरी के कारण देश के आम नागरिकों के साथ अन्याय हो रहा था। इन्हें तत्परता के साथ पूरा करके मेरी सरकार ने देश के साधनों, सामर्थ्य तथा जनमानस की आकांक्षाओं के साथ न्याय किया है।

माननीय सदस्यगण,
21वीं सदी के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, हर देशवासी की, विशेषकर मध्यम वर्ग और युवाओं की आकांक्षा से जुड़ा हुआ है। इस आकांक्षा के अनुरूप मेरी सरकार, नई परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर रही है।

प्रयागराज में रिकॉर्ड 11 महीने में बना एयरपोर्ट टर्मिनल इसका उदाहरण है। पिछले वर्ष देश का पहला कंटेनर वेसल कोलकाता से चलकर, राष्ट्रीय जलमार्ग के जरिए वाराणसी तक पहुंचा है। ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे’ को भी नवंबर 2015 में शुरू करके, पिछले साल देश को समर्पित किया जा चुका है।

मेरी सरकार मानती है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों यानि संपूर्ण पूर्वी भारत में देश का नया ‘ग्रोथ इंजन’ बनने की क्षमता है। इसलिए पूर्वी भारत में रेलवे, हाईवे, वॉटरवे, एयरवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए मेरी सरकार निरंतर बल दे रही है।

पूर्वी भारत में 19 एयरपोर्ट्स विकसित किए जा रहे हैं। इसमें से 5 एयरपोर्ट पूर्वोत्तर राज्यों में बनाए जा रहे हैं। सिक्किम में पाक्योंग एयरपोर्ट और ओडिशा के झारसुगुड़ा में वीर सुरेंद्र साय एयरपोर्ट का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी में बरसों से बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट्स के पुनर्निर्माण का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की लागत से प्रारंभ की गई ‘ऊर्जा गंगा परियोजना’ पूर्वी भारत के अनेक शहरों में गैस पाइपलाइन पर आधारित उद्योगों का विस्तार करेगी।

सरकार, पूर्वी भारत में नए एम्स के साथ-साथ नए इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना भी कर रही है। सरकार द्वारा महात्मा गांधी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण – मोतीहारी में एक केन्‍द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है।

इसी तरह असम के लिए महत्वपूर्ण ‘गैस क्रेकर प्रोजेक्ट’ और ओडिशा में पारादीप तेल रिफाइनरी के कार्य में भी तेजी लाई गई है। असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाला ढोला-सदिया पुल जिसे भूपेन हजारिका सेतु नाम दिया गया है, अब देश को समर्पित किया जा चुका है। सरकार ने जिन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है उनमें से लगभग 13 हजार गांव पूर्वी भारत के ही हैं। इनमें से भी 5 हजार गांव पूर्वोत्तर राज्यों के दूर-दराज वाले इलाकों में स्थित हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में जीवन को आसान बनाने के लिए मेरी सरकार ‘परिवहन और पर्यटन से परिवर्तन’ के लक्ष्य पर काम कर रही है। पूर्वोत्तर की लगभग सभी रेल लाइनों को ब्रॉडगेज में बदला जा चुका है। अब सभी 8 राज्यों की राजधानियों को रेल से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। इसके लिए लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से 15 नई रेल लाइनों पर काम चल रहा है।

माननीय सदस्यगण,
देश की सबसे तेज ट्रेन हो या देश का सबसे ऊंचा पुल; देश का सबसे लंबा सी-लिंक हो या देश की सबसे लंबी सुरंग; दोगुनी गति से हाईवे का निर्माण हो या रेल लाइनों के गेज में बदलाव; रेलवे स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप देना हो या देश के अनेक शहरों में नई मेट्रो परियोजनाएं; देश के छोटे-छोटे शहरों को हवाई यात्रा से जोड़ना हो या नए जलमार्ग का निर्माण हो, इन सभी क्षेत्रों में मेरी सरकार आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास कर रही है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, मेरी सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ भी आगे बढ़ रही है।

हमारे शहरों को आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित व्यवस्थाएं मिलें, हमारे शहर अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन बनें, इसके लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 शहरों में आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भी देश को तेज रफ्तार से आगे बढ़ाया जा रहा है। पिछले 4 वर्ष से लगातार इस सेक्टर की विकास दर दो अंकों में रही है। वर्ष 2017-18 में देश के 12 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों ने हवाई यात्रा की है। इस संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। यह बदलाव, बढ़ते हुए भारत की एक झलक पेश करता है। ‘उड़ान योजना’ के अंतर्गत लोगों को 12 लाख सीटें कम कीमत पर उपलब्ध हुई हैं। इसके कारण आज साधारण परिवार के व्यक्ति को भी हवाई जहाज में उड़ने का अवसर मिल रहा है।

साथ ही, सरकार द्वारा बीते साढ़े चार वर्षों में देश में तीन सौ से ज्यादा नए पासपोर्ट केन्‍द्रों की भी स्थापना की गई है। वर्ष 2014 से पहले देश में 77 पासपोर्ट सेवा केन्‍द्र थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 400 से ज्यादा हो गई है। अब लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए बार-बार बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

माननीय सदस्यगण,
देश में चौतरफा विकास के लिए हो रहे इन कार्यों में हमारे श्रमिक भाई-बहन, हमारे लघु और मध्यम उद्यमी, हमारे इंजीनियर, हमारे ऑडिटर, डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक और हर पेशे तथा व्यवसाय से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये सभी जिम्मेदार नागरिक संत रविदास के इस कथन को चरितार्थ करते हैं कि परिश्रम ही सबसे बड़ी पूजा है:
श्रम कउ ईसर जानि कै, जऊ पूजहि दिन रैन।
‘रैदास’ तिन्हहिं संसार मह, सदा मिलहि सुख चैन।।

यानि श्रम को ही ईश्वर जानकर जो लोग दिन-रात श्रम की पूजा करते हैं उन्हें संसार के सभी सुख-चैन प्राप्त होते हैं।

सरकार के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हमारे सभी परिश्रमी प्रोफेशनल्स, राष्ट्र निर्माण के सजग प्रहरी हैं। इनकी आशाओं-आकांक्षाओं में जब सरकारी कर्मचारियों की इच्छाशक्ति भी जुड़ जाती है, तो वही अभूतपूर्व परिणाम देखने को मिलते हैं, जो आज देश देख रहा है। मेरी सरकार हर कर्मचारी के सुख-दुःख में उसके साथ खड़ी है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करके मेरी सरकार ने उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश की है।

मेरी सरकार ने कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म की व्यवस्था को निरंतर सशक्त करने का कार्य भी किया है। सरकार की ये सोच रही है कि राज्य सरकारें, अपने राज्य में विकास के कार्य, और प्रभावी तरीके से करें। इसी सोच पर चलते हुए वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप मेरी सरकार ने राज्यों को विकास के लिए पहले की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक राशि देने का निर्णय किया।

माननीय सदस्यगण,
इस समय प्रयागराज में आयोजित कुंभ पूरी दुनिया में चर्चित हो रहा है। इस विशाल आयोजन में इस बार तेज गति के साथ विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं का स्थाई विकास किया गया है। गंगा–यमुना-सरस्वती का संगम क्षेत्र इस समय स्वच्छता और आधुनिक प्रबंधन का प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

गंगा, हमारे लिए केवल एक नदी ही नहीं है, गंगा हमारी मां जैसी है, हमारी संस्कृति और आस्था का जीवंत रूप है। गंगा को स्वच्छ रखना हमारा पुनीत कर्तव्य है। इसके लिए मेरी सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत अब तक 25 हजार 500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है। गंगा में गिरने वाले दर्जनों बड़े नालों को बंद करके, औद्योगिक कचरों को रोककर, शहरों के किनारे अनेक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर मेरी सरकार, गंगा को स्वच्छ बनाने के अभियान में तत्परता के साथ जुटी हुई है।

माननीय सदस्यगण,
राष्ट्र नायकों के योगदान को सम्मान देना, हर देशवासी का और सरकार का कर्तव्य है। आधुनिक भारत के निर्माताओं को सम्मानित करने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने गांधी जी की पुण्यतिथि पर दांडी में निर्मित ‘राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक’ देश को समर्पित किया है। इसी महीने दिल्ली में क्रांति मंदिर का भी लोकार्पण किया गया है जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है। सरकार ने उनके सम्मान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी देना शुरू किया है। सरकार ने बाबासाहब आंबेडकर से जुड़े पांच पवित्र स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित करने का कार्य भी संपन्न किया है। देश ने लौहपुरुष सरदार पटेल की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाकर उन्हें नमन किया है। मेरी सरकार देश के आदिवासी स्वाधीनता सेनानियों की स्मृति में, अलग-अलग राज्यों में म्यूजियम का निर्माण करवा रही है।

मेरी सरकार ने वर्ष 2015 में महामना मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से अलंकृत किया। इस वर्ष नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया है।

जिन कर्मठ व्यक्तियों ने बिना किसी अपेक्षा के, निस्वार्थ भाव से जन-कल्याण के कार्य किए हैं, उन्हें बिना किसी भेद-भाव के उनकी योग्यता के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित करके मेरी सरकार ने त्याग और सेवा के आदर्शों के प्रति देश की प्रतिबद्धता जतायी है।

हमारी परंपरा में संतों और गुरुओं का दर्जा सबसे ऊपर है। इसी महीने सरकार ने गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर एक विशेष सिक्का जारी किया है। यह भी हम सभी के लिए प्रसन्नता की बात है कि मेरी सरकार ने करतारपुर कॉरीडोर बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

माननीय सदस्यगण,
विश्व पटल पर, जहां एक ओर भारत, हर देश के साथ मधुर संबंध का हिमायती है, वहीं प्रतिपल हमें हर चुनौती से निपटने के लिए स्वयं को सशक्त भी करते रहना है। बदलते हुए भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है। पिछले वर्ष भारत उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है।

हमारी सेनाएं और उनका मनोबल, 21वीं सदी के भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। मेरी सरकार ने चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को न सिर्फ पूरा किया बल्कि 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के एरियर का भुगतान भी किया है।

मेरी सरकार का मानना है कि अपनी रक्षा जरूरतों को एक पल के लिए भी नज़रअंदाज़ करना, देश के वर्तमान और भविष्य, दोनों के ही हित में नहीं है। बीते वर्ष रक्षा क्षेत्र में हुए नए समझौतों, नए सैन्य उपकरणों की खरीद और Make In India के तहत देश में ही उनके निर्माण ने सेना का मनोबल बढ़ाया है और सैन्य-आत्मनिर्भरता की ओर देश का मार्ग प्रशस्त किया है। दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना, आने वाले महीनों में, नई पीढ़ी के अति आधुनिक लड़ाकू विमान-राफेल को शामिल करके, अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।

आज इस अवसर पर मैं देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में हमेशा मुस्तैद रहने वाले सुरक्षाबलों को भी बधाई देना चाहता हूं। आतंक और हिंसा में कमी लाने में उनके संगठित प्रयासों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। बीते वर्षों में माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों में जितने युवक विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आए हैं, वह एक रिकॉर्ड है। पिछले वर्ष पुलिस मेमोरियल का लोकार्पण करके देश के प्रति उनके बलिदान को सम्मानित किया गया है और उनकी स्मृति को भावी पीढ़ियों के लिए संजोया गया है।

माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मेरी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में विकास का वातावरण बनना शुरू हुआ है। हाल ही में राज्य के शहरी स्थानीय निकायों में 13 वर्ष बाद और पंचायतों में 7 वर्ष के अंतराल के बाद शांतिपूर्वक चुनाव हुए जिनमें लोगों ने बहुत उत्साह दिखाया और 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध मेरी सरकार द्वारा 80 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया था। इस पैकेज में से, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाओं के लिए अब तक 66 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की स्वीकृति दी जा चुकी है।

यह मेरी सरकार की राजनयिक सफलता है कि आज भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर सम्मान के साथ सुनी जाती है। कुछ दिन पूर्व वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस में भारत की यह अंतर्राष्ट्रीय ध्वनि और ज्यादा मुखर हुई है। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह दिवस पूरे विश्व में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरी दुनिया में योग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। आज भारत को यह गर्व है कि हमने विश्व समुदाय को योग जैसी श्रेष्ठ पद्धति की सौगात दी है।

सरकार ने विदेश में रहने वाले भारतीयों के पासपोर्ट की ताकत और उसका मान ही नहीं बढ़ाया है, बल्कि उनके सुख-दुःख की सहभागी भी बनी है। पिछले चार वर्ष में संकट में फंसे 2 लाख 26 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।

पर्यावरण के संरक्षण में भारत की पहल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मिले सम्मान ने प्रत्येक भारतीय का गौरव बढ़ाया है। हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि भारत आज, विश्व-व्यापी सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। पिछले वर्ष इंटरनेशनल सोलर एलायंस की पहली महासभा की बैठक सफलता पूर्वक दिल्ली में आयोजित की गई।

वर्ष 2022 में भारत, जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। देश की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ के उत्सव के साथ आयोजित किया जाने वाला यह सम्मेलन, भारत के वैश्विक प्रभाव को और बढ़ाएगा।

माननीय सदस्यगण,
इस वर्ष हमारा देश, 21वीं सदी के सशक्त, स्वावलंबी और समृद्ध नए भारत के लिए एक निर्णायक दिशा तय करेगा। इस वर्ष आम चुनावों के रूप में लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव मनाया जाएगा। इस सदी में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान करने वाले युवाओं को, मैं इस सदन के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत का नागरिक होने के नाते, अब वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे और देश की नीति एवं निर्णयों की दिशा तय करेंगे।

मेरी सरकार के प्रयासों से पूरे देश में, बेहतरी के लिए बदलाव हो रहे हैं और बदलाव की यह प्रक्रिया जारी रहेगी। देश के 130 करोड़ लोगों के आशीर्वाद और उनके सहयोग से मेरी सरकार नया भारत बनाने की ओर चल पड़ी है:
– एक ऐसा नया भारत, जहां हर व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।

– एक ऐसा नया भारत, जहां हर एक व्यक्ति स्वस्थ हो, सुरक्षित हो और शिक्षित हो।

– एक ऐसा नया भारत, जहां हर व्यक्ति को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिले और उसके पास आगे बढ़ने के समान अवसर हों।

– एक ऐसा नया भारत, जहां हर बच्चा बिना किसी अभाव के जीवन में आगे बढ़े और हर बेटी सुरक्षित महसूस करे।

– एक ऐसा नया भारत, जहां प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले और उसकी गरिमा सुनिश्चित हो।

– एक ऐसा नया भारत, जिसे पूरे विश्व में सम्मान से देखा जाए।

माननीय सदस्यगण,
आइए! हम सभी एक साथ मिलकर, नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें और 21वीं सदी में भारत की प्रतिष्ठा को नए शिखर पर पहुंचाएं!

जय हिंद !

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