उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को रायबरेली में कहा कि हम प्रधानमंत्री से कहेंगे कि आप गंगा मैया के बेटे हैं तो उसकी कसम खाएं, और खुद से पूछें कि समाजवादी पार्टी सरकार वाराणसी में 24 घंटे बिजली दे रही है या नहीं। अखिलेश जी आप कब तक लोगों की आंख में धूल झोंकते रहेंगे और बरगलाते रहेंगे। जब आप कसम की बात कर ही दिए हैं तो आइए दिखाते हैं आपको आइना। आप खुद देख लीजिए कि आप वाराणसी में कितने घंटे बिजली की कटौती करते हैं और आपके शासनकाल में बिजली कटौती का क्या हाल है।
मुख्यमंत्री जी आइए आपको दिखाते हैं कि आपकी समाजवादी सरकार वाराणसी को वास्तव में 24 घंटे बिजली देती है या नहीं? आप जो 24 घंटे बिजली देने का वादा करते हैं वो तथ्यों के हिसाब से कहीं नहीं ठहरता। वाराणसी के शिवपुर इलाके में पिछले तीन महीने से 8-10 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। वाराणसी के ही सुन्दरपुर, पांडेपुर, सारंग तालाब में भी रोज एक से दो घंटे की कटौती हो रही है।
अगर हम एनजीओ प्रयास के आंकड़े पर नजर डालें तो वाराणसी के शिवपुर में पिछले तीन महीने की बिजली कटौती इस तरह है-
19 जनवरी 2017 से 19 फरवरी 2017 तक- 248 घंटे (रोजाना 8 घंटे) कटौती
19 दिसंबर 2016 से 18 जनवरी 2017 तक- 238 घंटे (रोजाना 8 घंटे) कटौती
19 नवंबर 2016 से 18 दिसंबर 2016 तक- 291 घंटे (रोजाना 10 घंटे) कटौती हुई।
इसी तरह पांडेपुर में
19 जनवरी 2017 से 19 फरवरी 2017 तक- 44 घंटे कटौती
19 दिसंबर 2016 से 18 जनवरी 2017 तक- 56 घंटे कटौती
19 नवंबर 2016 से 18 दिसंबर 2016 तक- 39 घंटे कटौती हुई।
सारंग तालाब में
19 जनवरी 2017 से 19 फरवरी 2017 तक- 46 घंटे कटौती
19 दिसंबर 2016 से 18 जनवरी 2017 तक- 69 घंटे कटौती
19 नवंबर 2016 से 18 दिसंबर 2016 तक- 61 घंटे कटौती हुई।
सुन्दरपुर में
19 जनवरी 2017 से 19 फरवरी 2017 तक- 17 घंटे कटौती
19 दिसंबर 2016 से 18 जनवरी 2017 तक- 10 घंटे कटौती
19 नवंबर 2016 से 18 दिसंबर 2016 तक- 178 घंटे कटौती हुई।
इतना ही नहीं मंडुवाडीह, लहरतारा, लोहाता इलाके में भी रोज 5 से 8 घंटे बिजली की कटौती होती है। 19 फरवरी को अमर उजाला अखबार में भी इस बारे में खबर छपी थी।
अखिलेशजी आपका उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जिसने अभी तक भारत सरकार के 24 घंटे बिजली पहुंचाने के कार्यक्रम पावर फॉर ऑल समझौते पर दस्तखत नहीं किए हैं। साफ है आपकी उत्तर प्रदेश सरकार अपने नागरिकों को 24 घंटे बिजली देना ही नहीं चाहती। जबकि देश में बिजली की कोई कमी नहीं है और केंद्र सरकार आपको हर वक्त बिजली देने को तैयार है। केंद्र के पॉवर प्लांट से यूपी को बिजली की आपूर्ति 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है। लेकिन उत्तर प्रदेश ने राज्य में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए पॉवर एक्सचेंज में अतिरिक्त बिजली होने के बाद भी बिजली नहीं खरीदी।
केंद्र सरकार के मोबाइल ऐप विद्युत प्रवाह में बिजली की उपलब्धता हजारों मेगावाट तीन रुपए से भी कम कीमत पर उपलब्ध रहती है। 12 फरवरी को ही 2500 मेगावाट बिजली 2.37 रुपए पर उपलब्ध थी लेकिन बिजली की कमी होने के बाद भी सरकार ने सस्ते दर पर एक भी यूनिट बिजली नहीं खरीदी।
अखिलेशजी आपकी सरकार के आंकडों के मुताबिक 3 करोड़ ग्रामीण घरों में से आधे से ज्यादा में आजतक बिजली के कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। साफ है करीब आठ करोड़ लोगों के घर तक बिजली का कनेक्शन नहीं पहुंचाया गया है। केंद्र सरकार ने गांवों और घरों में बिजली पहुंचाने के लिए आपको 18,000 करोड़ रुपए दिए, लेकिन आपकी सरकार एक चौथाई यानी सिर्फ 4000 करोड़ रुपए का ही इस्तेमाल कर पाई।
मुख्यमंत्रीजी हाल यह है कि आपके कार्यकाल के दौरान 2012 से 2014 तक सिर्फ तीन गांव का विद्युतीकरण हुआ जबकि मोदी सरकार आने के बाद दो साल में 1364 गांवों तक बिजली पहुंची। साफ है उत्तर प्रदेश अंधकार में डूबा है लेकिन आपको कोई फिक्र नहीं है।
तो अखिलेश जी कब तक झूठ बोलकर आम जनता को बरगलाते रहेंगे। आप कसम खाने की बात करते हैं। लेकिन सत्य को किसी कसम की जरुरत नहीं होती, सत्य परेशान किया जा सकता है पर पराजित नहीं।