प्रधानमंत्री का दायित्व ग्रहण करने के दिन से लेकर आज तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दिन भी कार्य से छुट्टी नहीं ली है। चाहे वह देश में हो या विदेश के दौरे पर, हरवक्त वह देश की सेवा में लगे रहते हैं। पांच दिवसीय विदेश यात्रा से लौटते ही पीएम मोदी बिना आराम किए देश की सेवा में जुट गए हैं। काम के प्रति यह जज्बा देश के प्रति पीएम मोदी का समर्पण को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में काम, काम और सिर्फ काम है। इसकी एक झलक आप 17 अप्रैल से लेकर 21 अप्रैल, 2018 के बीच के उनके कार्यक्रम को देखकर कर सकते हैं।
दिल्ली पहुंचते ही पीएम ने दोपहर को मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। बच्चियों के साथ होने वाली रेप की वारदात को देखते हुए बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान करने के लिए अध्यादेश को मंजूर किया। शाम को सिविल डे पर आयोजित कार्यक्रम में देशभर के अफसरों को संबोधित किया।
16 अप्रैल, 2018 प्रधानमंत्री 16 अप्रैल, 2018 की शाम को तीन देशों (स्वीडन, ब्रिटेन और जर्मनी) की यात्रा के लिए देश से पांच दिवसीय विदेश यात्रा के निकले और उनका पहला पड़ाव स्वीडन था।
17 अप्रैल, 2018 अहले सुबह पीएम मोदी स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम के एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां पर प्रोटोकॉल तोड़कर स्वीडन के प्रधानमंत्री मिले। स्वीडन ने पहली बार किसी देश के प्रमुख को इस तरह का सम्मान दिया।
वह 17 अप्रैल, 2018 की रात को भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद ब्रिटेन के लिए रवाना हो गए।
18 अप्रैल, 2018
19-20 अप्रैल, 2018
19-20 अप्रैल, 2018 को 53 राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों का सम्मेलन हुआ। इसका उद्घाटन ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने किया। इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी बांग्लादेश के पीएम शेख हसीना से लेकर आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, सेशेल्स के राष्ट्रपति समेत कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात की।
20 अप्रैल, 2018
20 अप्रैल, 2018 लंदन से जर्मनी के लिए रवाना हुए। यहां जर्मनी की चांसलर से दोपक्षीय वार्ता हुई। फिर वहां से रात को भारत के लिए रवाना हुए।
21 अप्रैल, 2018
पांच दिवसीय व्यस्त कार्यक्रमों के साथ तीन देशों की यात्रा करके 21 अप्रैल, 2018 की सुबह पीएम मोदी भारत लौट आए हैं। यहां लौटते ही बिना आराम किए काम पर जुट गए।