Home समाचार पीएम मोदी की नीतियों में घिरा ‘आतंक का आका’ !

पीएम मोदी की नीतियों में घिरा ‘आतंक का आका’ !

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कहावत है जब सीधी उंगली से घी न निकले तो उसे टेढ़ी करनी पड़ती है… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे उंगली टेढ़ी करनी शुरू की है, तब से पाकिस्तान सीधी राह चलने लगा है। पूरी दुनिया के आतंकवाद का आका पाक… अब बाप-बाप कर रहा है। दरअसल पीएम मोदी की पहल पर एक तरफ अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने पर लताड़ लगाई तो ब्रिक्स देशों ने भी पाकिस्तान को साफ कर दिया कि वह अपने यहां पल रहे आतंकियों पर कार्रवाई करे। नतीजा हुआ कि अब तक डिनायल मोड में चल रहे पाकिस्तान ने मान लिया है कि उसकी जमीन से लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो पाक सेना भी मानने लगी है कि पाक में आतंकी जिहाद नहीं, फसाद फैला रहे हैं।

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बाजवा ने की ‘आतंकिस्तान’ की पुष्टि
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने माना है कि पाक में आतंकी हैं और वे जिहाद नहीं, फसाद फैला रहे हैं। दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए। बाजवा ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए पूरे देश का सहयोग जरूरी है। दरअसल आतंकवाद के मसले पर जिस तरीके से पाकिस्तान एक्सपोज हुआ है वह पीएम मोदी के प्रयासों का परिणाम है। अब जबकि पाकिस्तान की सेना ने ये मान लिया है कि वहां आतंकी कैंप हैं तो यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है।

पाकिस्तान है आतंकवाद की शरणस्थली
पाकिस्तान भले ही अब-तक अपने यहां आतंक की जड़ें होने की बात से इंकार करता रहा हो, लेकिन अब उनके विदेश मंत्री ही उसकी पोल खोल रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा। जाहिर है आसिफ का बयान ब्रिक्स घोषणापत्र के अनुरूप ही है, जिसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान से संचालित होने की बात कही गई है।

चीन चले पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ
एक कहावत यह भी है कि ‘मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक’… दरअसल ब्रिक्स देशों के घोषणापत्र में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का जिक्र होने की वजह से हो रही किरकिरी के बीच पाक विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ चीन जा रहे हैं। कहा तो यह जा रहा है कि ये रूटीन दौरा है, लेकिन सच कुछ और है। दरअसल पीएम मोदी की नीतियों से घिरे बेबस चीन को ब्रिक्स घोषणापत्र में आतंक के खिलाफ खड़ा होना पड़ा। माना जा रहा है कि चीन यह जानना चाहता है कि ब्रिक्स घोषणापत्र के मद्देनजर पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकता है?

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पाक को पीएम मोदी का ‘जैसे को तैसा’ जवाब
15 अगस्त, 2016 को प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से साफ संदेश दिया था कि पाकिस्तान को दुनिया को यह जवाब देने का समय आ गया है कि वह पीओके और बलूचिस्तान के लोगों पर क्यों अत्याचार कर रहा है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पाकिस्तान को दुनिया से अलग-थलग करने की नीति पर आगे कदम बढ़ा दिया था। आज हालत यह है कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा पैरोकार अमेरिका भी उसे हड़का रहा है और चीन भी अब ज्यादा वक्त तक साथ देने से इनकार कर रहा है।

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चीन को माननी पड़ी भारत की बात
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयासों पर चीन ही अंतिम वक्त पर अडंगा लगाता रहा है, लेकिन ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद पर रुख को चीन ने ना केवल भरपूर समर्थन दिया, बल्कि अपने ‘ऑल वेदर फ्रैन्ड’ पाकिस्तान का साथ छोड़ने को भी तैयार हो गया। हालांकि सम्मेलन से दो दिन पहले चीन ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान के काउंटर आतंकवाद पर चर्चा करना सही नहीं है। लेकिन पीएम मोदी की कूटनीति में घिरे चीन को भी भारत की बात माननी पड़ी और आतंकवाद का मुद्दा शामिल करना पड़ा

अमेरिका ने पाक को लगाई लताड़
एक बार फिर से पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से कड़ा रुख देखने को मिला है। अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कड़ा संदेश दिया है। 21 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टम्प ने अपने संबोधन के दौरान कहा है कि अमेरिकी लोग बिना कारण युद्ध नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। पाकिस्तानी लोग भी आतंकवाद की मार झेल रहे हैं लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद का स्वर्ग बना हुआ है।

सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित
26 जून को अमेरिका ने हिजबुल सरगना सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान की यह एक बड़ी सफलता है। अमेरिका इससे पहले लश्कर के मुखौटा संगठन जमात उद दावा और संसद हमले में शामिल जैश ए मोहम्मद पर पाबंदी लगा चुका है।

आतंकवादी देश घोषित हुआ पाकिस्तान
भारत को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब प्रधानमंत्री मोदी के दबावों के चलते ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया। अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और यहां से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जोड़ा
प्रधानमंत्री मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका तक पीएम मोदी कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती दिखाने का आग्रह कर चुके हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, नार्वे, कनाडा, ईरान जैसे देशों ने आतंक के खिलाफ एकजुटता का वादा भी किया है। ब्रिक्स में आतंकवाद पर भारत के रुख का समर्थन से साफ है कि पीएम मोदी के प्रयासों से दुनिया अब यह समझने लगी है कि आतंकवाद को जड़ मूल से समाप्त करना ही पड़ेगा, वरना यह किसी भी देश को नहीं छोड़ेगा। 

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