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प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दी महापर्व छठ की बधाई

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MODI ON CHHATH

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को छठ पूजा की बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि महापर्व छठ के पावन अवसर पर देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। सूर्य देव अपनी ऊर्जा एवं आभा से हम सबको सदैव आलोकित रखें और हमारा देश सफलता एवं समृद्धि के नित नए सोपान चढ़ता रहे। 

‘मन की बात’ में पीएम मोदी  (29 अक्टूबर 2017) 

दीपावली के छह दिन बाद मनाए जाने वाला महापर्व छठ, हमारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक, हर बात में पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है। छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं , तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियाँ हैं। आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है। दुनिया तो उगने वालों को पूजने में लगी रहती है लेकिन छठ-पूजा हमें, उनकी आराधना करने का भी संस्कार देती है जिनका डूबना भी प्रायः निश्चित है। हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है। छठ से पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, तालाब, पोखर के किनारे, पूजा-स्थल यानि घाटों की भी सफाई, पूरे जोश से सब लोग जुड़ करके करते हैं। सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है।

सामान्य रूप से लोग कुछ माँगकर लेने को हीन-भाव समझते हैं लेकिन छठ-पूजा में सुबह के अर्घ्य के बाद प्रसाद मांगकर खाने की एक विशेष परम्परा रही है। प्रसाद माँगने की इस परम्परा के पीछे ये मान्यता भी बतायी जाती है कि इससे अहंकार नष्ट होता है। एक ऐसी भावना जो व्यक्ति के प्रगति के राह में बाधक बन जाती है। भारत के इस महान परम्परा के प्रति हर किसी को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है।

‘मन की बात’ में पीएम मोदी  (30 अक्टूबर 2016) 

भारत के पूर्वी इलाके में छठ-पूजा का त्योहार, एक बहुत बड़ा त्योहार होता है। एक प्रकार से महापर्व होता है, चार दिन तक चलता है, लेकिन इसकी एक विशेषता है – समाज को एक बड़ा गहरा संदेश देता है। भगवान सूर्य हमें जो देते हैं, उससे हमें सब कुछ प्राप्त होता है। प्रत्यक्ष और परोक्ष, भगवान सूर्य देवता से जो मिलता है, उसका हिसाब अभी लगाना ये हमारे लिये कठिन है, इतना कुछ मिलता है और छठ-पूजा, सूर्य की उपासना का भी पर्व है । लेकिन कहावत तो ये हो जाती है कि भई, दुनिया में लोग उगते सूरज की पूजा करते हैं। छठ-पूजा एक ऐसा उत्सव है, जिसमें ढलते सूरज की भी पूजा होती है। एक बहुत बड़ा सामाजिक संदेश है उसमें ।

 

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