Home नरेंद्र मोदी विशेष गांव-गांव बिजली से फैल रहा तरक्की का उजियारा : प्रधानमंत्री मोदी

गांव-गांव बिजली से फैल रहा तरक्की का उजियारा : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को पंडित दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘’जिन 18 हजार से अधिक गांवों के लोगों का जीवन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच सिमट कर रह गया था, उनके अंधेरे जीवन में उजियारा लाकर प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं।‘’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने बिजली पहुंचाने के वादे तो खूब किए, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया, आज हम जब वादों को गंभीरता से लेते हैं तो उसमें कमियां ढूंढने की कोशिशें होती हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’हमलोग अच्छा करने का लगातार प्रयास करें और जहां कमी रह जाती है उसको उजागर करके उसे ठीक करने का काम करें।‘’

पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त, 2015 को हमने लालकिला से कहा था कि हम 1000 दिनों में देश के हर गांव में बिजली पहुंचाएंगे। इसके बाद पंडित दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हम इस अभियान में जुट गए। उन्होंने कहा कि इस योजना में गांवों-बस्तियों के इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ-साथ डिस्ट्रीब्यूशन को मजबूत करने और किसानों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था करने की शुरुआत भी की गई है। यह भी सुनिश्चित किया गया कि इसमें हर गांव को शामिल किया जाए और उजाला का विस्तार होता चला जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां पर ग्रिड से जोड़ना संभव नहीं हो रहा है वहां ऑफ ग्रिड लाइन से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘’सदियां बीत गईं, लोगों ने अंधेरे में गुजारा किया, और शायद सोचा भी नहीं होगा कि इनके गांव में कभी उजाला आएगा। लेकिन मेरे लिए ये भी खुशी की बात है कि मुझे आपकी खुशियों में शामिल होने का मौका मिल रहा है।‘’ 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’जो लोग पैदा होते ही उजाला देखते आए हैं, जिन्होंने कभी अंधेरा देखा नहीं है, उनको ये पता नहीं होता है कि अंधेरा हटने का मतलब क्या होता है। रात को गांव में बिजली होने का मतलब क्या होता है।‘’

उन्होंने कहा कि हमारे यहां उपनिषदों में ‘’तमसो मां ज्योतिर्गमय’’ कहा गया है, यानि अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। आज मुझे देश भर के उन लोगों से मिलने का अवसर मिला है, जिन्होंने अपने जीवन में अंधकार से प्रकाश का सफर तय करने का सौभाग्य प्राप्त किया है।

इसके बाद पीएम मोदी ने इस योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मणिपुर के लायसांगा गांव के लाभार्थियों से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। गौरतलब है कि   लायसांगा, पावर ग्रिड से जुड़ने वाला देश का आखिरी गांव है।

गांव में बिजली पहुंचने का सपना हुआ पूरा
लायसांग के निवासी जीएएन कुक्की ने कहा कि 28, अप्रैल, 2018 को बिजली हमारे गांव में आ चुकी है। इसके साथ-साथ कनेक्शन मिल गया है। जिस दिन बिजली पहुंची पूरे गांव ने उत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे गांव में बिजली पहुंचेगी। अब तो हमारे गांव में टीवी भी पहुंच गया है जिसपर फुटबॉल का मैच भी देखा।

लाइट आने से बच्चों की पढ़ाई हुई आसान
अरुणाचल प्रदेश में तवांग के डेमा ने कहा कि इससे पहले अंधेरा था अब लाइट आ गई। हीटर जला रहे हैं, कैंडल जला रहे हैं। लाइट आने के बाद बच्चों की पढ़ाई आसान हो गई है।

मोदी सरकार ने ध्यान दिया तो अब हर घर में बिजली
त्रिपुरा में डोलाई के हरदयाल पारा गांव के निलंकट ने कहा कि गांव में 135 लोग रहते हैं इसलिए कोई ध्यान नहीं देता था, लेकिन मोदी सरकार ने ध्यान दिया और अब गांव में बिजली आ गई।

त्रिपुरा में ही गंगानगर बंगामपाड़ा के सीदन बतरोयिया ने बताया कि हमारे गांव में 2016 में बिजली पहुंचने के बाद 2017 में सभी घरों में बिजली पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि बिजली पहुंचने से बच्चों की पढ़ाई में सुविधा हो गई है और कई परिवारों ने पंखा भी खरीद लिया है। उन्होंने कहा कि जब बिजली नहीं थी तो रात में घर से निकलने में भी डर लगता था, अब हमलोग रात को भी घूमने भी निकल जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘’हमारे गांव में 84 परिवार हैं और सभी को कनेक्शन मिल गया है हम सभी आभारी हैं आपके।‘’

महिलाओं ने कहा – अब पूरे गांव में हो गया उजाला
असम के घोघरा कोसाई गांव की इंदिरा बसुमातारी ने कहा कि गांव में 2016 में बिजली आ गई थी, अब हर घर में बिजली मिल गई है। उन्होंने कहा, ‘’पहले हमें दूर जाना पड़ता था। अब तो हमारे गांव में तीन जीरोक्स की दुकानें खुल गई हैं। कपड़ा प्रेस भी गांव में होता है। कई घरों में गांव में मोटर लग गए हैं।‘’

असम में ही घोघरा कसेरी गांव की पुनिवालला मुसाहारी ने बताया कि  बिजली आने से बहुत खुशी है। पूरे गांव में अब उजाला हो गया है। मोटर से पानी निकाल रहे हैं और अब रात को भी घर से बाहर जाने में सुविधा हो रही है।

इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली पहुंचने से लोगों का जीवन आसान हुआ है। हालांकि जिन 18 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी उनमें अधिकतर गांव कठिन परिस्थितियों में थे और दुर्गम इलाके में थे। उन्होंने बताया कि ऐसे गांवों में बिजली पहुंचाना आसान नहीं था। कई ऐसे गांव थे जहां तीन-चार दिनों तक पैदल जाना पड़ता है। कई गांवों में घोड़े-खच्चरों से सामान ले जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के कई गांवों में हेलीकॉप्टर से सामान पहुंचाया गया। उन्होंने गांव वालों और सरकारी कर्मचारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा,  ‘’ये उन गांव वालों और सरकार के छोटे-छोटे मुलाजिमों का सराहनीय काम है जो आज हम हिंदुस्तान के हर गांव तक बिजली पहुंचा पाई।‘’

इस अवसर पीएम मोदी ने मुंबई से सटे एलिफेंटा का भी जिक्र किया जो एक प्रमुख पर्यटन केंद्र होने के बावजूद भी बिजली की सुविधा से वंचित था। उन्होंने जानकारी दी कि समुद्र के भीतर केबल बिछाकर वहां तक बिजली पहुंचाई गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’जब इरादे नेक हों, नीयत साफ हो और नीति स्पष्ट हो तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है।‘’

झारखंड के लोगों ने कहा – दूधिया रोशनी से जगमगा रहे गांव
प्रधानमंत्री ने बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए झारखंड रोरो गांव की बसंती सुंडी से बातचीत की। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया, ‘’हमारे गांव में 500 लोग रहते हैं। पहले लोग शाम होने से पहले सो जाया करते थे। पहले तो ये भी पता नहीं लगता था कि वहां कोई गांव भी है। अब हमारा गांव रोशन है। पहले चापाकल भी नहीं चलता था, लेकिन अब मोटर लगाकर पानी निकाला जा रहा है।‘’

झारखंड में ही पलामू जिले में हरमोंगा गांव की अनीता देवी ने कहा कि 2016 से बिजली लग गई है। पहले बच्चे नहीं पढ़ पाते थे, अब लाइट आ जाने से दिक्कत दूर हो गई।

पलामू के ही सुसीगंज के रहने वाले चंद्रशेखर प्रसाद गुप्ता ने बताया, ‘’हमारे गांव में 2016 से बिजली आई और शाम होते ही दुधिया रोशनी से जगमगा उठता है। अब गांव में ही शहरों की सारी सुविधाएं हो गई हैं। ‘प्रज्ञा केंद्र’ खुल गए है। वेल्डिंग की मशीनें लग गई हैं। कोल्डड्रिंक की भी दुकानें खुल गई हैं।

बिजली आने से लोगों की आंखों में रोशनी आ गई
ओडिशा के लाकुबाड़ी के नारायण नायक ने बताया कि बिजली आने से गांव के लोगों की आंखों में रोशनी आ गई है। उन्होंने कहा, ‘’पहाड़ी इलाके में हमारा गांव है, जंगल का एरिया है। रोशनी नहीं होने से पहले हम बहुत तकलीफ में रहते थे। अब बिजली आने से कोई भय नहीं है। बिजली आने से टीवी भी आ गया है। प्रधानमंत्री को भी देख सकते हैं। सरकार को देख सकते हैं और फिल्म भी देख सकते हैं।‘’

इसपर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने देश के पूर्वी क्षेत्रों के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया था। यह इस बात से समझा जा सकता है कि जिन 18 हजार गांवों में से 14 हजार 582 गांव पूर्वी क्षेत्र के थे। इनमें से करीब 5 हजार 790 पूर्वोत्तर क्षेत्र के थे। उन्होंने कहा कि ये सारा इलाका अंधेरे में था। वहां लोग कम हैं, पार्लियामेंट की सीटें कम हैं, उन सरकारों को इसका फायदा नहीं दिखता था। प्रधानमंत्री ने कहा,  ‘’देश की सेवा राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होती। भारत की विकास यात्रा में और गति तब आएगी जब हमारे पूर्वी क्षेत्रों का विकास भी संतुलित विकास होगा।‘’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सोचा और प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले बिजली पहुंचाई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के आने वाले पत्रों से पता लगता है कि बिजली आने से सामान्य लोगों के जीवन में कितना बदलाव आया है। उन्होंने कहा,  ‘’अब गांव में सूर्यास्त के बाद सिर्फ सूर्य अस्त होता है, दिन अस्त नहीं होता।‘’ इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संवाद को आगे बढ़ाया और जम्मू कश्मीर के कनौटा गांव की आरती शर्मा से बात की।

हमारे गांव में तारे जमीं पर उतर आए
नौवीं क्लास की छात्रा आरती ने कहा, ‘’पहली बार कोई ऐसा प्रधानमंत्री आया है जिन्होंने हमारे गांव को इलेक्ट्रिफाइड कर दिया है।  अब ऐसा लगता है कि तारे जमीं पर आ गए हैं।‘’

आरती ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिजली आने से हमारे गांव में तारे जमीं पर आ गए हैं। उन्होंने तीन पंक्तियों की कविता भी सुनाई –

ऐसा अवतार धरती पर आया

तारों को जमीं पर ले आया

नरेन्द्र मोदी वो कहलाया

70 सालों तक बिजली को तरसे, अब बिजली आई
जम्मू कश्मीर में रियासी के मौजाकोड़ के रहने वाले असदुल्ला ने बताया कि रियासी का सबसे सुदूर इलाका है मौजाकोड़ जो जिला मुख्यालय से तीन सौ किलोमीटर दूर है।  उन्होंने कहा, ‘’70 साल मेरी उम्र है, हम तरसते रहे, लेकिन अब बिजली आई। पहले हमें अंधेरे में रहना पड़ता था। धुएं में रहते थे, सूर्य के रहने तक ही सब करना पड़ता था। हम आपको मुबारकबाद देते हैं कि आखिरी कोने में बिजली आई।‘’

बिटोली देवी को अब सांप-बिच्छू का नहीं लगता डर
उत्तर प्रदेश में कन्नौज की रहने वाली बिटोली देवी ने बताया कि  2016 से हमारे गांव का विद्युतीकरण हुआ है। हमारे गांव के सभी खुश हैं। अब हमारे बच्चे खुश हैं। अब सांप-बिच्छू का भी डर नहीं है।

इसपर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’हमारे गांव में बिजली तो आ गई थी, लेकिन हमारे घर में बिजली नहीं आई थी। जब हम छोटे थे तो मिट्टी के तेल से दिया जलाकर पढ़ते थे, लेकिन आंखों में जलन होती थी। लोगों ने बताया कि केस्ट्रल ऑयल से पढ़ेंगे तो आंख नहीं जलेंगे। हम कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों की समस्या दूर हो।‘’

बिजली आने से 50 से 95 प्रतिशत हो गए बच्चों के मार्क्स
उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल के मारवाड़ी के रहने वाले रामचंद्र सिंह बिष्ट ने कहा, ‘’नवंबर, 2016 में दीपावली के दिन हमारा गांव बिजली से जगमगा गया। बिजली आने से मुझे रोजगार मिल गया। उत्तराखंड ग्रामीण बैंक में बैंक मित्र का काम करता हूं। पड़ोसी गांव को भी फायदा हुआ है।‘’ उन्होंने बताया कि दो गांवों के मध्यम में उनका गांव है इसलिए ग्राहक सेवा केंद्र उनके ही गांव में खुला हुआ है। लोगों को पहले 50 किलोमीटर दूर कैश लाने के लिए जाना पड़ता था, लेकिन आज गांव में कैश उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने बताया कि जहां जंगली जानवरों के हमले का डर दूर हुआ है वहीं बच्चों की पढ़ाई भी पहले से बेहतर हुई है। अब उनका बच्चा 95 प्रतिशत तक नंबर लाता है।

बिजली आने की तारीख को जन्मी बच्ची, नाम रखा दीपिका
राजस्थान में जैसलमेर के तेवरिया निवासी शिवनाथ सिंह ने कहा,  ‘’हमारे गांव मे पहले लाइट नहीं थी तो लोग रिश्तेदारी करने में भी कतराते थे। अब हमारे गांव में टीवी भी आ गया है, आटा चक्की लग गया है। हमारा गांव एकदम शहर लगता है। मैंने टेलिविजन से ही हिंदी सीखी है।“ उन्होंने कहा, ‘’जिस दिन गांव में बिजली आई उसी दिन मेरी बेटी का जन्म हुआ तो हमने उसका नाम दीपिका रख दिया।‘’

प्रधानमंत्री ने संवाद के आखिरी चरण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने वाले बस्तर, सीतापुर, अलीराजपुर, सिहोर और नवपाड़ा के लोगों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, ‘’लाखों लोग जो हमारे साथ जुड़े हैं वे जान पा रहे हैं कि जब विकास होता है तो कैसा लगता है।‘’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है। अब हमारी सरकार ने सभी घरों को रोशन करने का लक्ष्य रखा है। सौभाग्य योजना के माध्यम से चार करोड़ लोगों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। जिसमें गरीब परिवारों के लिए पांच सौ लिए जाएंगे, जिसे 10 आसान किस्तों में चुका सकते हैं। कम से कम समय में लोगों के घरों में बिजली पहुंचे इसके लिए कैंप भी लगाए जा रहे हैं। दूरस्त और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के लिए सौर ऊर्जा प्रणालियों का प्रावधान भी किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’बिजली सिर्फ प्रकाश की पूर्ति नहीं करती, बिजली लोगों में आत्मविश्वास भी भरता है।‘’ उन्होंने कहा, ‘’ऊर्जा एक प्रकार से गरीबी के खिलाफ लड़ने का साधन भी बन सकता है। गांव-गांव बिजली सिर्फ अंधियारा ही नहीं भगा रही है बल्कि तरक्की का उजियारा भी फैला रही है।‘’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग ये कहते हैं कि इतने घरों में अब भी बिजली नहीं है, वह हमारी सरकार पर टिप्पणी नहीं कर रहे होते हैं बल्कि पिछली सरकारों पर टिप्पणी है जिन्होंने साठ वर्षों में भी इन गांवों-घरों में बिजली नहीं पहुंचाई।  प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा काम समस्याओं को गिनते जाना नहीं, उससे मुक्ति दिलाना है।

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